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अयोध्या विवाद में मध्यस्थता के खिलाफ खड़े हुए हिंदू पक्षकार, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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Published : Jul 11, 2019, 8:23 AM IST

Updated : Jul 11, 2019, 8:36 AM IST

अयोध्या विवाद मामले में एक नया मोड़ आ गया है. हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने मध्यस्थता कमेटी पर सवाल उठाए हैं और उन्होंने इसके खिलाफ याचिका दायर की है. कोर्ट ने उनकी इस याचिका को मंजूर कर लिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करेगी.

अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई.

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में चल रहे राम जन्म भूमि मामले में अब तक कोर्ट की मध्यस्थता पर ही सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इस मामले में हिंदुओं के पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मध्यस्थता पर संशय जताया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मुख्य मामले की सुनवाई जल्द शुरू करने की भी वकालत की है. कोर्ट ने गोपाल सिंह विशारद की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और 11 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई होगी.

अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई.
याचिका में क्या कहा गया है
हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद की याचिका में मध्यस्थता पर सवाल खड़े किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि मध्यस्थता से इस मामले को नहीं सुलझाया जा सकता है, इसलिए मथ्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट का कोई औचित्य नहीं रह जाता. साथ ही याचिका में कहा गया है कि कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले सुनवाई करे.

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे इस मामले की सुनवाई करेगी. हिंदुओं के पक्षकार की ओर से दायर याचिका पर कोर्ट का रुख क्या होगा यह अभी तय नहीं है, लेकिन मध्यस्थता के फैसले से ठीक पहले इस मामले की सुनवाई से दोनों पक्ष आंशिकत हैं. हिंदू पक्षकार के मधयस्थता के खिलाफ खड़े होने के साथ ही इसकी सफलता पर भी संशय खड़ा हो गया है. 15 अगस्त तक मध्यस्थता कमेटी को अपनी रिपोर्ट देनी है.

मध्यस्थता कमेटी
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 8 मार्च को अयोध्या मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता को इजाजत दे दी थी. इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी भी गठित की थी. जस्टिस खलीफुल्ला के नेतृत्व वाली इस कमेटी में वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर शामिल हैं. कोर्ट कमेटी के तीनों सदस्यों की रिपोर्ट की अलग-अलग सुनवाई करेगा. इस कमेटी को 15 अगस्त तक अपनी अंतिम रिपोर्ट देनी है.

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में चल रहे राम जन्म भूमि मामले में अब तक कोर्ट की मध्यस्थता पर ही सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इस मामले में हिंदुओं के पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मध्यस्थता पर संशय जताया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मुख्य मामले की सुनवाई जल्द शुरू करने की भी वकालत की है. कोर्ट ने गोपाल सिंह विशारद की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और 11 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई होगी.

अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई.
याचिका में क्या कहा गया है
हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद की याचिका में मध्यस्थता पर सवाल खड़े किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि मध्यस्थता से इस मामले को नहीं सुलझाया जा सकता है, इसलिए मथ्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट का कोई औचित्य नहीं रह जाता. साथ ही याचिका में कहा गया है कि कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले सुनवाई करे.

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे इस मामले की सुनवाई करेगी. हिंदुओं के पक्षकार की ओर से दायर याचिका पर कोर्ट का रुख क्या होगा यह अभी तय नहीं है, लेकिन मध्यस्थता के फैसले से ठीक पहले इस मामले की सुनवाई से दोनों पक्ष आंशिकत हैं. हिंदू पक्षकार के मधयस्थता के खिलाफ खड़े होने के साथ ही इसकी सफलता पर भी संशय खड़ा हो गया है. 15 अगस्त तक मध्यस्थता कमेटी को अपनी रिपोर्ट देनी है.

मध्यस्थता कमेटी
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 8 मार्च को अयोध्या मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता को इजाजत दे दी थी. इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी भी गठित की थी. जस्टिस खलीफुल्ला के नेतृत्व वाली इस कमेटी में वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर शामिल हैं. कोर्ट कमेटी के तीनों सदस्यों की रिपोर्ट की अलग-अलग सुनवाई करेगा. इस कमेटी को 15 अगस्त तक अपनी अंतिम रिपोर्ट देनी है.

Intro:अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे राम जन्म भूमि मामले में अब तक कोर्ट की मध्यस्थता पर ही सभी की निगाहें टिकी हुई थी लेकिन इस एप्लीकेशन के माध्यम से हिंदुओं के पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने इसमें संशय जताया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मुख्य मामले की सुनवाई जल्द शुरू करने की भी वकालत की। अधिवक्ता गोपाल सिंह विशारद की इस याचिका को एक्सेप्ट करते हुए उनके इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई की तारीख दी है।
Respected desk- pleases receive visual and byte from FTP.
File-
up_ayo_03_gopal singh visharad in sc_7203463


Body:11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने जा रहा है, हालांकि इस एप्लीकेशन की दिशा और लय क्या होगी यह सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा। लेकिन मध्यस्थता के फैसले के आने से ठीक पहले इस सुनवाई का होना कहीं ना कहीं थोड़ी सी कन्फ्यूजन ही पैदा कर रहा है। जिससे दोनों ही पक्षों में तनाव साफ देखा जा सकता है।


Conclusion:फिलहाल मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस खुद सुबह 10:30 बजे मौजूद होंगे। इसमें क्या होगा यह तो सिर्फ भगवान राम ही बता सकते हैं। फिलहाल लोगों में इस मामले को लेकर धड़कनें तेज हो चुकी है।

दिनेश मिश्रा, 8808540402
नोट वॉइस ओवर सही करने की कोशिश की है लेकिन ठीक नहीं हुआ कृपया मामले की गंभीरता को देखते हुए खबर में उचित परिवर्तन करें जिससे बेहतर खबर हो सके।
Last Updated : Jul 11, 2019, 8:36 AM IST
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