अयोध्या: जिला अस्पताल के न्यू इमरजेंसी वार्ड में 9 घंटे तड़पने के बाद शुक्रवार को एक किशोरी की मौत हो गई. मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद रात भर परिजन अस्पताल परिसर में चिकित्सक और स्टाफ नर्स को तलाशते रहे. अगले दिन सुबह इमरजेंसी वार्ड में किशोरी का इलाज करने जब डाॅक्टर पहुंचे, तो उसकी मौत हो चुकी थी. मामले में परिजनों ने जिला अस्पताल के डाॅक्टरों और स्टाफ नर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. वहीं सीएमएस ने मामले में जांच के निर्देश दिए है.
दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती मरीजों के दर्द से बेखबर चिकित्सा स्टाफ के जश्न मनाने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें चिकित्सकों का करीबी एक व्यक्ति अपना जन्मदिन मना रहा था. इसमें चिकित्सा स्टाफ के कई कर्मचारी और चिकित्सक शामिल थे. इस मामले के ठीक एक दिन बाद दर्द से तड़पती किशोरी को जिला अस्पताल के न्यू इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. अस्पताल में एक भी डॉक्टर उसका इलाज करने नहीं पहुंचा. रात भर तड़पने के बाद सुबह किशोरी की मौत हो गई.
9 घंटे तड़पने के बाद हुई किशोरी की मौत
गुरुवार को रात 11 बजे अयोध्या कोतवाली नगर क्षेत्र के लालबाग निवासी किशोरी अनुष्का को उल्टी व पेट दर्द की शिकायत होने पर परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल के न्यू इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था. आरोप है कि वार्ड में भर्ती करने के बाद डॉक्टर और नर्स मरीज को देखने नहीं आए, जबकि किशोरी रात भर दर्द से तड़पती रही. अगले दिन शुक्रवार सुबह करीब 8.50 बजे जब डाॅक्टर उसका इलाज करने पहुंचे, तो उसकी मौत हो चुकी थी.
परिजनों ने किया हंगामा
डाॅक्टरों ने जांच के बाद किशोरी को मृत घोषित कर दिया. इससे आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया. मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश मृतका ने परिजनों को समझाया और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद वह शांत हुए.
5 डाॅक्टरों समेत 8 के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मृतका के परिजनों का कहना है कि रात भर डाॅक्टर और स्टाफ नर्स न्यू इमरजेंसी वार्ड में नहीं पहुंचे. उनकी लापरवाही के चलते किशोरी की मौत हो गई. उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. एके सिन्हा, राजेश कुमार सिंह, डॉ. विपिन वर्मा, डॉ. अजय तिवारी समेत 3 स्टाफ नर्सों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.
मरीज भर्ती पंजिका में गड़बड़ी का आरोप
आरोप है कि परिजनों ने जब डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया, तो इस बीच भर्ती पंजिका में भी गड़बड़ी की गई. बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने किशोरी के भर्ती करने के समय और तिथि में परिवर्तन कर दिया है. जिला अस्पताल के मरीज भर्ती पंजिका में किशोरी के भर्ती होने का समय 6 नवंबर 8.30 बजे लिखा गया है. वहीं भर्ती करने की 10 मिनट बाद 8.40 बजे ऑक्सीजन लगाने और इसके ठीक 10 मिनट बाद 8.50 पर किशोरी की मृत घोषित करने की सूचना दर्ज है. जबकि मृतका के परिजनों का कहना है कि 5 नवंबर की रात 11.05 बजे जिला अस्पताल में किशोरी को भर्ती कराया गया था.
सीएमएस ने दिए जांच के आदेश
मामले में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. रवींद्र कुमार का कहना है कि चिकित्सकीय परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही किसी को मृत घोषित किया जाता है. किशोरी की मौत अगर डाॅक्टरों व व स्टाफ नर्स की लापरवाही से हुई है, तो इसकी जांच आवश्यक है. मामले की जांच के लिए गठित कमेटी तीन दिन में रिपोर्ट देगी. जिसके बाद दोषी डाॅक्टरों और स्टाफ नर्स के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. अगर उन पर दोष सिद्ध होते हैं, तो शासन को भी उनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए लिखा जाएगा.