औरैयाः सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौसम खराब होने के बावजूद भी औरैया-इटावा जनपद का हवाई निरीक्षण किया. इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने ककोर मुख्यालय पहुंच कर जनप्रतिनिधियों और जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की. जिला मुख्यालय में बाढ़ पीड़ितों को संबोधित करते हुए सूबे के मुखिया ने कहा कि यमुना में आई बाढ़ की वजह से जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. उनको सरकार की ओर से आवास दिलाने का आश्वासन दिया है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी चार-चार लाख रुपये की मदद की जाएगी.
इटावा पहुंचे सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को इटावा पहुंचकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद पुलिसलाइन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के पीड़ितों से मुलाकात कर राहत सामग्री का वितरित की. वहीं जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.
गंगा का जलस्तर बढ़ने से बस्ती में भरने लगा पानी
उन्नावः जिले में गंगा का जलस्तर लगातर बढ़ रहा है. गंगा चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गई है. जलस्तर बढ़ने से सदर तहसील क्षेत्र के गोताखोर, बालूघाट, सीताराम कालोनी, इन्द्रा नगर, शक्ति नगर, कटरी, रविदास नगर में पानी पहुंच गया है. अधिकांश लोग पलायन कर चुके हैं. मवेशियों के चारे के लिए पशुपालकों दो चार होना पड़ रहा है. बाढ़ ने कई परिवारों की मुश्किलें बढ़ा दी है. शहर मुख्यालय से कई मोहल्लों का संपर्क भी टूट चुका है.
बाढ़ से परेशान प्रतियोगी छात्र पलायन को मजबूर
प्रयागराजः गंगा और यमुना का जलस्तर तेज गति से बढ़ रहा है और दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इसके अलावा दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि भी हो रही है. जिस वजह से अब निचले इलाकों के साथ ही शहर के दूसरे मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है. गंगा 85.23 मीटर और यमुना 85.07 मीटर तक पहुंच गई हैं. इसके साथ ही दोनों नदियों का जलस्तर 6 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.
बढ़े हुए जलस्तर की वजह से अब लोगों को घरों से पलायन करके सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी रही है. प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बाढ़ कई तरह की मुसीबतें लेकर आई है. एक तरफ जहां बाढ़ का पानी लॉज के कमरों में घुस जाने से सैकड़ों छात्रों को पलायन करना पड़ रहा है. वहीं बड़ी संख्या में ऐसे भी छात्र हैं, जो बाढ़ के पानी में घिर जाने के बावजूद कमरों को छोड़कर नहीं जा पाए हैं.