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बाबर नहीं देश के महापुरुषों के नाम पर हो मस्जिद का नाम: इकबाल अंसारी

अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा है कि मस्जिद का नाम भारत के महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए. अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद का निर्माण कराने जा रहा है.

अयोध्या में मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी
अयोध्या में मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी
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Published : Aug 20, 2020, 2:51 AM IST

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुरुआत होने के बाद अब अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद का निर्माण करने जा रहा है. इसके लिए धन्नीपुर ग्राम सभा में मिली 5 एकड़ जमीन का राजस्व विभाग ने चिह्नांकन किया है. वहीं बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि बेहतर होगा मस्जिद का नाम देश के नाम कुर्बान होने वाले महापुरुषों के नाम पर रखा जाए. बाबर के नाम का हमारे धर्म से कोई विशेष संबंध नहीं है.

अयोध्या में मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी.
9 नवंबर 2019 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के अनुरूप शासन ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी है. यह जमीन श्रीराम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे संख्या-28 पर स्थित है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों की मौजूदगी में राजस्व विभाग ने 17 अगस्त को पांच एकड़ की जमीन का चिह्नांकन भी कर लिया है. तकनीकी रूप से कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह इस जमीन को मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को निर्माण के लिए सौंपेगा. धन्नीपुर में मस्जिद के लिए जमीन की मेड़ बंदी का कार्य अभी होना है. माना जा रहा है कि जमीन के चिह्नांकन के बाद मस्जिद निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जा सकता है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि बाबर का नाम हम पहले भी नहीं लेते थे और आज भी नहीं लेते. मुगल बादशाह होने के चलते उनकी प्रसिद्धि हो गई. बाबर का सिर्फ नाम ही है. उन्होंने कहा है कि बाबर बादशाह जरूर रहा लेकिन उसका हमारे धर्म से कोई विशेष संबंध नहीं है. इकबाल अंसारी ने कहा कि बहुत सारे ऐसे मुस्लिम समाज के लोग रहे, जिन्होंने भारत के लिए अपनी कुर्बानी दी. देश को गति देने में उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया. अब्दुल कलाम आजाद, अशफाक उल्ला खां, वीर अब्दुल हमीद, मौलाना आजाद और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए योगदान दिया. ऐसे महापुरुषों के नाम पर मस्जिद का नाम रखना उचित रहेगा. उन्होंने कहा कि बाबर का नाम न रखा जाए तो बेहतर होगा.

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुरुआत होने के बाद अब अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद का निर्माण करने जा रहा है. इसके लिए धन्नीपुर ग्राम सभा में मिली 5 एकड़ जमीन का राजस्व विभाग ने चिह्नांकन किया है. वहीं बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि बेहतर होगा मस्जिद का नाम देश के नाम कुर्बान होने वाले महापुरुषों के नाम पर रखा जाए. बाबर के नाम का हमारे धर्म से कोई विशेष संबंध नहीं है.

अयोध्या में मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी.
9 नवंबर 2019 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के अनुरूप शासन ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी है. यह जमीन श्रीराम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे संख्या-28 पर स्थित है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों की मौजूदगी में राजस्व विभाग ने 17 अगस्त को पांच एकड़ की जमीन का चिह्नांकन भी कर लिया है. तकनीकी रूप से कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह इस जमीन को मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को निर्माण के लिए सौंपेगा. धन्नीपुर में मस्जिद के लिए जमीन की मेड़ बंदी का कार्य अभी होना है. माना जा रहा है कि जमीन के चिह्नांकन के बाद मस्जिद निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जा सकता है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि बाबर का नाम हम पहले भी नहीं लेते थे और आज भी नहीं लेते. मुगल बादशाह होने के चलते उनकी प्रसिद्धि हो गई. बाबर का सिर्फ नाम ही है. उन्होंने कहा है कि बाबर बादशाह जरूर रहा लेकिन उसका हमारे धर्म से कोई विशेष संबंध नहीं है. इकबाल अंसारी ने कहा कि बहुत सारे ऐसे मुस्लिम समाज के लोग रहे, जिन्होंने भारत के लिए अपनी कुर्बानी दी. देश को गति देने में उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया. अब्दुल कलाम आजाद, अशफाक उल्ला खां, वीर अब्दुल हमीद, मौलाना आजाद और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए योगदान दिया. ऐसे महापुरुषों के नाम पर मस्जिद का नाम रखना उचित रहेगा. उन्होंने कहा कि बाबर का नाम न रखा जाए तो बेहतर होगा.
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