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अयोध्या: मुस्लिम धर्मगुरु की मांग, अलविदा और ईद की नमाज से हटे प्रतिबंध

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Published : May 18, 2020, 3:20 PM IST

यूपी के अयोध्या जिले में इमाम समसुल कादिर ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अलविदा की नमाज और ईद की नमाज मस्जिदों में अदा करने की अनुमति मांगी है. इमाम का तर्क है कि जब देश में शराब की दुकानें खुल सकती हैं, तो मस्जिदों में नमाज अदा क्यों नहीं की जा सकती है.

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इमाम ने जिला प्रशासन को लिखा पत्र

अयोध्या: रविवार को टाटशाह मस्जिद के इमाम की ओर से जिला प्रशासन से मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति मांगी गई है. यह मांग रमजान के आखिरी जुमा और ईद की नमाज के लिए की गई है. शहर के इमाम की ओर से कहा गया है कि जब शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो रमजान के अंतिम जुमे की नमाज और ईद पर मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति भी दी जानी चाहिए.

इमाम ने जिला प्रशासन को लिखा पत्र
बता दें कि रमजान के दौरान 22 मई को जुमे के अलविदा की नमाज है. वहीं 24 मई या फिर 25 मई को ईद हो सकती है. मुस्लिम समुदाय का यह विशेष पर्व है. साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में जाकर इस अवसर पर विशेष दुआ मांगते हैं. ऐसे में मरकज से जुड़ी टाटशाह मस्जिद के इमाम समसुल कादिर ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अलविदा की नमाज और ईद की नमाज को मस्जिदों में अदा करने की अनुमति देने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें: यूपी में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 4287, अब तक 104 की मौत

इमाम ने इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा शराब की दुकानों को खोले जाने का तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि अलविदा जुमा और ईद वर्ष भर में एक बार आती है. इस दिन मस्जिद में की जाने वाली दुआ पूरी तरह से कबूल होती है. उन्होंने कहा है कि देश में जहां शराब की दुकानें और दूसरी सभी दुकानें खुल चुकी हैं. ऐसे में ईद के दिन ईदगाह पर नमाज अदा करने और अलविदा के दिन मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति मिलनी चाहिए. साथ ही कहा कि इस दिन मुस्लिम समाज कोरोना महामारी से मुक्ति की दुआ अल्लाह से मांगेगा.

क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद चौरसिया ने बताया कि मरकज मस्जिद के इमाम की ओर से दिए गए पत्र को रिसीव कर लिया गया है. इनकी मांग अधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी.

अयोध्या: रविवार को टाटशाह मस्जिद के इमाम की ओर से जिला प्रशासन से मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति मांगी गई है. यह मांग रमजान के आखिरी जुमा और ईद की नमाज के लिए की गई है. शहर के इमाम की ओर से कहा गया है कि जब शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो रमजान के अंतिम जुमे की नमाज और ईद पर मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति भी दी जानी चाहिए.

इमाम ने जिला प्रशासन को लिखा पत्र
बता दें कि रमजान के दौरान 22 मई को जुमे के अलविदा की नमाज है. वहीं 24 मई या फिर 25 मई को ईद हो सकती है. मुस्लिम समुदाय का यह विशेष पर्व है. साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में जाकर इस अवसर पर विशेष दुआ मांगते हैं. ऐसे में मरकज से जुड़ी टाटशाह मस्जिद के इमाम समसुल कादिर ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अलविदा की नमाज और ईद की नमाज को मस्जिदों में अदा करने की अनुमति देने की मांग की है.

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इमाम ने इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा शराब की दुकानों को खोले जाने का तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि अलविदा जुमा और ईद वर्ष भर में एक बार आती है. इस दिन मस्जिद में की जाने वाली दुआ पूरी तरह से कबूल होती है. उन्होंने कहा है कि देश में जहां शराब की दुकानें और दूसरी सभी दुकानें खुल चुकी हैं. ऐसे में ईद के दिन ईदगाह पर नमाज अदा करने और अलविदा के दिन मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति मिलनी चाहिए. साथ ही कहा कि इस दिन मुस्लिम समाज कोरोना महामारी से मुक्ति की दुआ अल्लाह से मांगेगा.

क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद चौरसिया ने बताया कि मरकज मस्जिद के इमाम की ओर से दिए गए पत्र को रिसीव कर लिया गया है. इनकी मांग अधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी.

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