अयोध्या: वर्षों से चले आ रहे अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यस्थता के लिए 3 सदस्यीय लोगों की एक कमेटी बनाई. इसमें श्री श्री रविशंकर समेत एक रिटायर्ड जस्टिस को भी शामिल किया गया. कोर्ट के इस फैसले के बाद अयोध्या से बाबरी मस्जिद के पैरोकार इक़बाल अंसारी ने कहा कि हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन सम्मानजनक फैसला न मिलने पर अंतिम निर्णय कोर्ट का ही मानेंगे.
बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि हम पहले भी कहते रहे कि हमने सुप्रीम कोर्ट का हर फैसला माना है और आगे भी मानेंगे. इस बार सुप्रीम कोर्ट ने जिन तीन लोगों की कमेटी बनाई है, उनका हम स्वागत करते हैं. हम मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन सम्मानजनक स्थिति मिलेगी या फैसला सम्मानजनक होगा तो हम मानेंगे, वरना हमारे पास अभी और भी रास्ते खुले हैं.
इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारे पास जो जमीन दिये जाने का ऑफर कर रहे हैं, इस पर कोई निर्णय भी नहीं लिया गया है. हमारी पूरी कमेटी इस मामले पर निर्णय लेगी. उसके बाद हम इस फैसले पर पहुंचेंगे कि हमें अलग जमीन चाहिए या नहीं चाहिए. तीनों कमेटी में अयोध्या से कुछ लोग होते तो हमें अच्छा लगता. कई जगहों पर तो हिंदू संगठन भी श्री श्री रविशंकर का विरोध कर रहे हैं फिर उन्हें रखने से मामला और लंबा ही जाएगा. हमें कोई दिक्कत नहीं है. हमें तो मामले का समाधान चाहिए.