अयोध्याः देश में समान नागरिक संहिता कानून बनाए जाने की मांग को लेकर हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरु एक मंच पर आए हैं. तपस्वी छावनी के महंत जगत गुरु परमहंस आचार्य और बाबरी पक्ष के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर संयुक्त रूप से मांग उठाई है. इस मौके पर इकबाल अंसारी ने जगदगुरु परमहंस आचार्य को राम दरबार भेंट किया है तो जगदगुरु परमहंस आचार्य ने बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी को भगवा शाल भेंटकर सम्मानित किया.
जगत गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि देश में हर कोई चाह रहा है कि समान नागरिक संहिता लागू हो. देश विरोधी पाक परस्त और आतंकवादियों के समर्थक ही केवल समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहे हैं. जगदगुरु ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विगत कई वर्षों से असमंजस की स्थिति चल रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा केंद्र सरकार को कई बार निर्देशित किया गया है.
समान नागरिक संहिता पर विचार किया जाना चाहिए जो भी समान नागरिक संहिता का विरोध करें उसके ऊपर राष्ट्रदोह की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया जाए. समान नागरिक संहिता किसी के अपमान का विषय नहीं है बल्कि सबको समान अधिकार दिए जाने की बात है. राष्ट्रहित सर्वोपरि है.
जगतगुरु ने कहा कि सब कुछ करना चाहिए लेकिन राष्ट्रहित में रोड़ा नहीं बनना चाहिए और जो देश हित में रोड़ा बने उसे ठोकर मारनी चाहिए. जगतगुरु ने कहा कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी की मांग है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू करें. अलग-अलग कानून से लोगों में विषमता और दुर्भावनाएं फैलती हैं. समान नागरिक संहिता का विरोध करने वाले लोग पाकिस्तान के हमदर्द हैं, आतंकवादियों के समर्थक हैं. देश विरोधी हैं.
वहीं, बाबरी पक्ष के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारे देश में एक सिक्का चलता है तो कानून भी एक होना चाहिए. सारी जाति और धर्म के लोग देश में बसे हुए हैं. हमारी और हमारे अयोध्या के साधु-संतों की मांग है कि सरकार जो भी नियम लाए वह पूरे देश में सभी के लिए एक हो. हिंदुस्तान में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी लोग संविधान को मानें. इकबाल अंसारी ने कहा कि पूरे देश की भलाई के लिए हम यह मांग कर रहे हैं कि हमारा देश अगर एक कानून से चलेगा तो देश तरक्की करेगा. हम चाहते हैं कि सरकार समान नागरिक संहिता लागू करे जिससे कि लोगों का भला हो.
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