अयोध्या: धर्म नगरी अयोध्या में सरयू तट के किनारे एक आश्रम में आस्था और विश्वास के रिश्ते को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, जिसमें आश्रम के सन्त के ऊपर एक युवती ने झाड़-फूंक के नाम पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है. घटना के 3 दिन बीत जाने पर परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी संत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इतना ही नहीं आरोपी संत के ऊपर दलित उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
कोतवाली अयोध्या पुलिस को पीड़ित के पिता द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक आरोप लगाया गया है कि वह नया घाट क्षेत्र स्थित एक आश्रम में आते जाते थे. आश्रम के संत हनुमान दास के प्रति उनका श्रद्धा और विश्वास था. इसी विश्वास के कारण वह अपने परिवार के साथ आश्रम में आते थे. बीते कुछ दिनों से उनकी बेटी की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. जब इस समस्या को उन्होंने आश्रम के संत हनुमान दास को बताया तो उन्होंने झाड़-फूंक के जरिए बेटी का इलाज करने की सलाह दी.
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आरोप है कि जब वह अपनी बेटी को लेकर आश्रम में पहुंचे तो आश्रम के संत हनुमान दास ने उनसे कहा कि आप माता पिता आश्रम के सामने स्थित राम की पैड़ी के जल में अपने पर डाल कर बैठ जाए और बेटी को आश्रम में छोड़ दें. मैं यहां पर तंत्र-मंत्र के जरिए आपकी बेटी का इलाज करूंगा. जब तक आप राम की पैड़ी के जल में अपना पैर डाले रहेंगे तब तक आपकी बेटी का इलाज प्रभावी रहेगा. बताया जा रहा है कि लगातार दो से 3 दिन तक किया क्रम चलता रहा. लेकिन 6 जून की शाम 5:00 बजे जब परिजन अपनी बेटी को आश्रम में छोड़ कर सामने राम की पैड़ी परिसर में चले गए.
इसी बीच आश्रम के संत हनुमान दास ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद पीड़ित ने अपने परिजनों को यह जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों ने तत्काल कोतवाली अयोध्या में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस ने लापरवाही की, जिसके बाद दबाव बनाने पर शनिवार को अयोध्या कोतवाली पुलिस ने आरोपी संत हनुमान दास के खिलाफ दुष्कर्म और दलित उत्पीड़न की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है.
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