अयोध्याः भगवान राम के प्रति आस्था रखते हुए राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी सत्ता का त्याग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थि कलश यात्रा शुक्रवार की पूर्वाहन 11:00 बजे राम नगरी पहुंचेगी. जहां पर अयोध्या के तमाम वरिष्ठ संत और पार्टी कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. जिसके बाद पुण्य सलिला सरयू तट पर अस्थि कलश को सरयू में विसर्जित किया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थि कलश उनके परिजन लेकर अयोध्या आ रहे हैं.
आपको बता दें कि, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में वर्तमान में राम जन्मभूमि परिसर में मौजूद विवादित ढांचे को जिस समय कार सेवक गिरा रहे थे. उस समय प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे. भगवान राम में अपनी आस्था रखते हुए कल्याण सिंह ने इस घटना में बेहद नरम रवैया अख्तियार किया और किसी भी कार सेवक पर गोली नहीं चलवाई. जिसका नतीजा रहा कि कुछ ही घंटों में विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था. जिसका परिणाम है कि आज अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.
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इस बड़ी घटना के बाद सहर्ष कल्याण सिंह ने अपने पद से त्यागपत्र देकर अपनी सत्ता का बलिदान कर दिया था. उनके इस त्याग के कारण ही उन्हें सच्चे राम भक्त के रूप में जाना जाता है और अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर परिसर की ओर जाने वाले मार्ग का नाम भी कल्याण सिंह के नाम पर रखा गया है. अयोध्या और राम मंदिर प्रकरण को लेकर कल्याण सिंह का नाम हमेशा सुर्खियों में होने के करण अयोध्या में उनकी अस्थि कलश के विसर्जन का बड़ा महत्व है.
अस्थि विसर्जन के दौरान शुक्रवार की पूर्वाहन राम नगरी अयोध्या में बीजेपी के कई बड़े नेताओं का और संतों का जमावड़ा सरयू तट के किनारे होगा. जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. नदी के किनारे विसर्जन घाट बनाया गया है. शुक्रवार को परंपरागत रूप से वैदिक मंत्रोचार के बीच दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां मां सरयू में प्रवाहित की जाएंगी.