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अयोध्या: सूर्य ग्रहण के बाद सरयू में श्रद्धालुओं ने किया स्नान - crowd took bath in ayodhya

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में तीन माह बाद सरयू नदी में रविवार को सूर्य ग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने मोक्ष स्नान किया. लाॅकडाउन के बाद से ही सरयू के तट पर सन्नाटा पसरा हुआ था.

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सूर्य ग्रहण के बाद सरयू नदी में श्रद्धालुओं ने किया स्नान.
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Published : Jun 21, 2020, 7:55 PM IST

अयोध्या: सरयू नदी में रविवार को सूर्य ग्रहण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मोक्ष स्नान किया और कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी. कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन के दौरान तीन माह तक श्रद्धालु सरयू में स्नान से परहेज कर रहे थे.

सरयू नदी में श्रद्धालुओं ने किया स्नान.

तीन घंटे के सूर्य ग्रहण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु सरयू नदी के तट पर पहुंचे और स्नान किया. सनातन धर्म के अनुसार ग्रहण के बाद स्नान करना शुभ माना जाता है. वहीं ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण के दौरान हानिकारक किरणों के प्रभाव को कम करने के लिए स्नान करना अति आवश्यक है. सरयू नदी में ग्रहण के बाद स्नान की विशेष मान्यता है.

अनलाॅक के पहले चरण में मंदिरों के खुलने के बाद आमतौर पर श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान करने से परहेज कर रहे थे, लेकिन ग्रहण के बाद स्नान करना आवश्यक है. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सरयू में स्नान किया. वहीं लंबे समय के बाद तट पर श्रद्धालुओं को देख वहां पर पूजा-पाठ कराने वाले पंडित भी खुश दिखें.

सरयू स्नान समिति के अध्यक्ष पंडित ओमप्रकाश ने बताया कि मोक्ष का स्नान बेहद महत्वपूर्ण है. इस स्नान से ग्रहण के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है. स्नान के बाद दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

... तो इसलिए ग्रहण के बाद किया जाता है स्नान

सूर्य ग्रहण को बेहद अहम माना जाता है और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करते हुए दान करना फलदायी होता है. वहीं ऐसी भी मान्यता है कि ग्रहण के बाद पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देने से इष्ट देव की विशेष कृपा मिलती है. धर्माचार्यों के अनुसार यदि पवित्र नदी में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए.

अयोध्या: सरयू नदी में रविवार को सूर्य ग्रहण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मोक्ष स्नान किया और कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी. कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन के दौरान तीन माह तक श्रद्धालु सरयू में स्नान से परहेज कर रहे थे.

सरयू नदी में श्रद्धालुओं ने किया स्नान.

तीन घंटे के सूर्य ग्रहण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु सरयू नदी के तट पर पहुंचे और स्नान किया. सनातन धर्म के अनुसार ग्रहण के बाद स्नान करना शुभ माना जाता है. वहीं ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण के दौरान हानिकारक किरणों के प्रभाव को कम करने के लिए स्नान करना अति आवश्यक है. सरयू नदी में ग्रहण के बाद स्नान की विशेष मान्यता है.

अनलाॅक के पहले चरण में मंदिरों के खुलने के बाद आमतौर पर श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान करने से परहेज कर रहे थे, लेकिन ग्रहण के बाद स्नान करना आवश्यक है. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सरयू में स्नान किया. वहीं लंबे समय के बाद तट पर श्रद्धालुओं को देख वहां पर पूजा-पाठ कराने वाले पंडित भी खुश दिखें.

सरयू स्नान समिति के अध्यक्ष पंडित ओमप्रकाश ने बताया कि मोक्ष का स्नान बेहद महत्वपूर्ण है. इस स्नान से ग्रहण के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है. स्नान के बाद दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

... तो इसलिए ग्रहण के बाद किया जाता है स्नान

सूर्य ग्रहण को बेहद अहम माना जाता है और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करते हुए दान करना फलदायी होता है. वहीं ऐसी भी मान्यता है कि ग्रहण के बाद पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देने से इष्ट देव की विशेष कृपा मिलती है. धर्माचार्यों के अनुसार यदि पवित्र नदी में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए.

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