अयोध्या: रामनगरी के अयोध्या जंक्शन पर सरयू एक्सप्रेस की बोगी में खून से लथपथ हालत में मिली महिला पुलिस आरक्षी के मामले में रेलवे पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं. वारदात के 5 दिनों बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर गहरी नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर रविवार को छुट्टी के दिन की सुनवाई की है. वहीं, एसपी जीआरपी लखनऊ ने कहा कि महिला के साथ लैंगिक अपराध जैसी घटना की पुष्टि नहीं हुई है.
सोमवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट जेके उपाध्याय और एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल प्रियंका मिड्ढा को तलब किया था. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट के वकील राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को एक लेटर देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार किए जाने का अनुरोध किया था.
झूला मेले में ड्यूटी करने आ रही थी हेड कांस्टेबल
बता दें कि पड़ोसी जनपद सुलतानपुर में तैनात महिला हेड कांस्टेबल की अयोध्या सावन झूला मेले में हनुमानगढ़ी के पास ड्यूटी लगी थी. 29 अगस्त की शाम भी वह अपने घर फाफामऊ से अयोध्या के लिए ड्यूटी के लिए चली थी. सरयू एक्सप्रेस रात करीब 12 बजे अयोध्या पहुंची थी. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घटना की शिकार महिला आरक्षी को अयोध्या जंक्शन उतरना था. लेकिन नींद लग जाने के कारण वह सरयू एक्सप्रेस से ही मनकापुर चली गई. जहां उनकी नींद खुली. उसके बाद 30 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस करीब 3 बजे मनकापुर से अयोध्या के लिए रवाना हुई. जहां मनकापुर से अयोध्या आने के बीच ही महिला हेड कांस्टेबल के साथ अज्ञात लोगों ने वारदात को अंजाम दिया. महिला हेड कांस्टेबल के चेहरे पर धारदार हथियार से बेहद गंभीर वार किए गए थे. महिला का मेडिकल कॉलेज लखनऊ में इलाज किया जा रहा है.
ट्रामा सेंटर लखनऊ में इलाज जारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह लगभग 4 बजे जब सरयू एक्सप्रेस अयोध्या जंक्शन पहुंची, तब तमाम यात्री प्रयाग जाने के लिए उसमें सवार होने के लिए कोच की तरफ बढ़े. जहांउन्होंने देखा कि सीट के नीचे वर्दी पहने हुए एक महिला पुलिसकर्मी रक्त रंजित अवस्था में पड़ी हुई है. महिला आरक्षी के कपड़े भी कई जगह से फटे हुए थे. ऐसे में किसी संगीन वारदात की आशंका के चलते तत्काल यात्रियों ने पुलिस को सूचना दी. जीआरपी अयोध्या पुलिस ने घायल आरक्षी को पहले श्री राम चिकित्सालय पहुंचाया. जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर रेफर कर दिया. वहां पर प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया. जहां बीते 3 दिन से उनका इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
5 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली
इस बेहद सनसनीखेज वारदात में जाहिर तौर पर ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठा दिया है. बड़ी बात यह है कि इस ट्रेन में भी सुरक्षा के लिए स्कॉर्ट तैनात थी. इसके बावजूद भी एक महिला पुलिसकर्मी के साथ हत्या के प्रयास जैसी संगीन वारदात को अंजाम दिया गया और किसी को कानों कान खबर नहीं हुई. फिलहाल इस वारदात के 5 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पुलिस के हाथ खाली है.
एसपी जीआरपी लखनऊ ने बताया
एसपी जीआरपी लखनऊ पूजा यादव ने कहा कि महिला हेड कांस्टेबल के साथ लैंगिक अपराध जैसी घटना की पुष्टि नहीं हुई है. महिला हेड कांस्टेबल की हत्या करने का प्रयास किया गया है. तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिला हेड कांस्टेबल के साथ दुष्कर्म जैसी घटना की खबरें पूरी तरह से अफवाह हैं. हम उन सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कर रहे हैं, जिनका जुड़ाव इस घटना से हो सकता है. शीघ्र ही पूरी घटना का वर्कआउट कर लिया जाएगा.
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