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सम्मानजनक फैसला न मिलने पर अंतिम निर्णय कोर्ट का ही मानेंगे :इकबाल अंसारी

अयोध्या मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यीय लोगों की कमेटी बनाई है. इस फैसले के बाद बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं. सम्मानजनक फैसला न मिलने पर अंतिम निर्णय कोर्ट का ही मानेंगे.

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Published : Mar 8, 2019, 5:44 PM IST

अयोध्या मामले पर संवाददाता से बातचीत करते इकबाल अंसारी.

अयोध्या: वर्षों से चले आ रहे अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यस्थता के लिए 3 सदस्यीय लोगों की एक कमेटी बनाई. इसमें श्री श्री रविशंकर समेत एक रिटायर्ड जस्टिस को भी शामिल किया गया. कोर्ट के इस फैसले के बाद अयोध्या से बाबरी मस्जिद के पैरोकार इक़बाल अंसारी ने कहा कि हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन सम्मानजनक फैसला न मिलने पर अंतिम निर्णय कोर्ट का ही मानेंगे.

अयोध्या मामले पर संवाददाता से बातचीत करते इकबाल अंसारी.


बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि हम पहले भी कहते रहे कि हमने सुप्रीम कोर्ट का हर फैसला माना है और आगे भी मानेंगे. इस बार सुप्रीम कोर्ट ने जिन तीन लोगों की कमेटी बनाई है, उनका हम स्वागत करते हैं. हम मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन सम्मानजनक स्थिति मिलेगी या फैसला सम्मानजनक होगा तो हम मानेंगे, वरना हमारे पास अभी और भी रास्ते खुले हैं.


इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारे पास जो जमीन दिये जाने का ऑफर कर रहे हैं, इस पर कोई निर्णय भी नहीं लिया गया है. हमारी पूरी कमेटी इस मामले पर निर्णय लेगी. उसके बाद हम इस फैसले पर पहुंचेंगे कि हमें अलग जमीन चाहिए या नहीं चाहिए. तीनों कमेटी में अयोध्या से कुछ लोग होते तो हमें अच्छा लगता. कई जगहों पर तो हिंदू संगठन भी श्री श्री रविशंकर का विरोध कर रहे हैं फिर उन्हें रखने से मामला और लंबा ही जाएगा. हमें कोई दिक्कत नहीं है. हमें तो मामले का समाधान चाहिए.

अयोध्या: वर्षों से चले आ रहे अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यस्थता के लिए 3 सदस्यीय लोगों की एक कमेटी बनाई. इसमें श्री श्री रविशंकर समेत एक रिटायर्ड जस्टिस को भी शामिल किया गया. कोर्ट के इस फैसले के बाद अयोध्या से बाबरी मस्जिद के पैरोकार इक़बाल अंसारी ने कहा कि हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन सम्मानजनक फैसला न मिलने पर अंतिम निर्णय कोर्ट का ही मानेंगे.

अयोध्या मामले पर संवाददाता से बातचीत करते इकबाल अंसारी.


बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि हम पहले भी कहते रहे कि हमने सुप्रीम कोर्ट का हर फैसला माना है और आगे भी मानेंगे. इस बार सुप्रीम कोर्ट ने जिन तीन लोगों की कमेटी बनाई है, उनका हम स्वागत करते हैं. हम मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन सम्मानजनक स्थिति मिलेगी या फैसला सम्मानजनक होगा तो हम मानेंगे, वरना हमारे पास अभी और भी रास्ते खुले हैं.


इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारे पास जो जमीन दिये जाने का ऑफर कर रहे हैं, इस पर कोई निर्णय भी नहीं लिया गया है. हमारी पूरी कमेटी इस मामले पर निर्णय लेगी. उसके बाद हम इस फैसले पर पहुंचेंगे कि हमें अलग जमीन चाहिए या नहीं चाहिए. तीनों कमेटी में अयोध्या से कुछ लोग होते तो हमें अच्छा लगता. कई जगहों पर तो हिंदू संगठन भी श्री श्री रविशंकर का विरोध कर रहे हैं फिर उन्हें रखने से मामला और लंबा ही जाएगा. हमें कोई दिक्कत नहीं है. हमें तो मामले का समाधान चाहिए.

Intro:अयोध्या. सालों से चले आ रहे अयोधया राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्टने आज मध्यस्तता के लिए 3 सदस्यीय लोगों की एक कमेटी बनाई। जिसमे श्रीश्री रवि शंकर समेत एक रिटायर्ड जस्टिस को भी शामिल किया गया। कोर्ट के जस फैसले के बाद अयोध्या से बाबरी मस्जिद के पैरोकार इक़बाल अंसारी ने कहा कि, हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन सम्मान जनक फैसला न मिलने पर अंतिम निर्णय कोर्ट का ही मानेंगे। कमेटी में अयोध्या के लोग भी होते तो बेहतर होता।


Body:बाबरी मस्जिद के पैरोकार अयोध्या से इकबाल अंसारी ने कहा, हम पहले भी कहते रहे कि, हमने सुप्रीम कोर्ट का हर फैसला माना है और आगे भी मानेंगे इस बार सुप्रीम कोर्ट ने जिन 3 लोगों की कमेटी बनाई है।
उनका हम स्वागत करते हैं हम मध्यस्थता के लिए तैयार है, लेकिन सम्मानजनक स्थिति मिलेगी फैसला सम्मानजनक होगा तो हम मानेंगे वरना हमारे पास अभी और भी रास्ते हैं। जिसमें हम सुप्रीम कोर्ट जाकर फैसला उन्हीं से लेंगे। इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारे पास जो जमीन दिया जाने का ऑफर कर रहे हैं इस पर कोई निर्णय भी नहीं लिया गया है हमारी पूरी कमेटी इस मामले पर निर्णय लेगी उसके बाद हम इस फैसले पर पहुंचेंगे कि, हमें अलग है जमीन चाहिए या नहीं चाहिए। फिलहाल यह बात की बात है तीनों कमेटी में अगर अयोध्या से कुछ लोग होते तो हमें अच्छा लगता है। कई जगहों पर तो हिंदू संगठन भी श्री श्री रविशंकर का विरोध कर रहे हैं फिर उन्हें रखने से मामला और लंबा ही कीजिएगा। हमें कोई दिक्कत नहीं है हमें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समाधान चाहिए और फैसला चाहिए।


Conclusion:
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