अयोध्या : गणतंत्र दिवस के मौके पर आज अयोध्या के रौनाही थाना क्षेत्र में स्थित धन्नीपुर गांव में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट सांकेतिक रूप से मस्जिद निर्माण कार्य शुरू करेगा. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ट्रस्ट में शामिल सभी 9 सदस्य इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. सबसे पहले सुबह 8:30 बजे तिरंगे झंडे के ध्वजारोहण के बाद वृक्षारोपण कार्यक्रम होगा. उसके बाद सांकेतिक रूप से मस्जिद निर्माण के लिए आधारशिला रखी जाएगी.
धन्नीपुर में होगा सुंदर मस्जिद और हॉस्पिटल का निर्माण
अयोध्या के रौनाही में मिली 5 एकड़ जमीन पर ट्रस्ट सुंदर मस्जिद के अलावा एक संग्रहालय, लाइब्रेरी और एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण भी कराएगा. इसमें 200 मरीजों के इलाज की बेहतर व्यवस्था होगी. इसके अलावा एक सामुदायिक किचन बनाने का भी प्रस्ताव है, जिसमें रोजाना 1000 लोगों को भोजन कराया जा सके. इस योजना पर गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार से काम शुरू होगा.
अहमदुल्लाह शाह को किया जा सकता है समर्पित
ट्रस्ट मस्जिद के प्रोजेक्ट को अयोध्या के महान स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह को समर्पित कर सकता है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि ट्रस्ट अयोध्या मस्जिद परियोजना को महान स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह को समर्पित करने के प्रस्ताव पर बहुत गंभीरता से सोच रहा है. हमें अलग-अलग प्लेटफार्मों से सुझाव मिले हैं. यह एक अच्छा सुझाव है. हम आधिकारिक तौर पर विचार-विमर्श के बाद इसकी घोषणा करेंगे.
मस्जिद निर्माण से पहले शुरू हुआ जमीन के परीक्षण का कार्य
मस्जिद निर्माण कार्य शुरू होने से पहले सोमवार को लखनऊ की तकनीकी संस्था ने मस्जिद निर्माण स्थल पर 20 फुट गहराई से मिट्टी निकाल कर भूमि परीक्षण का कार्य शुरू कर दिया है. इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि इस स्थान पर विशालकाय आकार के भवन का निर्माण किया जा सकता है या नहीं. कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार जमीन की सतह से 20 मीटर गहराई तक की भूमि की टेस्टिंग की जाएगी. यह प्रक्रिया ऊपर से नीचे तक अलग-अलग क्रम में होगी. इसीलिए मिट्टी की टेस्टिंग प्रक्रिया में 3 दिन का समय लगेगा. इस टेस्टिंग प्रक्रिया में पता लगाया जाएगा कि जमीन से नीचे कितनी दूरी पर पानी मौजूद है.
मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ शुरू हुआ मस्जिद निर्माण
वर्ष 2019 में 9 नवम्बर की ऐतिहासिक तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को रामलला का जन्मस्थान मानते हुए उस पूरी भूमि को रामलला ट्रस्ट को सौंप दिया था. इसके साथ ही मामले में दूसरे पक्ष को राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर रौनाही के धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए भी 5 एकड़ जमीन दी गई थी, जिस पर अब मस्जिद का निर्माण शुरू होगा.