अयोध्या: रामनगरी में राम जन्मभूमि से करीब 16 किलोमीटर दूर स्थित योगीराज के भरत की तपस्थली पर पांच दिवसीय भरतकुंड महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त होने के साथ ही अब भरतकुंड का भी विकास किया जाएगा. भरतकुंड महोत्सव में पहुंचे नगर निगम महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या के स्मार्ट सिटी बनने के साथ ही भरतकुंड का विकास होगा. यहां पर्यटन की संभावनाएं विकसित की जाएंगी.
पांच दिवसीय भरतकुंड महोत्सव का किया गया आयोजन.
भरत कुंड तक चलेंगी पहली इलेक्ट्रिक बसेंअयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय का कहना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पहले इलेक्ट्रिक बस भरतकुंड तक चलाई जाएगी. यह बस रामकथा पार्ट से चलेगी और गुप्तार घाट होते हुए भरतकुंड पहुंचेगी, जिससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
भरत कुंड के विकास के लिए बड़े स्तर पर बन रहा डीपीआर
नगर निगम के महापौर का कहना है कि विश्व में भरकुंड जैसे स्थल की कोई तुलना नहीं की जा सकती है. यह वही स्थल है जहां से योगीराज भरत ने 14 वर्ष राम की खड़ाऊं रखकर राम नगरी का राजकाज चलाया था. उन्होंने कहा है कि भरतकुंड के सौंदर्यीकरण से लेकर विकास के कई कर्यों के लिए बहुत बड़े स्तर पर डीपीआर बनाया जा रहा है. यह अयोध्या के प्रमुख स्थलों में शामिल होगा.
भरतकुंड महोत्सव में होंगी लोककला की मनमोहक प्रस्तुतियां
कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से भरतकुंड महोत्सव में कई लोककलाओं की प्रस्तुति देने लिए कलाकार आमंत्रित किए गए हैं. पांच दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में फूलों की होली, भजन संध्या, फरवाही नृत्य, भरत चरित्र नृत्य और भरत चरित्र आर्ट गैलरी का प्रदर्शन किया जाएगा.
रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष ने किया समारोह का उद्घाटन
वहीं भरतकुंड महोत्सव का उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा नहीं पहुंचे. महोत्सव में भारी भीड़ जुटाने का दावा भी फीका साबित हुआ. उपमुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में महोत्सव का उद्घाटन रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और श्री मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास ने किया.
भरतकुंड को भव्य बनाने का दावा
अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय का कहना है कि भरतकुंड के विकास के लिए बड़े स्तर पर दावा किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि स्वदेश दर्शन में भी इसकी योजना थी. स्मार्ट सिटी के तहत चलने वाली बस को रामकथा पार्क से गुप्तारघाट होते हुए भरतकुंड तक चलाया जाएगा.
भरतकुंड का क्या है महत्व
राम नगरी में अयोध्या शहर से करीब 16 किलोमीटर दूर भगवान राम के अनुज भरत का तप स्थल है, जिसे भरतकुंड के नाम से जाना है. मान्यता है कि भगवान राम के वनवास के दौरान भरतजी ने उनकी खड़ाऊं रखकर यहीं 14 वर्ष तक तप किया था. यही वह स्थल है, जो वनवास से लौटे राम और भरत के मिलन का साक्षी रहा. प्रभु राम ने अपने पिता का श्राद्ध यहीं किया था. इसी मान्यता के चलते पितृपक्ष में पूरे देश से यहां श्रद्धालु जुटते हैं.
यहां है पिशाच मोचन कुंड
भरतकुंड में भगवान राम की जटा विवराई का जटाकुंड है और मानस तीर्थ भी है. पिशाच योनि से मुक्ति दिलाने वाला पिशाच मोचन कुंड भी यहीं है. यहां वह कूप है, जिसमें 27 तीर्थों का जल है और 45 बीघे में सरोवर भी है. माना जाता है कि वनवास से लौटने पर भगवान राम ने भरतकुंड में ही अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किया था. तभी से यहां पिंडदान की परंपरा की शुरुआत हुई. इस मान्यता को प्रबल करने के लिए यहां भरतकुंड महोत्सव का आयोजन किया जाता है.इसे भी पढ़ें:- अयोध्या: आपराधिक मामलों में संलिप्तों को हिदायत, जमानत शर्तों का करें पालन