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सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती, वेदांती ने दी प्रतिक्रिया

डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर पहुंच चुका है और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चालू है. विवादित स्थल पर कभी मस्जिद थी ही नहीं. विवादित ढांचा जर्जर हो चुका था, जिसे रामलला की सुरक्षा के लिए हटाना पड़ा.

बाबरी विध्वंस मामले में हाईकोर्ट में याचिका
बाबरी विध्वंस मामले में हाईकोर्ट में याचिका
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Published : Jan 9, 2021, 8:47 AM IST

अयोध्याः विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में मुस्लिम पक्षकार अब सीबीआई की विशेष कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब ने कहा कि सीबीआई कोर्ट से उन्हें न्याय नहीं मिला इसलिए याचिका दाखिल करनी पड़ी. मामले पर पूर्व सांसद व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष डॉ. राम विलास वेदांती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.

डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर पहुंच चुका है और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चालू है. विवादित स्थल पर कभी मस्जिद थी ही नहीं. विवादित ढांचा जर्जर हो चुका था, जिसे रामलला की सुरक्षा के लिए हटाना पड़ा.

याचिका पर प्रतिक्रिया देते डॉ. राम विलास वेदांती
सीबीआई कोर्ट से नहीं मिला न्याय
सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले हाजी महबूब ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि सीबीआई कोर्ट ने जिन आरोपियों को बरी किया उनकी की निगाह में दोषी हैं. इसलिए सीबीआई कोर्ट के खिलाफ उन्हें याचिका दाखिल करनी पड़ी. जिसको हाईकोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है.
राममंदिर के फैसले को हमने स्वीकार किया
हाजी महबूब ने कहा कि मुस्लिम समाज ने राम मंदिर के फैसले को स्वीकार किया. उन्होंने खुद भी इसका कोई विरोध नहीं किया. कोर्ट ने माना कि वहां मस्जिद थी, उसके बावजूद राममंदिर के फैसले को हमने स्वीकार किया. अब यह मामला मस्जिद तोड़ने का है और इसे तोड़ने वाले आरोपियों की सजा होनी चाहिए.
पेट्रो डालर लेने वाले लोग अयोध्या विवाद को दे रहे हैं बढ़ावा
दूसरी ओर पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि विवादित ढांचा मस्जिद नहीं था. वह जर्जर हो चुका था, इसलिए उसे गिरा दिया गया. उन्होंने हाजी महबूब पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि विदेशी धन पेट्रो डालर लेने वाले लोग अयोध्या विवाद को बढ़ावा देते रहे हैं. अब जब कोर्ट का फैसला आ गया है और मंदिर का निर्माण शुरू है तो ऐसे याचिकाओं का कोई मतलब नहीं रह गया है.
अपने फायदे के लिए मामले को भुनाना चाहती हैं राजनीतिक पार्टियां
वेदांती ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कोर्ट उनके पक्ष में न्याय करेगा. डॉ वेदांती ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए मामले को भुनाना चाहती हैं, जिसके लिए वे कुछ चेहरों का लगातार इस्तेमाल करती रही हैं. हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका भी उसी का एक अंग है.
आक्रांता बाबर के नाम पर अयोध्या में कुछ भी नहीं
डॉ. वेदांती इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि हैं. यहां मंदिर था, मंदिर है और मंदिर बन रहा है. इसे सभी लोग जानते हैं. अयोध्या में भगवान राम के नाम पर रामकोट है, कई मंदिर हैं, लक्ष्मण, दशरथ, सीता और कौशल्या के नाम पर आज भी घाट हैं. वहीं आक्रांता बाबर के नाम पर अयोध्या में कुछ भी नहीं है. इससे सिद्ध होता है कि अयोध्या भगवान श्री राम की नगरी है और बाबर जैसे आक्रांताओं के लिए अयोध्या में कोई भी जगह न थी, न है और न कभी रहेगी.

अयोध्याः विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में मुस्लिम पक्षकार अब सीबीआई की विशेष कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब ने कहा कि सीबीआई कोर्ट से उन्हें न्याय नहीं मिला इसलिए याचिका दाखिल करनी पड़ी. मामले पर पूर्व सांसद व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष डॉ. राम विलास वेदांती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.

डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर पहुंच चुका है और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चालू है. विवादित स्थल पर कभी मस्जिद थी ही नहीं. विवादित ढांचा जर्जर हो चुका था, जिसे रामलला की सुरक्षा के लिए हटाना पड़ा.

याचिका पर प्रतिक्रिया देते डॉ. राम विलास वेदांती
सीबीआई कोर्ट से नहीं मिला न्याय
सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले हाजी महबूब ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि सीबीआई कोर्ट ने जिन आरोपियों को बरी किया उनकी की निगाह में दोषी हैं. इसलिए सीबीआई कोर्ट के खिलाफ उन्हें याचिका दाखिल करनी पड़ी. जिसको हाईकोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है.
राममंदिर के फैसले को हमने स्वीकार किया
हाजी महबूब ने कहा कि मुस्लिम समाज ने राम मंदिर के फैसले को स्वीकार किया. उन्होंने खुद भी इसका कोई विरोध नहीं किया. कोर्ट ने माना कि वहां मस्जिद थी, उसके बावजूद राममंदिर के फैसले को हमने स्वीकार किया. अब यह मामला मस्जिद तोड़ने का है और इसे तोड़ने वाले आरोपियों की सजा होनी चाहिए.
पेट्रो डालर लेने वाले लोग अयोध्या विवाद को दे रहे हैं बढ़ावा
दूसरी ओर पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि विवादित ढांचा मस्जिद नहीं था. वह जर्जर हो चुका था, इसलिए उसे गिरा दिया गया. उन्होंने हाजी महबूब पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि विदेशी धन पेट्रो डालर लेने वाले लोग अयोध्या विवाद को बढ़ावा देते रहे हैं. अब जब कोर्ट का फैसला आ गया है और मंदिर का निर्माण शुरू है तो ऐसे याचिकाओं का कोई मतलब नहीं रह गया है.
अपने फायदे के लिए मामले को भुनाना चाहती हैं राजनीतिक पार्टियां
वेदांती ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कोर्ट उनके पक्ष में न्याय करेगा. डॉ वेदांती ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए मामले को भुनाना चाहती हैं, जिसके लिए वे कुछ चेहरों का लगातार इस्तेमाल करती रही हैं. हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका भी उसी का एक अंग है.
आक्रांता बाबर के नाम पर अयोध्या में कुछ भी नहीं
डॉ. वेदांती इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि हैं. यहां मंदिर था, मंदिर है और मंदिर बन रहा है. इसे सभी लोग जानते हैं. अयोध्या में भगवान राम के नाम पर रामकोट है, कई मंदिर हैं, लक्ष्मण, दशरथ, सीता और कौशल्या के नाम पर आज भी घाट हैं. वहीं आक्रांता बाबर के नाम पर अयोध्या में कुछ भी नहीं है. इससे सिद्ध होता है कि अयोध्या भगवान श्री राम की नगरी है और बाबर जैसे आक्रांताओं के लिए अयोध्या में कोई भी जगह न थी, न है और न कभी रहेगी.
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