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आतंकी हमले की 16वीं बरसी... जब बम धमाके से कांप उठी थी अयोध्या

राम जन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya Ram Janmbhoomi) में अब एक भव्य मंदिर बनने जा रहा है. इसकी नींव (अगस्त 5, 2020) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमिपूजन के साथ रखी गई थी. आज अयोध्या खुशहाल और विकास की ओर अग्रसर है, लेकिन क्या आपको याद है कि 5 जुलाई 2005 को भगवान राम की नगरी में आतंकियों (Ram Janmbhoomi Terrorist Attack) ने हमला किया था.

Ram Janmbhoomi Terrorist Attack.
अयोध्या आतंकी हमला.
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Published : Jul 5, 2021, 2:20 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 2:27 PM IST

अयोध्याः राम जन्मभूमि पर फिदायीन हमले (Ram Janmbhoomi Terrorist Attack) की आज 16 वीं बरसी है. आज ही के दिन, 5 जुलाई 2005 को आतंकियों ने रामलला परिसर में हमला किया था. हमले में 5 आतंकी मारे गए थे, साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हो गई थी. वहीं कई सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए थे. फिदायीन आतंकी हमले (Fidayeen Terrorist Attack) की साजिश रचने वाले 4 आतंकियों को प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.

वो लम्हा जब बम के धमाके से सहम गई थी अयोध्या

राम की नगरी अयोध्या बरसों से गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल रही है. विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अपने इस जख्म को भरकर अयोध्या शहर वापस अपनी रवानी में था, लेकिन साल 2005 की 5 जुलाई की वो खौफनाक तारीख जिसने बेहद शांत रहने वाले शहर को अशांत कर दिया. गोलियों की तड़तड़ाहट और बम के धमाके ने पूरे शरह में दहशत पैदा कर दी थी.

तारीख 5 जुलाई, दिन था मंगलवार और समय सुबह का था. सब कुछ सामान्य चल रहा था. एक गाड़ी से पांच आतंकी बतौर भक्त अयोध्या में घुसे, पूरे इलाके की रेकी की और विवादित परिसर के पिछले हिस्से में उनवल मंदिर के बैरिकेड की चारदीवारी के पास गाड़ी रोकी और आतंकियों के उतने के बाद उसमें एक जोरदार धमाका हो गया.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या आतंकी हमला: फैसले पर पीड़ितों ने कहा- फांसी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं

इस धामके में गाड़ी के पास खड़े गाइड रमेश पांडेय और चाय की दुकान पर काम कर रहीं शांति देवी के चीथड़े उड़ गए. गाड़ी से उतरे हथियार बंद 5 आतंकियों ने रामलला परिसर में गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इन्हें रोकने के लिए पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों ने गोलियां चलाईं. गोलियों और ग्रेनेड के धमाकों से शांत अयोध्या में चीख पुकार मच गई.

जवानों ने संभाला था मोर्चा

राम जन्मभूमि पर हुए फिदायीन हमले की खबर कुछ ही देर में आग की तरह फैल गई. तात्कालीन फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अविनाश मौर्य सहित सुरक्षा से जुड़े आलाधिकारियों को इसकी जानकारी हुई. आतंकियों के साथ पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ का ज्वाइंट ऑपरेशन करीब घंटे भर चला. इसमें पांचों आतंकियों को मार गिराया गया. ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों के कुछ जवान भी घायल हो गए. करीब घंटे भर चला ये बड़ा आतंकी ऑपरेशन खत्म हो गया और बड़े आतंकी हमले को नाकाम किया गया. जांच के अनुसार सभी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे. वहीं इस आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज: अयोध्या आतंकी हमले में चार आरोपियों को उम्रकैद, एक बरी

विशेष आदलत ने चार आरोपियों को सुनाई उम्र कैद की सजा

जून 2019 को प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए आतंकी हमले की साजिश रचने वाले, पांच आरोपियों के खिलाफ बड़ा फैसला सुलाया था. इस फैसले में चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा और एक को बरी कर दिया था. साथ ही उन सभी पर 2.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. बता दें कि आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता अरशद को आतंकी हमले के ही दिन मार गिराया गया था. इस मामले में 63 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे.

इन्हें मिली उम्रकैद की सजा

डॉ. इरफान

मोहम्मद शकील

मोहम्मद नसीम

आसिफ इकबाल, इनके अलावा मोहम्मद अजीज के खिलाफ सुबूत न मिलने पर उसे बरी कर दिया गया.

अयोध्याः राम जन्मभूमि पर फिदायीन हमले (Ram Janmbhoomi Terrorist Attack) की आज 16 वीं बरसी है. आज ही के दिन, 5 जुलाई 2005 को आतंकियों ने रामलला परिसर में हमला किया था. हमले में 5 आतंकी मारे गए थे, साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हो गई थी. वहीं कई सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए थे. फिदायीन आतंकी हमले (Fidayeen Terrorist Attack) की साजिश रचने वाले 4 आतंकियों को प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.

वो लम्हा जब बम के धमाके से सहम गई थी अयोध्या

राम की नगरी अयोध्या बरसों से गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल रही है. विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अपने इस जख्म को भरकर अयोध्या शहर वापस अपनी रवानी में था, लेकिन साल 2005 की 5 जुलाई की वो खौफनाक तारीख जिसने बेहद शांत रहने वाले शहर को अशांत कर दिया. गोलियों की तड़तड़ाहट और बम के धमाके ने पूरे शरह में दहशत पैदा कर दी थी.

तारीख 5 जुलाई, दिन था मंगलवार और समय सुबह का था. सब कुछ सामान्य चल रहा था. एक गाड़ी से पांच आतंकी बतौर भक्त अयोध्या में घुसे, पूरे इलाके की रेकी की और विवादित परिसर के पिछले हिस्से में उनवल मंदिर के बैरिकेड की चारदीवारी के पास गाड़ी रोकी और आतंकियों के उतने के बाद उसमें एक जोरदार धमाका हो गया.

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इस धामके में गाड़ी के पास खड़े गाइड रमेश पांडेय और चाय की दुकान पर काम कर रहीं शांति देवी के चीथड़े उड़ गए. गाड़ी से उतरे हथियार बंद 5 आतंकियों ने रामलला परिसर में गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इन्हें रोकने के लिए पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों ने गोलियां चलाईं. गोलियों और ग्रेनेड के धमाकों से शांत अयोध्या में चीख पुकार मच गई.

जवानों ने संभाला था मोर्चा

राम जन्मभूमि पर हुए फिदायीन हमले की खबर कुछ ही देर में आग की तरह फैल गई. तात्कालीन फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अविनाश मौर्य सहित सुरक्षा से जुड़े आलाधिकारियों को इसकी जानकारी हुई. आतंकियों के साथ पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ का ज्वाइंट ऑपरेशन करीब घंटे भर चला. इसमें पांचों आतंकियों को मार गिराया गया. ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों के कुछ जवान भी घायल हो गए. करीब घंटे भर चला ये बड़ा आतंकी ऑपरेशन खत्म हो गया और बड़े आतंकी हमले को नाकाम किया गया. जांच के अनुसार सभी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे. वहीं इस आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

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विशेष आदलत ने चार आरोपियों को सुनाई उम्र कैद की सजा

जून 2019 को प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए आतंकी हमले की साजिश रचने वाले, पांच आरोपियों के खिलाफ बड़ा फैसला सुलाया था. इस फैसले में चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा और एक को बरी कर दिया था. साथ ही उन सभी पर 2.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. बता दें कि आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता अरशद को आतंकी हमले के ही दिन मार गिराया गया था. इस मामले में 63 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे.

इन्हें मिली उम्रकैद की सजा

डॉ. इरफान

मोहम्मद शकील

मोहम्मद नसीम

आसिफ इकबाल, इनके अलावा मोहम्मद अजीज के खिलाफ सुबूत न मिलने पर उसे बरी कर दिया गया.

Last Updated : Jul 5, 2021, 2:27 PM IST
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