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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अतिथियों को आमंत्रित करने के लिए पूरे देश में बांटा जाएगा अक्षत कलश - अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratistha Festival Akshat Kalash) की तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं. देश के सभी राज्यों से लोगों के इस समारोह में अक्षत कलश लेकर आमंत्रित किया जाएगा. अक्षत कलश बनकर तैयार हो चुका है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 30, 2023, 3:34 PM IST

अयोध्या : राम नगरी में 22 जनवरी 2024 को नवनिर्मित मंदिर में प्रस्तावित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर तेजी से तैयारियां चल रहीं हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट समारोह में सर्व समाज को शामिल करने की योजना पर काम कर रहा है. वीआईपी और वीवीआईपी अतिथियों को आमंत्रित करने के लिए सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है. देश के नागरिकों को जोड़ने के लिए अक्षत कलश निमंत्रण भेजने की योजना भी अंतिम चरण में है. राम जन्मभूमि से पूजित अक्षत को कलश में भरकर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाएगा. श्रद्धालु आमंत्रण के रूप में स्वीकार कर इसकी पूजा करेंगे. अपने घर और आसपास के मंदिर में 22 जनवरी को पहुंचकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी मनाएंगे.

राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
काफी संख्या में अक्षत कलश तैयार कर लिए गए हैं.
काफी संख्या में अक्षत कलश तैयार कर लिए गए हैं.

सैकड़ों की संख्या में अक्षत कलश तैयार : विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर सैकड़ों की संख्या में अक्षत कलश तैयार किए हैं. इन कलश में भरे पीले चावल जिसे अक्षत कहा जाता है. उसे देश के सभी मंदिरों तक पहुंचाया जाएगा. थोड़ी-थोड़ी मात्रा में यह राम भक्तों में वितरित किया जाएगा. इसके अलावा यह अक्षत कलश एक निमंत्रण के रूप में बांटा जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक अक्षत वितरण का उद्देश्य इस भव्य आयोजन से सर्व समाज को सभी राम भक्तों को जोड़ना है. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ही अक्षत से भरे कलश को देश के अलग-अलग प्रति अलग-अलग शहरों में और मंदिरों में भेज दिया जाएगा. जहां से छोटी-छोटी मात्रा में इस अक्षत को राम भक्तों तक पहुंचाया जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलश को तैयार करने में सहयोग किया.
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलश को तैयार करने में सहयोग किया.
देश के कई हिस्सों से लोगों को आमंत्रित किया जाएगा.
देश के कई हिस्सों से लोगों को आमंत्रित किया जाएगा.

अपने घर के आसपास के मंदिरों में खुशी मनाएंगे लोग :अक्षत कलश वितरण कार्यक्रम के माध्यम से हम देश की जनता से आह्वान करेंगे कि जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या नहीं आ रहे हैं, वह अपने आसपास के मंदिर में जो भी देवी-देवता हैं वहां पर 22 जनवरी को उनकी पूजा-अर्चना करेंगे. सायंकाल अपने घर के सामने कम से कम पांच दीपक जलाकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी मनाएंगे.

यह भी पढ़ें : राम की पैड़ी पर 11 नवंबर को होने वाले दीपोत्सव को लेकर भूमि पूजन, जलेंगे 21 लाख दीपक

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राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है.
काफी संख्या में अक्षत कलश तैयार कर लिए गए हैं.
काफी संख्या में अक्षत कलश तैयार कर लिए गए हैं.

सैकड़ों की संख्या में अक्षत कलश तैयार : विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर सैकड़ों की संख्या में अक्षत कलश तैयार किए हैं. इन कलश में भरे पीले चावल जिसे अक्षत कहा जाता है. उसे देश के सभी मंदिरों तक पहुंचाया जाएगा. थोड़ी-थोड़ी मात्रा में यह राम भक्तों में वितरित किया जाएगा. इसके अलावा यह अक्षत कलश एक निमंत्रण के रूप में बांटा जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक अक्षत वितरण का उद्देश्य इस भव्य आयोजन से सर्व समाज को सभी राम भक्तों को जोड़ना है. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ही अक्षत से भरे कलश को देश के अलग-अलग प्रति अलग-अलग शहरों में और मंदिरों में भेज दिया जाएगा. जहां से छोटी-छोटी मात्रा में इस अक्षत को राम भक्तों तक पहुंचाया जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलश को तैयार करने में सहयोग किया.
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलश को तैयार करने में सहयोग किया.
देश के कई हिस्सों से लोगों को आमंत्रित किया जाएगा.
देश के कई हिस्सों से लोगों को आमंत्रित किया जाएगा.

अपने घर के आसपास के मंदिरों में खुशी मनाएंगे लोग :अक्षत कलश वितरण कार्यक्रम के माध्यम से हम देश की जनता से आह्वान करेंगे कि जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या नहीं आ रहे हैं, वह अपने आसपास के मंदिर में जो भी देवी-देवता हैं वहां पर 22 जनवरी को उनकी पूजा-अर्चना करेंगे. सायंकाल अपने घर के सामने कम से कम पांच दीपक जलाकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी मनाएंगे.

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