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अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी, सरयू नदी के तट पर उमड़े श्रद्धालु - सरयू नदी के तट पर लोगों ने किए स्नान

अयोध्या में सरयू नदी के तट पर लोगों ने स्नान कर बसंत पंचमी पर्व को धूमधाम से मनाया गया. लोगों का कहना है कि भक्ति में श्रीराममय वातावरण में इस पर्व को मनाने से खुशियां दुगुनी हो जाती है.

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अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी.
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Published : Jan 30, 2020, 6:49 PM IST

अयोध्या: देश भर में गुरुवार को बसंत पंचमी का पावन पर्व बड़े ही धूमधम से मनाया जा रहा है. सूर्य के उत्तरायण होने के बाद माघ महीने में मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर सनातन धर्म हमेशा से ही उत्साही रहा है. वहीं इसे मानने वाले सनातनी परंपरा के लोग हमेशा से इस दिन दान पुण्य फल कर्म इत्यादि करते रहते हैं.

अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी.

इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने और मन को शांत करने के लिए ज्ञान की देवी की पूजा-अर्चना भी की जाती है. इस दिन नदियों में स्नान करके सूर्य को जल देना भी इस परंपरा का एक हिस्सा है, वहीं ज्योतिष की दृष्टि से यह परंपरा महत्वपूर्ण मानी जाती है.

अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी
जिले में सरयू नदी के तट पर लोगों ने स्नान करके इस पर्व को धूमधाम से मनाया. वहीं लोगों का कहना है कि भक्ति में श्रीराममय वातावरण में इस पर्व को मनाने से खुशियां दुगुनी हो जाती है. प्रवीण शर्मा ज्योतिष आचार्य ने कहा कि इस दिन स्नान करके दान करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं. वहीं हमारी देव सनातनी संस्कृति में भी इस दिन नदियों में स्नान करने को महत्वपूर्ण बताया गया है.

इसे भी पढ़ें:- ब्रज के मंदिरों में शुरू हुआ होली महोत्सव, देश विदेश से पहुंचे लाखों श्रद्धालु

अयोध्या: देश भर में गुरुवार को बसंत पंचमी का पावन पर्व बड़े ही धूमधम से मनाया जा रहा है. सूर्य के उत्तरायण होने के बाद माघ महीने में मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर सनातन धर्म हमेशा से ही उत्साही रहा है. वहीं इसे मानने वाले सनातनी परंपरा के लोग हमेशा से इस दिन दान पुण्य फल कर्म इत्यादि करते रहते हैं.

अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी.

इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने और मन को शांत करने के लिए ज्ञान की देवी की पूजा-अर्चना भी की जाती है. इस दिन नदियों में स्नान करके सूर्य को जल देना भी इस परंपरा का एक हिस्सा है, वहीं ज्योतिष की दृष्टि से यह परंपरा महत्वपूर्ण मानी जाती है.

अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी
जिले में सरयू नदी के तट पर लोगों ने स्नान करके इस पर्व को धूमधाम से मनाया. वहीं लोगों का कहना है कि भक्ति में श्रीराममय वातावरण में इस पर्व को मनाने से खुशियां दुगुनी हो जाती है. प्रवीण शर्मा ज्योतिष आचार्य ने कहा कि इस दिन स्नान करके दान करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं. वहीं हमारी देव सनातनी संस्कृति में भी इस दिन नदियों में स्नान करने को महत्वपूर्ण बताया गया है.

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Intro:अयोध्या. पूरे देश भर में आज बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है सूर्य के उत्तरायण होने के बाद माघ महीने में मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर के सनातन धर्म हमेशा से ही उत्साही रहा है वही इसे मानने वाले सनातनी परंपरा के लोग हमेशा से इस दिन दान पुण्य फल कर्म इत्यादि करते रहते हैं। इसके पीछे मां सरस्वती को प्रसन्न करने और मन को शांत करने के लिए ज्ञान की देवी की पूजा-अर्चना भी की जाती है, इस दिन नदियों में स्नान करके सूर्य को जल देना भी इस परंपरा का एक हिस्सा है, वही ज्योतिष की दृष्टि से यह परंपरा महत्वपूर्ण मानी जाती है,

आज अयोध्या में भी सरयू नदी के तट पर लोगों ने स्थान करके इस पर्व को धूमधाम से मनाया वहीं भक्ति में श्रीराममय वातावरण में इस पर्व को मनाने से खुशियां दुगुनी हो जाती है।
ज्योतिष की दृष्टि से परंपरा महत्वपूर्ण मानी जाती है।
आज अयोध्या में भी सरयू नदी के तट पर लोगों ने स्नान करके इस पर्व को धूमधाम से मनाया।अयोध्य्या मे इस पर्व को मनाने की खुशियां दुगुनी हैं।

Body:रामाधार पांडे पुरोहित सरयू तीर्थ नया घाट
ने कहा कि, मां सरस्वती की पूजा करने से इस दिन लोगों को ज्ञान वैभव और पुण्य की प्राप्ति होती है।

प्रवीण शर्मा ज्योतिष आचार्य ने कहा कि, इस दिन स्नान करके दान करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं। वहीं हमारी देव सनातनी संस्कृति में भी इस दिन नदियों में स्नान करने को महत्वपूर्ण बताया गया है, क्यों कि, इससे शरीर का 5तत्वों में स्न्नान होता है। कपड़े निकालने से वायु स्नान, नदी किनारे कच्ची मिट्टी में धरती से स्पर्श, फिर जल स्नान, उसके बाद धूप से स्नान। इससे शरीर स्वस्थ होता है।Conclusion:दिनेश मिश्रा
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