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प्लास्टिक बैन: अब कैसे ले जाएंगे रामलला के लिए प्रसाद ?

उत्तर प्रदेश में पॉलिथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी के तहत अयोध्या में रामलला मंदिर में पॉलिथीन में प्रसाद ले जाने पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. कागज और अन्य वस्तुओं में प्रसाद ले जाने पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था.

पॉलिथीन के बैन होने से परेशान अयोध्या के दुकानदार.
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Published : Oct 30, 2019, 7:19 PM IST

अयोध्याः उत्तर प्रदेश सरकार के पॉलिथीन प्रतिबंध के बाद उसका असर अब श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र में भी देखने को मिलने लगा है. यहां पॉलिथीन में श्रद्धालुओं के प्रसाद ले जाने पर रोक लगाई गई है. सुरक्षा कारणों से पहले ही कागज और अन्य वस्तुओं में प्रसाद अंदर ले जाने पर रोक लगाई जा चुकी है. इसीलिए पारदर्शी पॉलिथीन में प्रसाद दिया जाता था, लेकिन पॉलिथीन के प्रयोग बंद होने के बाद प्रशासन ने चढ़ाए जाने वाले प्रसाद पर भी एक अन-ऑफिसियल रोक लगा दी है.

पॉलिथीन में प्रसाद ले जाने पर पाबंदी.

जिला प्रशासन ने नहीं दिया है दूसरा विकल्प
वहीं इस मामले में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार जिस तरीके से प्रसाद ले जाने पर रोक लगा रही है. उसे विकल्प की भी बात करनी चाहिए. जिला प्रशासन ने विकल्प दिए बगैर ही ऐसी व्यवस्था लागू की है. ये सार्वजनिक क्षेत्र में तो ठीक है, लेकिन इस प्रकार से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में विकल्प के बिना ऐसा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिर भी श्रद्धालुओं को मैं अपनी ओर से प्रसाद दूंगा. भगवान श्रीराम का आशीर्वाद और प्रसाद उन्हें निश्चित मिलेगा.

पढे़ं- रामनगरी में बना दीपों का वर्ल्ड रिकॉर्ड, फिर भी अंधेरे में रहने को मजबूर 422 परिवार

इस मामले में एसपी सुरक्षा का कहना है कि सरकार की पॉलिथिन प्रतिबंध के बाद यह निर्णय प्रशासन ने लिया है. हमें सुरक्षा के मद्देनजर जो भी निर्देश मिलेंगा हम उसपर काम करेंगे. अन्य विकल्प के रूप में पारदर्शिता व्यवस्था के अतिरिक्त कुछ भी अंदर नहीं ले जाने दिया जा सकता.

पढे़ं- राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले बस्ती में हाई अलर्ट, प्रशासन ने कसी कमर

श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र में लगभग 182 परिवार रामलला के दर्शन मार्ग और आसपास प्रसाद, पूजा सामग्री बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं. दीपोत्सव के बाद दिवाली के दूसरे दिन से पॉलिथीन पर लगी रोक का असर सीधे तौर पर इन गरीब परिवारों पर हो रहा है.

अयोध्याः उत्तर प्रदेश सरकार के पॉलिथीन प्रतिबंध के बाद उसका असर अब श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र में भी देखने को मिलने लगा है. यहां पॉलिथीन में श्रद्धालुओं के प्रसाद ले जाने पर रोक लगाई गई है. सुरक्षा कारणों से पहले ही कागज और अन्य वस्तुओं में प्रसाद अंदर ले जाने पर रोक लगाई जा चुकी है. इसीलिए पारदर्शी पॉलिथीन में प्रसाद दिया जाता था, लेकिन पॉलिथीन के प्रयोग बंद होने के बाद प्रशासन ने चढ़ाए जाने वाले प्रसाद पर भी एक अन-ऑफिसियल रोक लगा दी है.

पॉलिथीन में प्रसाद ले जाने पर पाबंदी.

जिला प्रशासन ने नहीं दिया है दूसरा विकल्प
वहीं इस मामले में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार जिस तरीके से प्रसाद ले जाने पर रोक लगा रही है. उसे विकल्प की भी बात करनी चाहिए. जिला प्रशासन ने विकल्प दिए बगैर ही ऐसी व्यवस्था लागू की है. ये सार्वजनिक क्षेत्र में तो ठीक है, लेकिन इस प्रकार से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में विकल्प के बिना ऐसा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिर भी श्रद्धालुओं को मैं अपनी ओर से प्रसाद दूंगा. भगवान श्रीराम का आशीर्वाद और प्रसाद उन्हें निश्चित मिलेगा.

पढे़ं- रामनगरी में बना दीपों का वर्ल्ड रिकॉर्ड, फिर भी अंधेरे में रहने को मजबूर 422 परिवार

इस मामले में एसपी सुरक्षा का कहना है कि सरकार की पॉलिथिन प्रतिबंध के बाद यह निर्णय प्रशासन ने लिया है. हमें सुरक्षा के मद्देनजर जो भी निर्देश मिलेंगा हम उसपर काम करेंगे. अन्य विकल्प के रूप में पारदर्शिता व्यवस्था के अतिरिक्त कुछ भी अंदर नहीं ले जाने दिया जा सकता.

पढे़ं- राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले बस्ती में हाई अलर्ट, प्रशासन ने कसी कमर

श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र में लगभग 182 परिवार रामलला के दर्शन मार्ग और आसपास प्रसाद, पूजा सामग्री बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं. दीपोत्सव के बाद दिवाली के दूसरे दिन से पॉलिथीन पर लगी रोक का असर सीधे तौर पर इन गरीब परिवारों पर हो रहा है.

Intro:*श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र के पॉलीथिन में प्रसाद भी प्रतिबंधित* पुजारी बोले सरकार विकल्प दे,


अयोध्या। उत्तर प्रदेश सरकार में पॉलिथीन प्रतिबंध के बाद उसका असर अब श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र में भी देखने को मिलने लगा है, जिसका असर
रामजन्मभूमि गर्भ गृह में हुआ,
यहां विराजमान श्रीराम लला के को चढ़ने वाले श्रद्धालुओं के प्रसाद ले जाने पर भी रोक लगाई गई है। अब ऐसे में
सुरक्षा कारणों से पहले ही कागज और अन्य वस्तुओं में प्रसाद अंदर ले जाने पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। इसीलिए पारदर्शी पन्नी में प्रसाद दिया जाता था। लेकिन पन्नी के प्रयोग बंद होने के बाद रामजन्मभूमि प्रशासन ने चढ़ाए जाने वाले प्रसाद पर भी एक अन ऑफिसियल रोक लगी हुई है। वहीं इस मामले में श्रीरामजन्मभूमि में राम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ईटीवी भारत से बातचीत ले दौरान कहा कि, सरकार जिस तरीके से प्रसाद ले जाने पर रोक लगा रही है, उसे विकल्प की बात करनी चाहिए। जिला प्रशासन ने विकल्प दिए बगैर ऐसी व्यवस्था अपनाना गलत है। ये सार्वजनिक क्षेत्र में तो ठीक है, लेकिन इस प्रकार से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में विकल्प के बिना ऐसा नहीं करना चाहिए। फिर भी भक्तों श्रद्धालुओं को मैं अपनी ओर से प्रसाद दूंगा। भगवान श्रीराम का आशीर्वाद और प्रसाद उन्हें निश्चित मिलेगा।

वहीं इस मामले में एसपी सुरक्षा का कहना है, कि, सरकार की पॉलीथिन प्रतिबंध के बाद ये निर्णय प्रशासन के द्वारा लिया गया है, हमें सुरक्षा के मद्देनजर जो भी निर्देश मिलेंगे हम काम करेंगे, अन्य विकल्प के रूप में पारदर्शिता व्यवस्था के अतिरिक्त कुछ भी अंदर नहीं ले जाने दिया जा सकता।

Body:श्रीरामजन्मभूमि क्षेत्र में लगभग 182 परिवार रामलला के दर्शन मार्ग व आसपास प्रसाद व पूजा सामग्री बेचकर अपनी जीविका चलाते है, दीपोत्सव के बाद दिवाली के दूसरे दिन से पॉलीथिन पर लगी इस रोक का असर सीधे तौर पर इन गरीब परिवारों पर हो रहा है।
बिहार से दर्शन के लिए आए राजीव ने कहा कि, हम दर्शन को आए हैं, लेकिन सब कुछ प्रतिबंधित होने से प्रसाद भी नहीं ले जा सकते, इससे निराश हैं। वहीं जौनपुर से आई रेणु कहती है कि, हमारे इष्ट हैं राम, सारे प्रतिबंध हम लोगो के लिए ही क्यों होते हैं। सरकार को इसपर भी सोचना चाहिए।Conclusion:बाइट
1 पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास।
2 बिहारी राजीव कुमार
3 जौनपुर से रेणु

Dinesh Mishra
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