अयोध्या : भगवान राम की नगरी में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि धीरे-धीरे करीब आ रही है. ट्रस्ट तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या को सख्त सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा. वीआईपी मूवमेंट और प्रधानमंत्री के आगमन को ध्यान में रखते हुए खास इंतजाम किए जाएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट और अयोध्या के वरिष्ठ अधिकारियों, आरएसएस के पूर्व सहकार्यवाहक भैया जी जोशी की मौजूदगी में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भवन में सोमवार को अहम बैठक हुई. लगभग 2 घंटे तक बंद कमरे में अयोध्या जिला प्रशासन के साथ राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने आयोजन की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन किया. बैठक में आईजी, मंडलायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी भी शामिल रहे.
एक सप्ताह से ज्यादा तक चलेगा कार्यक्रम : 22 जनवरी 2024 को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. प्रधानमंत्री भगवान की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के मुख्य यजमान होंगे. लगभग 1 हफ्ते से ज्यादा समय तक प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव चलेगा. अयोध्या समेत भगवान रामलला परिसर को सख्त सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा. हालांकि प्राण प्रतिष्ठा में महोत्सव में आमंत्रित किए गए मेहमानों की सूची अभी बनाई ही जा रही है. इस सूची में कौन-कौन से लोग होंगे, इस पर भी मंथन चल रहा है. विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को ही प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया जाएगा. जिससे रामनगरी की सुरक्षा भी सख्त रहे और आम जनमानस को भी कोई परेशानी न हो. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में वीआईपी मूवमेंट आदि को लेकर लगातार मंथन चल रहा है.
ट्रस्ट ने जारी की पुजारी के आवेदन की सूचना : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में नियमित रूप से रामलला की सेवा पूजा अर्चना के लिए अतिरिक्त पुजारी की नियुक्ति को लेकर ट्रस्ट ने आवेदन के लिए सूचना जारी कर दी है. आगामी 31 अक्टूबर तक इच्छुक व्यक्ति पुजारी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए पहले चरण में आवेदनकर्ता को पहले प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके बाद एक परीक्षा भी ली जाएगी. इसमें सफल अभ्यर्थी को भगवान रामलला की सेवा, पूजा के लिए पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिमाह अभ्यर्थी को 2000 रुपये ट्रस्ट द्वारा दिए जाएंगे.
ये होनी चाहिए योग्यता : पुजारी के लिए ट्रस्ट ने कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किया है. पुजारी का अयोध्या का होना आवश्यक है. इसके अलावा प्रमुख रूप से रामानंदीय संप्रदाय से दीक्षित होना आवश्यक है. अभ्यर्थी की आयु वर्ग 20 से 30 वर्ष होनी चाहिए. इसके अलावा गुरुकुल से शिक्षित अभ्यर्थी ही पुजारी के लिए चयनित किया जा सकते हैं. वहीं मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों को लेकर लगातार बैठकें कर रणनीति बनाई जा रही है.
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