अयोध्या : डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 28वां दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया. समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के सदस्य डॉ. फिरोज अहमद विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस दौरान 123 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिए गए. डीजी लॉकर में 217496 उपाधियों को अपलोड किया गया. कार्यक्रम के दौरान 71 प्रतिभागियों को पीएचडी की उपाधि भी दी गई. समारोह में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका अभिव्यक्ति का विमोचन सभी अतिथियों ने किया. अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. प्रतिभा गोयल ने किया.
मेधावियों को राज्यपाल ने दी बधाई
दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पदक पाने वाले सभी छात्रों को बधाई दी. कहा कि आप सभी ने कड़ी मेहनत कर मुकाम हासिल किया है. इसलिए आपको उपलब्धियों का उत्सव मनाने का पूरा अधिकार है. यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह आपके जीवन में बहुत खुशी और संतुष्टि का पल है.आपके शैक्षणिक प्रयास सफल हुए हैं. यह आपके जीवन में एक चरण के पूरा होने का प्रतीक है और दूसरा शुरू होने वाला है. आप में से बहुत से लोग विश्वविद्यालय की आश्रय सीमा से बाहर निकलेंगे और अपने सभी उतार-चढ़ाव के साथ वास्तविक दुनिया में प्रवेश करेंगे. इस मौके को नई जिंदगी की शुरुआत के रूप में आप सभी महसूस कीजिए क्योंकि अब आप एक नई यात्रा शुरू कर रहे हैं. आप में से हर कोई इस देश और दुनिया को सभी के लिए एक बेहतर जगह बनाए, इसके लिए आप सभी को शुभकामना और बधाई है.
![अवध विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह में सम्मानित प्रतिभाएं.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-11-2023/up-ayo-02-awadh-convocation-visbyte-7211953_29112023153944_2911f_1701252584_275.jpg)
मिला गोल्ड मेडल तो चमक उठे चेहरे
स्वर्ण पदक पाने वालीं चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या प्रियदर्शी अपनी इस उपलब्धि पर बेहद उत्साहित दिखीं.उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन और परिवार से मिली प्रेरणा को दिया. कहा कि कड़ी मेहनत से जब आप सफल होते हैं तो उसकी खुशी की सीमा नहीं है. आज मेहनत का फल मिला है और गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है. इनफॉरमेशन एंड टेक्नोलॉजी से बीटेक में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालीं छात्रा उन्नति सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिजनों को दिया. बताया कि शिक्षकों के सहयोग से उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचने का मौका मिला है. कड़ी मेहनत के साथ-साथ सही मार्गदर्शन सफलता की राह पर आगे बढ़ता है और आज की इस सफलता का श्रेय में अपने गुरुजनों को और अपने परिवार को देना चाहूंगी.