अयोध्याः मस्जिद निर्माण के लिए धन एकत्रित न होने पर बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष की कार्यशैली पर आरोप लगाया है. उनके मुताबिक ट्रस्ट का गठन निजी ट्रस्ट है, जिसके कारण लोग उन पर विश्वास नहीं कर रहे हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण के साथ मस्जिद निर्माण की तैयारी शुरू कर दी गई हैं.
ट्रस्ट ने जुटाए हैं अभी तक 20 लाख रुपये
मस्जिद निर्माण के लिए गठित किए गए इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट अभी तक 20 लाख रुपये ही जुटा पाई है. इसको लेकर इकबाल अंसारी ने ट्रस्ट पर बड़ा आरोप लगाया है. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट में फैसले के बाद अयोध्या के धनीपुर में मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड आवंटित किया गया और वक्फ बोर्ड के द्वारा फरवरी 2020 में इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया गया. सामाजिक सहयोग से मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट के नाम बैंक में खाता खुलवाया गया. ट्रस्ट के गठन के बाद 16 माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक मस्जिद निर्माण के लिए 20 लाख रुपये एकत्रित हो सका है. इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन द्वारा 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद के साथ अस्पताल, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन, संग्रहालय बनाए जाने की योजना बनाई गई है.
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पूरी दुनिया में हैं भगवान को मानने वाले लोग
बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बताया कि पूरी दुनिया में लोग राम का नाम लेते हैं. चाहे वह मुस्लिम देश हो या हिंदू देश जैसे भगवान राम का नाम है. वैसे ही इनका नाम लेने वाले लोग हैं, लेकिन सवाल अयोध्या का है. जहां मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ की भूमि दी गई है. इसके लिए ट्रस्ट के लोग बता रहे हैं कि अभी तक 20 लाख रुपये ही आए हैं. जबकि राम मंदिर में करोड़ों रुपये आ चुके हैं. यह सब भगवान राम की देन है. उन्हें मानने वाले पूरी दुनिया में लोग मौजूद हैं.