अयोध्या: भारतीय पर्यटन दिवस के अवसर पर डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबन्ध एवं उद्यमिता विभाग ने अयोध्या के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों को हेरिटेज वॉक में दिखाया. हेरिटेज वॉक का शुभारम्भ अयोध्या के ब्रह्यकुण्ड गुरुद्वारे से किया गया. इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविशंकर सिंह, मुख्य अतिथि अपर नगर आयुक्त नगर निगम, अयोध्या के सच्चिदानंद सिंह, विशिष्ट अतिथि विकास नारायण और मंहत गिरीश पति त्रिपाठी ने की.
ये हेरिटेज वाॅक का उद्देश्य
कार्यक्रम के प्रारम्भ में गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विशेषज्ञ डाॅ. सर्वेश कुमार ने इस वाॅक का ऐतिहासिक महत्व बताया. हेरिटेज वाॅक के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक शुक्ला ने बताया कि आज दो हेरिटेज वाॅक का आयोजन किया गया है. प्रथम हेरिटेज वाॅक ब्रह्यकुण्ड गुरुद्वारे से प्रारम्भ होकर कौशल्या घाट, राज घाट, श्री अनंतनाथ की जन्मस्थली होते हुए ऋण मोचन घाट झुनकी घाट और सिया पिया किला होते हुए कोरियन पार्क पर समाप्त हुई. इस हेरिटेज वाॅक का उद्देश्य सर्वधर्म सम्भाव से सभी लोगों का परिचय कराना था.
मुगलकालीन धरोहरों से होंगे रूबरू
दूसरी हेरिटेज वॉक ओल्ड अवध हेरिटेज वाॅक का प्रारम्भ अफीम कोठी, धारा रोड से प्रारम्भ होकर गुलाबबाडी पर समाप्त हुई. इस हेरिटेज वाॅक का उद्देश्य सभी को मुगलकालीन धरोहरों से रूबरू कराना था.
सभी को दी पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने सभी लोगों को पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि आज हम सभी अपने विरासतों को भूल रहे हैं. विभाग ने इस प्रकार वाॅक कराकर पर्यटन को बढ़ावा देने का एक अच्छा प्रयोग किया है. धरोहर चाहे सांस्कृतिक हो या ऐतिहासिक उसका संरक्षण होना आवश्यक है.
धरोहरों के संरक्षण के लिए तत्पर रहना चाहिए
आप सभी विधार्थियों और गाइड प्रशिक्षुओं को अपने धरोहरों के संरक्षण के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. आने वाले वर्षों में अयोध्या पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रमुख केन्द्र होगा. तब पर्यटक इन्हीं सब स्थलों को देखने आयेगें. इसलिए आप सभी इन स्थलों की सूक्ष्म जानकारी एकत्रित करें.
हेरिटेज वाॅक सराहनीय कार्य
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर नगर आयुक्त नगर निगम, अयोध्या के सच्चिदानंद सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विभागाध्यक्ष का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार का हेरिटेज वाॅक आयोजित कर आपने बहुत ही सराहनीय कार्य किया है, क्योंकि अधिकतर लोग इन स्थलों के महत्व को नहीं जानते हैं. इसलिए इससे एतिहासिक स्थलों का संक्षरण हो रहा है. जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता है.
पूरा सहयोग मिलेगा
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सहायक पर्यटन अधिकारी विकास नारायण ने कहा कि उप्र पर्यटन विभाग ऐसे पर्यटक स्थलों को संरक्षित करना चाह रहा है और उनका प्रचार प्रसार भी कर रहा है. अयोध्या के प्रमुख स्थल लोगों की जानकारी से दूर हैं, अब उनको प्रमुख धारा में लाया जाएगा. विश्वविद्यालय ने यह कदम उठाया है, जिसकी मैं अत्यंत सराहना करता हूं और वादा करता हूं कि विश्वविद्यालय पर्यटन विभाग से जो भी सहयोग चाहेगा उसे पूरा किया जाएगा.
वाॅक करा कर बहुत ही अच्छा कार्य
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबन्ध विभाग ने यह हेरिटेज वाॅक करा कर बहुत ही अच्छा कार्य किया है. उन्होनें कहा कि अयोध्या में बहुत से ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनका अब संक्षरण हो रहा है. मैं जिला प्रशासन एवं नगर निगम से अनुरोध करता हूं कि ऐसे स्थलों का अब रखरखाव किया जाए.
अयोध्या में वह सब है, जो विश्व धरोहर के लिए चाहिए
हेरिटेज वाॅक के विशेषज्ञ डाॅ. सर्वेश कुमार ने विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह और व्यवसाय प्रबन्ध विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक शुक्ला को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कहा कि अयोध्या को अब यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया जाना चाहिए. अयोध्या में वह सब है. जो किसी भी विश्व धरोहर में होता है. डाॅ. सर्वेश ने कहा कि इस धरोहर यात्रा का उद्देश्य विश्वविद्यालय के पर्यटन के छात्रों और अयोध्या के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं को इन प्रसिद्व स्थलों के प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता से परिचित कराना है.
घाटों का एक कॉरिडोर बनाया जाना होगा उपयोगी
अयोध्या में घाटों का एक कॉरिडोर बनाया जाना उपयोगी होगा. तभी वह पर्यटकों का आकषर्ण का केन्द्र बनेगा. अंत में व्यवसाय प्रबन्ध के प्रो. शैलेन्द्र वर्मा ने सभी अतिथियों, छात्रों एवं गाइड प्रशिक्षुओं को धन्यवाद ज्ञापन किया.