अयोध्या: भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में पंच कोसी परिक्रमा अपने अंतिम दौर में है. वहीं दशकों से चला आ रहा अयोध्या भूमि विवाद मामले में भी जल्द ही फैसला आ सकता है. ऐसे में किसी भी प्रकार की घटना से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, खुफिया एजेंसियों ने कमर कस ली है. हाल ही में मिले आईबी इनपुट के मुताबिक नेपाल बॉर्डर की ओर से आतंकियों और संदिग्धों के घुसने की सूचना दी गई है. ऐसे में संदिग्धों से निपटने के लिए जगह-जगह सुरक्षा बलों ने अयोध्या को एक अभेद्य किले में तब्दील कर दिया है.
अयोध्या में सर्विलांस के जरिए भी मॉनिटर किया जा रहा है. इसमे सोशल मीडिया एक्टिविटी के अलावा ड्रोन कैमरे से भी संदिग्धों की पहचान की जा रही है. अयोध्या में लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए ऊंचाई से एंटी नेशनल लोगों की पहचान की जा रही है. अयोध्या में 8 ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं. अयोध्या में निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे और भी बढ़ाए जा सकते हैं.
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ड्रोन के माध्यम से छत पर पत्थर जमा करने वालों की भी निगरानी की जा रही है. इन ड्रोन को चलाने के लिए कई मंदिरों और मठों से भी सहायता ली जा रही है, जिससे ऊंचाई से ड्रोन उड़ाकर कवर किया जा सके. ड्रोन कैमरे जहां लगाए गए हैं, उनमें जिले का चौक क्षेत्र, श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र से सटा हुआ आउटर राम कोट क्षेत्र, हनुमान गढ़ी चौराहा, मकबरा रोड, रीकाब गंज क्षेत्र, लक्ष्मण किला रोड क्षेत्र प्रमुख तौर पर शामिल हैं.
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सीओ सिटी अरविंद चौरसिया ने कहा है कि ड्रोन कैमरे से लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे परिषद कार्यों के आदेश का पालन करना भी शामिल है. ड्रोन कैमरे के संचालन और व्यवस्था के लिए दो टीम ड्रोन कैमरे की बनाई गई हैं. जो अलग-अलग जगह पर इसकी निगरानी कर रहे ड्रोन कैमरे के सीधे संपर्क में रहेंगी.