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दीपावली 2020: 8 राज्यों के गोबर-मिट्टी के दीयों से जगमगाएगी अयोध्या - Ayodhya Deepawali

अयोध्या में आयोजित होने वाले चौथे दीपोत्सव में अपनी भूमिका निभाने के लिए देश के 8 राज्यों से 70 हजार से ज्यादा परिवार और कई बड़ी स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आई हैं. ये संस्थाएं गोबर और मिट्टी से बने इको फ्रेंडली दीपक बनाकर अयोध्या भेज रही हैं, जिन्हें 13 नवंबर को दीपोत्सव कार्यक्रम में जलाया जाएगा.

दीपावली 2020
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Published : Nov 9, 2020, 8:32 PM IST

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही योगी सरकार द्वारा प्रायोजित चौथे दीपोत्सव कार्यक्रम में कई खूबियां हैं. इस बार जहां डिजिटल दिवाली और वर्चुअल आतिशबाजी इस उत्सव की पहचान बनेगी तो वहीं इको फ्रेंडली दीये जलाकर पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने का संदेश भी दिया जाएगा. इसके लिए अयोध्या नगर निगम के प्रयास से देश के आठ अलग-अलग राज्यों से 70,000 से ज्यादा परिवार व कई स्वयंसेवी संस्थाएं इस दीपोत्सव आयोजन से जुड़ रहे हैं.

दीपावली 2020 की तैयारी शुरू.
मुहिम से जुड़े 70 हजार परिवार
अयोध्या में सरयू तट के किनारे स्थित प्रसिद्ध राम की पैड़ी परिसर में इस वर्ष दीपोत्सव पर गोबर व मिट्टी से बने एक लाख दीपक जलाने का लक्ष्य निजी तौर पर नगर निगम अयोध्या ने रखा है. वहीं नगर आयुक्त विशाल सिंह का दावा है कि अगले वर्ष के दीपोत्सव में लगभग 5 लाख गोबर के दीये जलाए जाएंगे.


नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि सहकार भारती व नगर निगम अयोध्या के सहयोग से बेसिंग गौशाला में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया था कि वे गोबर व मिट्टी मिलाकर एक लाख दीये बनाएं, जिससे इको फ्रेंडली दीये दीपोत्सव में जगमग हो सकें. इन दीयों की कीमत प्रति दीए एक रुपये है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है और ये महिलाएं मुख्यधारा से जुड़ रही हैं.

अगले दीपोत्सव में जलाए जाएंगे 5 लाख इको फ्रेंडली दीये
दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि ये इको फ्रेंडली दीये बेहद खास हैं. इनसे प्रदूषण कम होता है और बहुत जल्द जलने के बाद ये मिट्टी में भी मिल जाते हैं. इसलिए इन दीयों से कूड़ा-कचरा फैलने की भी संभावना नहीं होती है. हमारा प्रयास है कि अगले वर्ष दीपोत्सव में 5 लाख इको फ्रेंडली दीये हम जलाएं, जिसके लिए हमारा प्रयास भी जारी है. हम इन तैयारियों को लेकर महिलाओं को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. इस वर्ष भी सरयू तट के किनारे जलने वाले 5 लाख 51 हजार दीयों में कम से कम एक लाख इको फ्रेंडली दीये जलाने का लक्ष्य हम लोग लेकर चल रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से इस आयोजन में अपना सहयोग देने के लिए दीये भी भेजे जा रहे हैं.

राम मंदिर निर्माण शुरू होने से ज्यादा उल्लास
आपको बता दें कि अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के आयोजन का यह चौथा वर्ष है. इससे पूर्व भी 3 वर्षों में अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हो चुका है, लेकिन इस साल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के कारण इस आयोजन की खुशी कई गुना ज्यादा हो गई है. इसलिए देश के कई राज्यों से हर उम्र हर वर्ग के लोग इस आयोजन में अपनी भूमिका निभाने के लिए आतुर दिख रहे हैं.

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही योगी सरकार द्वारा प्रायोजित चौथे दीपोत्सव कार्यक्रम में कई खूबियां हैं. इस बार जहां डिजिटल दिवाली और वर्चुअल आतिशबाजी इस उत्सव की पहचान बनेगी तो वहीं इको फ्रेंडली दीये जलाकर पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने का संदेश भी दिया जाएगा. इसके लिए अयोध्या नगर निगम के प्रयास से देश के आठ अलग-अलग राज्यों से 70,000 से ज्यादा परिवार व कई स्वयंसेवी संस्थाएं इस दीपोत्सव आयोजन से जुड़ रहे हैं.

दीपावली 2020 की तैयारी शुरू.
मुहिम से जुड़े 70 हजार परिवार
अयोध्या में सरयू तट के किनारे स्थित प्रसिद्ध राम की पैड़ी परिसर में इस वर्ष दीपोत्सव पर गोबर व मिट्टी से बने एक लाख दीपक जलाने का लक्ष्य निजी तौर पर नगर निगम अयोध्या ने रखा है. वहीं नगर आयुक्त विशाल सिंह का दावा है कि अगले वर्ष के दीपोत्सव में लगभग 5 लाख गोबर के दीये जलाए जाएंगे.


नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि सहकार भारती व नगर निगम अयोध्या के सहयोग से बेसिंग गौशाला में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया था कि वे गोबर व मिट्टी मिलाकर एक लाख दीये बनाएं, जिससे इको फ्रेंडली दीये दीपोत्सव में जगमग हो सकें. इन दीयों की कीमत प्रति दीए एक रुपये है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है और ये महिलाएं मुख्यधारा से जुड़ रही हैं.

अगले दीपोत्सव में जलाए जाएंगे 5 लाख इको फ्रेंडली दीये
दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि ये इको फ्रेंडली दीये बेहद खास हैं. इनसे प्रदूषण कम होता है और बहुत जल्द जलने के बाद ये मिट्टी में भी मिल जाते हैं. इसलिए इन दीयों से कूड़ा-कचरा फैलने की भी संभावना नहीं होती है. हमारा प्रयास है कि अगले वर्ष दीपोत्सव में 5 लाख इको फ्रेंडली दीये हम जलाएं, जिसके लिए हमारा प्रयास भी जारी है. हम इन तैयारियों को लेकर महिलाओं को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. इस वर्ष भी सरयू तट के किनारे जलने वाले 5 लाख 51 हजार दीयों में कम से कम एक लाख इको फ्रेंडली दीये जलाने का लक्ष्य हम लोग लेकर चल रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से इस आयोजन में अपना सहयोग देने के लिए दीये भी भेजे जा रहे हैं.

राम मंदिर निर्माण शुरू होने से ज्यादा उल्लास
आपको बता दें कि अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के आयोजन का यह चौथा वर्ष है. इससे पूर्व भी 3 वर्षों में अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हो चुका है, लेकिन इस साल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के कारण इस आयोजन की खुशी कई गुना ज्यादा हो गई है. इसलिए देश के कई राज्यों से हर उम्र हर वर्ग के लोग इस आयोजन में अपनी भूमिका निभाने के लिए आतुर दिख रहे हैं.

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