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अयोध्या: क्रिसमस पर CNI गिरजाघर की विशेष पहल, कुष्ठ रोगियों के लिए की खास व्यवस्था - अयोध्या का चर्च

अयोध्या के दशकों पुराने गिरजाघर में इस बार विशेष आयोजन किया जा रहा है. इस पावन मौके पर कुष्ठ रोगियों को आमंत्रित किया गया है. इसके साथ ही गिरजाघर को रंग-बिरंगी लाइट्स से सजा दिया गया है.

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क्रिसमस पर सजा अयोध्या का गिरजाघर.
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Published : Dec 25, 2019, 7:29 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 4:39 PM IST

अयोध्या: राम की नगरी को यूं ही धर्म नगरी नहीं कहते. यह सनातन धर्म के साथ जैन, इस्लाम और क्रिश्चयन धर्म को भी समेटे हुए है. यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे के साथ दशकों पुराना चर्च भी है. इस गिरजाघर में क्रिसमस के मौके पर विशेष आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में कुष्ठ रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.

क्रिसमस पर रंग-बिरंगी लाइटों से सजा अयोध्या का गिरजाघर.

अयोध्या के कैंट परिसर स्थित सीएनआई गिरजाघर में हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस के मौके पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. यह प्राचीन गिरजाघर पिछले 13 दशकों से है. फैजाबाद में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह गिरजाघर उनकी आस्था का केंद्र है. हर वर्ष क्रिसमस के अवसर पर इस गिरजाघर की शोभा देखते ही बनती है. इस बार चर्च को भव्य तरीके से सजाया गया है.

12 दिनों तक चलता है क्रिसमस का जश्न
मान्यता है कि 24 दिसंबर की रात 11:00 बजे प्रभु यीशु की प्रार्थना के बाद रात 12:00 बजे उनका जन्म होता है, जिसके बाद इस पवित्र उत्सव की शुरुआत होती है. लोगों का कहना है कि प्रभु यीशु के जन्मदिन के बाद 12 दिन तीन आलिम उन्हें तोहफे और दुआएं देने आए थे. इसी के चलते क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक चलता है.

अयोध्या के सीएनआई चर्च के पादरी ईश्वर दयाल ने बताया कि ईसाई समुदाय का यह विशेष त्यौहार है. सीएनआई गिरजाघर में इस पवित्र त्यौहार को विशेष तरीके से मनाया जाता है. इस बार गिरजाघर में कुष्ठ रोग से ग्रस्त लोगों को आमंत्रित किया गया है. उनके खाने-पीने से लेकर उनके मनोरंजन तक का प्रबंध किया गया है.

पढ़ें: एचआईवी पीड़ित बच्चों के लिए सेंटा क्लॉज बनीं मौनी रॉय

मंगलवार यानी 24 दिसंबर की रात 12:00 बजे प्रभु यीशु के जन्म के बाद 25 दिसंबर की सुबह इस गिरजाघर में प्रार्थना सभा होगी, जिसमें ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र होंगे. अयोध्या के सभी गिरजाघर आकर्षक रूप ले चुके हैं. गिरजाघरों में लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है. सीएमआई चर्च के साथ सेंट मेरी चर्च, एफजीआई चर्च, शहर से दूर स्थित विलीवर्स चर्च, विक्ट्री चर्च, एबीसी चर्च और सिवोन चर्च प्रभु यीशू के स्वागत के लिए तैयार हैं.

अयोध्या: राम की नगरी को यूं ही धर्म नगरी नहीं कहते. यह सनातन धर्म के साथ जैन, इस्लाम और क्रिश्चयन धर्म को भी समेटे हुए है. यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे के साथ दशकों पुराना चर्च भी है. इस गिरजाघर में क्रिसमस के मौके पर विशेष आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में कुष्ठ रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.

क्रिसमस पर रंग-बिरंगी लाइटों से सजा अयोध्या का गिरजाघर.

अयोध्या के कैंट परिसर स्थित सीएनआई गिरजाघर में हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस के मौके पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. यह प्राचीन गिरजाघर पिछले 13 दशकों से है. फैजाबाद में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह गिरजाघर उनकी आस्था का केंद्र है. हर वर्ष क्रिसमस के अवसर पर इस गिरजाघर की शोभा देखते ही बनती है. इस बार चर्च को भव्य तरीके से सजाया गया है.

12 दिनों तक चलता है क्रिसमस का जश्न
मान्यता है कि 24 दिसंबर की रात 11:00 बजे प्रभु यीशु की प्रार्थना के बाद रात 12:00 बजे उनका जन्म होता है, जिसके बाद इस पवित्र उत्सव की शुरुआत होती है. लोगों का कहना है कि प्रभु यीशु के जन्मदिन के बाद 12 दिन तीन आलिम उन्हें तोहफे और दुआएं देने आए थे. इसी के चलते क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक चलता है.

अयोध्या के सीएनआई चर्च के पादरी ईश्वर दयाल ने बताया कि ईसाई समुदाय का यह विशेष त्यौहार है. सीएनआई गिरजाघर में इस पवित्र त्यौहार को विशेष तरीके से मनाया जाता है. इस बार गिरजाघर में कुष्ठ रोग से ग्रस्त लोगों को आमंत्रित किया गया है. उनके खाने-पीने से लेकर उनके मनोरंजन तक का प्रबंध किया गया है.

पढ़ें: एचआईवी पीड़ित बच्चों के लिए सेंटा क्लॉज बनीं मौनी रॉय

मंगलवार यानी 24 दिसंबर की रात 12:00 बजे प्रभु यीशु के जन्म के बाद 25 दिसंबर की सुबह इस गिरजाघर में प्रार्थना सभा होगी, जिसमें ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र होंगे. अयोध्या के सभी गिरजाघर आकर्षक रूप ले चुके हैं. गिरजाघरों में लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है. सीएमआई चर्च के साथ सेंट मेरी चर्च, एफजीआई चर्च, शहर से दूर स्थित विलीवर्स चर्च, विक्ट्री चर्च, एबीसी चर्च और सिवोन चर्च प्रभु यीशू के स्वागत के लिए तैयार हैं.

Intro:अयोध्या: राम नगरी में यूं ही नहीं धर्म नगरी कही जाती. यह सनातन धर्म के साथ जैन, इस्लाम और क्रिश्चयन को भी समेटे हुए है. यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा के साथ दशकों पुराना चर्च भी है. इस चर्च में क्रिसमस डे के मौके पर विशेष आयोजन होगा. यहां कुष्ठ रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.






Body:दरअसल हम बात कर रहे हैं अयोध्या की कैंट परिसर स्थित सीएमआई चर्च की. बताया जाता है कि है एक प्राचीन चर्च है. पिछले 13 दशकों का इतिहास ज्ञात है. फैजाबाद में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह चर्च उनकी आस्था का केंद्र है. हर वर्ष क्रिसमस डे के अवसर पर इस चर्च की शोभा देखते ही बनती है. इस बार चर्च को भव्य तरीके से सजाया गया है.

मान्यता है कि 24 दिसंबर की रात 11:00 बजे प्रभु यीशु की प्रार्थना के बाद रात 12:00 बजे उनका जन्म होता है. जिसके बाद यह पवित्र उत्सव को प्रारंभ हो जाता है.

12 दिनों तक चलता है क्रिसमस का जश्न
माना जाता है कि प्रभु यीशु के जन्मदिन के बाद 12 दिन तीन आलिम उन्हें तोहफे और दुआएं देने आए थे. यही वजह है जिसके चलते क्रिसमस क पर 12 दिनों तक चलता है.

कागज पर लिखने से होती है मनोकामना पूरी
मान्यता है कि क्रिसमस डे की रात्रि में पृथ्वी पर फरिश्ते आते हैं और वह बच्चों की इच्छाओं से प्रभु यीशू को अवगत कराते हैं. माना जाता है बच्चे रात को कागज पर कुछ लिखकर रख देते हैं तो उनका मैसेज प्रभु यीशु तक फरिश्ते पहुंचा देते हैं.

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान अयोध्या के सीएमआई चर्च के पादरी ईश्वर दयाल ने बताया कि ईसाई समुदाय का यह विशेष त्यौहार है. सीएमआई चर्च में इस पवित्र त्यौहार को विशेष तरीके से मनाया जाता है. इस बार चर्च में कुष्ठ रोग से ग्रस्त लोगों को आमंत्रित किया गया है. उन्हें खाने-पीने से लेकर इंजॉय करने के लिए पैसे भी देने की व्यवस्था की गई है. पादरी ईश्वर दयाल ने बताया कि सीएमआई पुराना चर्च है. यस गिरजाघर 130 साल से अधिक पुराना है.













Conclusion:मंगलवार यानी 24 दिसंबर की रात 12:00 बजे प्रभु यीशु के जन्म के बाद 25 दिसंबर की सुबह सुबह इस गिरजाघर में प्रार्थना सभा होगी, जिसमें जिले भर से ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र होंगे. अयोध्या के सभी चर्च आकर्षक रूप ले चुके हैं. गिरजा घरों में लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है. सीएनआई चर्च के साथ सेंट मेरी चर्च, एफजीआई चर्च और शहर से दूर स्थित विलीवर्स चर्च विक्ट्री चर्च, एबीसी चर्च और सिवोन चर्च प्रभु यीशू के स्वागत के लिए तैयार हैं.

बाइट- ईश्वर दयाल, पादरी, सीएमआई चर्च
Last Updated : Dec 25, 2019, 4:39 PM IST
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