अयोध्या: 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमिपूजन और शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. इस कार्यक्रम की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं. इस कार्यक्रम को लेकर न सिर्फ अयोध्या बल्कि सम्पूर्ण राम भक्तों में उत्साह है. वहीं अयोध्या में कुछ ऐसे राम भक्त भी हैं जो राम मंदिर आंदोलन को लेकर जेल गए, पुलिस की लाठियां सहीं, कई बार भूखे भी सोए. बावजूद इसके यह भक्त राम के कार्य में लगे हुए हैं.
ऐसे ही एक भक्त हैं हनुमान यादव, जो पिछले 30 वर्षों से राम के कार्य में लगे हुए हैं. हनुमान यादव 1990 से अयोध्या के कारसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में रहते हैं. इसी कार्यशाला में राम मंदिर के लिए पत्थर तरासे जा रहे हैं. हनुमान यादव ने ईटीवी भारत के साथ अपने तीन दशकों का अनुभव साझा किया.
विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता हनुमान यादव से बातचीत. राम मंदिर आंदोलन के समय से ही कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तरासे से जा रहे हैं. यहां पर रहने वाले विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता हनुमान यादव ने बताया कि वह 1990 से यहीं रह रहे हैं. मुलायम सिंह की सरकार में राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ. आंदोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा था, कई बार पुलिस ने लाठियां भी चलाई. हनुमान यादव ने बताया कि इतने दिनों तक तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ा फिर भी यहां हम लोग इस उम्मीद में लगे रहे कि किसी दिन ऐसा शुभ अवसर आएगा जब भगवान राम का मंदिर बनेगा. आज वह समय आ गया है हम सब लोग बहुत खुश और आनंदित हैं. उन्होंने बताया कि कार्यशाला में रखे पत्थर एक मंजिला भवन के लिए पर्याप्त है. अब मंदिर का मॉडल बदल गया है. इस लिहाज से इससे अधिक पत्थरों की आवश्यकता होगी. कार्यशाला में राम मंदिर के गर्भ गृह के पत्थर रखे हुए हैं. यह पत्थर राम मंदिर में लगने हैं. उन्होंने बताया कि कार्यशाला में छत के लिए, दीवाल के लिए, गर्भ ग्रह के लिए तराशे हुए पत्थर रखे हैं. यह पत्थर राम मंदिर में लगाए जाएंगे. इतने लंबे वर्षों की तपस्या का फल हम राम भक्तों को मिला है. आज बेहद खुशी हो रही है.