अयोध्या: राम की नगरी को यूं ही धर्म नगरी नहीं कहते. यह सनातन धर्म के साथ जैन, इस्लाम और क्रिश्चयन धर्म को भी समेटे हुए है. यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे के साथ दशकों पुराना चर्च भी है. इस गिरजाघर में क्रिसमस के मौके पर विशेष आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में कुष्ठ रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
अयोध्या के कैंट परिसर स्थित सीएनआई गिरजाघर में हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस के मौके पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. यह प्राचीन गिरजाघर पिछले 13 दशकों से है. फैजाबाद में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह गिरजाघर उनकी आस्था का केंद्र है. हर वर्ष क्रिसमस के अवसर पर इस गिरजाघर की शोभा देखते ही बनती है. इस बार चर्च को भव्य तरीके से सजाया गया है.
12 दिनों तक चलता है क्रिसमस का जश्न
मान्यता है कि 24 दिसंबर की रात 11:00 बजे प्रभु यीशु की प्रार्थना के बाद रात 12:00 बजे उनका जन्म होता है, जिसके बाद इस पवित्र उत्सव की शुरुआत होती है. लोगों का कहना है कि प्रभु यीशु के जन्मदिन के बाद 12 दिन तीन आलिम उन्हें तोहफे और दुआएं देने आए थे. इसी के चलते क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक चलता है.
अयोध्या के सीएनआई चर्च के पादरी ईश्वर दयाल ने बताया कि ईसाई समुदाय का यह विशेष त्यौहार है. सीएनआई गिरजाघर में इस पवित्र त्यौहार को विशेष तरीके से मनाया जाता है. इस बार गिरजाघर में कुष्ठ रोग से ग्रस्त लोगों को आमंत्रित किया गया है. उनके खाने-पीने से लेकर उनके मनोरंजन तक का प्रबंध किया गया है.
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मंगलवार यानी 24 दिसंबर की रात 12:00 बजे प्रभु यीशु के जन्म के बाद 25 दिसंबर की सुबह इस गिरजाघर में प्रार्थना सभा होगी, जिसमें ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकत्र होंगे. अयोध्या के सभी गिरजाघर आकर्षक रूप ले चुके हैं. गिरजाघरों में लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है. सीएमआई चर्च के साथ सेंट मेरी चर्च, एफजीआई चर्च, शहर से दूर स्थित विलीवर्स चर्च, विक्ट्री चर्च, एबीसी चर्च और सिवोन चर्च प्रभु यीशू के स्वागत के लिए तैयार हैं.