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रामलला की सुरक्षा में तैनात सिपाही ही हैं भगवान की पुरानी सेनाः श्री रामजन्मभूमि के पुजारी - भगवान राम की पूजा

इस समय पूरे देश में जोर-शोर से दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है. वहीं अयोध्या में इस दशहरे खास धूम देखने को मिल रही है. आज ही के दिन श्री राम जन्मभूमि में रामलला के वस्त्र बदल कर उन्हें नवीन वस्त्रों से सुसज्जित किया जाता है.

अयोध्या में धूम-धाम से मनाया जा रहा दशहरा.
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Published : Oct 9, 2019, 1:09 AM IST

अयोध्याः दशहरे के उपलक्ष में श्री राम जन्मभूमि में भगवान राम की पूजा देखते ही बनती है. यहां इस दिन बहुत से लोग श्री राम लला के दर्शन करने आते हैं, क्योंकि आज जो पूरे देश में खुशी का माहौल है उसके पीछे रामलला ही हैं, जिन्होंने रावण पर विजय प्राप्त कर, अधर्म पर धर्म का विजय पताका फहराया.

अयोध्या में धूम-धाम से मनाया गया दशहरा.

श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि, इस दिन को हम विजय पर्व कहते हैं. इस दिन के लिए शास्त्रों में वर्णित तमाम प्रकार की ऐसी पूजा विधियां है, जिससे विजयश्री का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन खासतौर पर आदित्य स्रोत का पाठ और मंगल गान जरूर गाए जाते हैं.
पढ़ेंः-गाजियाबाद: ऐसी रामलीला आपने शायद ही देखी होगी, यहां अयोध्या और लंदन साथ-साथ हैं!

आचार्य सत्येंद्र दास जी ने बताया कि आज के ही दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया था. इसलिए दशहरा के साथ-साथ इसे विजयदशमी भी कहा जाता है. उस समय भगवान राम की सेना में वानर और भालू थे, लेकिन अयोध्या में जो सेना है वह मनुष्य की सेना है.

इस सेना में सीआरपीएफ, पीएससी बल और लोकल पुलिस है. इसलिए उनकी जो सेना यहां दिखाई देती है, वह चारों ओर से रामलला को घेरे हुए पुलिस का पहरा है, जैसे भगवान राम जब यहां राजा के रूप में थे तो यहां उनके दरबार में सेना लगी हुई थी, उसी रूप में वर्तमान समय में यहां सेना के रूप में पुलिस बल तैनात है.

अयोध्याः दशहरे के उपलक्ष में श्री राम जन्मभूमि में भगवान राम की पूजा देखते ही बनती है. यहां इस दिन बहुत से लोग श्री राम लला के दर्शन करने आते हैं, क्योंकि आज जो पूरे देश में खुशी का माहौल है उसके पीछे रामलला ही हैं, जिन्होंने रावण पर विजय प्राप्त कर, अधर्म पर धर्म का विजय पताका फहराया.

अयोध्या में धूम-धाम से मनाया गया दशहरा.

श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि, इस दिन को हम विजय पर्व कहते हैं. इस दिन के लिए शास्त्रों में वर्णित तमाम प्रकार की ऐसी पूजा विधियां है, जिससे विजयश्री का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन खासतौर पर आदित्य स्रोत का पाठ और मंगल गान जरूर गाए जाते हैं.
पढ़ेंः-गाजियाबाद: ऐसी रामलीला आपने शायद ही देखी होगी, यहां अयोध्या और लंदन साथ-साथ हैं!

आचार्य सत्येंद्र दास जी ने बताया कि आज के ही दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया था. इसलिए दशहरा के साथ-साथ इसे विजयदशमी भी कहा जाता है. उस समय भगवान राम की सेना में वानर और भालू थे, लेकिन अयोध्या में जो सेना है वह मनुष्य की सेना है.

इस सेना में सीआरपीएफ, पीएससी बल और लोकल पुलिस है. इसलिए उनकी जो सेना यहां दिखाई देती है, वह चारों ओर से रामलला को घेरे हुए पुलिस का पहरा है, जैसे भगवान राम जब यहां राजा के रूप में थे तो यहां उनके दरबार में सेना लगी हुई थी, उसी रूप में वर्तमान समय में यहां सेना के रूप में पुलिस बल तैनात है.

Intro:अयोध्या। इस समय पूरे देश में जोर-शोर से दशहरे का त्यौहार मनाया जा रहा है। वही अयोध्या में किस दशहरे की खास धूम देखने को मिल रही है। मौका है श्री राम जन्मभूमि में रामलला के और सिंगार बदल कर उन्हें नवीन वस्त्रों के साथ दशहरा के उपलक्ष में उनकी पूजा। श्री राम जन्मभूमि में श्री राम की पूजा देखते ही बनती है। यहां इस दिन बहुत सारे लोग श्री राम लला के दर्शन करने जरूर आते हैं क्योंकि आज पूरे देश में खुशी का माहौल है तो वह रामलला ही हैं जिन्होंने रावण पर विजय प्राप्त कर विजय पताका फहरा इसी उपलक्ष में पूरा देश दशहरे को सेलिब्रेट करता है। इसे विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि इस दिन को हम विजय पर्व कहते हैं। इस दिन शास्त्रों तमाम प्रकार के ऐसे पूजा होती है जिसे विजय श्री का आशीर्वाद मिलता है इसमें खासतौर पर आदित्य स्रोत का और मंगल गान जरूर गाए जाते हैं।


Body:श्री राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि आज के ही दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था लंका पर विजय प्राप्त किया था इसलिए दशहरा के साथ-साथ इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। उस समय भगवान राम की सेना वानर और भालू थे लेकिन अयोध्या में जो सेना है वह मनुष्य की सेना है और उस सेना में सीआरपीएफ, बीएससी बल और लोकल पुलिस है इसलिए उनकी जो सेना यहां दिखाई देती है वह चारों ओर से रामलला को घेरे हुए पुलिस का पहरा है जैसे भगवान राम जब यहां राजा के रूप में थे तो यहां उनके दरबार में सेना लगी हुई थी उसी रूप में वर्तमान समय में यहां सेना के रूप में पुलिस बल तैनात है।


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दिनेश मिश्रा
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