अयोध्या: जिले के कुमारगंज क्षेत्र स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेले का रविवार को सीएम योगी ने बड़ी धूमधाम से उद्घाटन किया था. इस तीन दिवसीय कृषि मेले के दूसरे ही दिन किसानों का इस मेले से मोहभंग हो गया. आयोजन के दूसरे दिन पांडाल की कुर्सियां खाली रही और स्टाल सूने. हैरान करने वाली बात तो यह रही कि कृषि विभाग के तमाम अधिकारियों ने भी इस आयोजन को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. नतीजा यह रहा कृषि मेला दूसरे दिन एक रश्मि आयोजन बनकर रह गया.
दूसरे ही दिन मेले से तमाम स्टॉल हुए गायब
बेहद हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस तीन दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन ही किसान मेले से कृषि विश्वविद्यालय के स्टॉलों के अलावा अन्य स्टॉल लगभग हट चुके हैं. वहीं आयोजन को लेकर संबंधित विभाग की उदासीनता को देखते हुए किसानों ने भी इस आयोजन में दूसरे दिन कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. आलम यह रहा कि करीब 1 हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था वाले पांडाल में गिनती की संख्या में लोग कुर्सियों पर बैठे नजर आए. हालांकि मंच से निर्धारित आयोजन होते रहे, लेकिन सामने पड़ी खाली कुर्सियां मंच पर बैठे लोगों का मुंह चिढ़ाते रहे.
कृषि मेले में दूसरे दिन आयोजित हुआ तकनीकी सत्र
कृषि मेले के दूसरे दिन के सत्र में कुलपति डॉ. विजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किसान गोष्ठी का तकनीकी सत्र आयोजित किया गया. मेले का मुख्य आकर्षण विश्वविद्यालय के प्रसाद निदेशालय में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी रही. जिसमें फल, सब्जियां, कड़कनाथ मुर्गा, बन राजा मुर्गा तथा की केबल बत्तख किसानों के आकर्षण का केंद्र रहे. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के शिक्षा शोध एवं प्रसार के लगाए गए स्टॉलों पर भी किसानों ने दिलचस्पी दिखाई. मेले में पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के स्टॉल पर दूध की शुद्धता की जांच के लिए टेस्टिंग का प्रबंधन भी किया गया था. जो किसान दूसरे दिन के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने जांच की प्रक्रिया को बेहद दिलचस्पी से देखा. विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई नरेंद्र शिवानी लौकी जिसकी लंबाई 6 फीट से भी ज्यादा होती है, किसानों के आकर्षण का खास केंद्र रही.
सीएम ने किया था 95 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन
आपको बता दें कि इस वृहद आयोजन का रविवार को सीएम योगी ने उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने 95 करोड़ की लागत से संपन्न होने वाली 39 परियोजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास और उद्घाटन भी किया था. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर किसानों से सीधा संवाद भी कायम किया और कृषि कानून को लेकर तमाम गलतफहमी भी दूर की. इस आयोजन के जरिए किसानों को उन्नत कृषि के प्रयोग बताने और खेती के जरिए अपनी आमदनी बढ़ाने का एक बड़ा प्रयास हो सकता था, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते यह आयोजन एक रश्मि आयोजन बनकर रह गया.