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औरैया: क्वारंटाइन सेंटर में रुके संक्रमितों ने जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में क्वारंटाइन सेंटर में रुके हुए लोगों ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि उन्हें सेंटर पर भूखा रखा जाता है. वहीं इस मामले में एसडीएम सदर का कहना है कि घर जाने की बहानेबाजी को लेकर संक्रमितों द्वारा ये झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.

उप जिलाधिकारी ने लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
उप जिलाधिकारी ने लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
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Published : Jul 3, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

औरैया: कोरोना संक्रमण महामारी से जूझ रहे जनपद का हाल बदतर होता चला जा रहा है. वहीं क्वारंटाइन सेंटर में रुके हुए लोग जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. क्वारंटाइन किए गए लोगों का आरोप है कि उन्हें सेंटर पर भूखा रखा जाता है. इस मामले में एसडीएम सदर ने जानकारी देते हुए बताया कि क्वारंटाइन सेंटरों में रुके लोग घर जाने की चाहत में जिला प्रशासन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं.

क्वारंटाइन सेंटर में रुके लोगों ने खाना न मिलने का लगाया आरोप.

शहर के जालौन चौराहे पर कोरोना संक्रमित लोगों को रखने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जिसमें करीब सौ से अधिक लोगों को रखा गया है. बुधवार की रात सेंटर पर रुके कुछ लोगों ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें न तो समय पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और न ही वहां पर किसी भी प्रकार की साफ-सफाई की व्यवस्था है. उन्होंने यह भी कहा कि नहाने के लिए पानी तक नहीं आता है और रात में बिजली भी बंद कर दी जाती है, जिसके चलते उन लोगों को खासी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है.

क्वारंटाइन सेंटर पर रुके हुए लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि यहां के शौचालय भी इतने गंदे हैं कि उनमें जाने का मन नहीं करता और 100 लोगों के लिए दो शौचालय हैं. इसके अलावा यहां पर प्रतिदिन साफ-सफाई भी नहीं कराई जाती है. इससे तो वे लोग संक्रमित होने के बजाय अन्य बीमारियों के कारण काल के गाल में समा सकते हैं.

मामले को लेकर जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी सदर रमेश चंद्र यादव ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में रुके हुए लोग जिला प्रशासन पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि वे लोग अपने घरों को जाने के लिए झूठे बहाने बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि गत दिवस उन्होंने जनपद के नोडल अधिकारी के साथ क्वारंटाइन सेंटरों में पहुंचकर हकीकत परखी थी और नोडल अधिकारी द्वारा लोगों से अन्य व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली गई थी.

उपजिलाधिकारी ने बताया कि सेंटर पर रुके हुए कुछ लोग हमेशा एयर कंडीशन रूम में ही रहते थे, लेकिन यहां पर व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जो सुविधाएं सभी के लिए मुहैया कराई गई हैं, उन्हें भी उसके अनुसार ही रहना पड़ेगा. एसडीएम सदर ने सेंटरों पर रुके हुए लोगों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर महज इसे बहानेबाजी करार दिया है.

ये भी पढ़ें- औरैया: किसानों से उगाही करने वाला केंद्र प्रभारी हुआ निलंबित

औरैया: कोरोना संक्रमण महामारी से जूझ रहे जनपद का हाल बदतर होता चला जा रहा है. वहीं क्वारंटाइन सेंटर में रुके हुए लोग जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. क्वारंटाइन किए गए लोगों का आरोप है कि उन्हें सेंटर पर भूखा रखा जाता है. इस मामले में एसडीएम सदर ने जानकारी देते हुए बताया कि क्वारंटाइन सेंटरों में रुके लोग घर जाने की चाहत में जिला प्रशासन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं.

क्वारंटाइन सेंटर में रुके लोगों ने खाना न मिलने का लगाया आरोप.

शहर के जालौन चौराहे पर कोरोना संक्रमित लोगों को रखने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जिसमें करीब सौ से अधिक लोगों को रखा गया है. बुधवार की रात सेंटर पर रुके कुछ लोगों ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें न तो समय पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और न ही वहां पर किसी भी प्रकार की साफ-सफाई की व्यवस्था है. उन्होंने यह भी कहा कि नहाने के लिए पानी तक नहीं आता है और रात में बिजली भी बंद कर दी जाती है, जिसके चलते उन लोगों को खासी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है.

क्वारंटाइन सेंटर पर रुके हुए लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि यहां के शौचालय भी इतने गंदे हैं कि उनमें जाने का मन नहीं करता और 100 लोगों के लिए दो शौचालय हैं. इसके अलावा यहां पर प्रतिदिन साफ-सफाई भी नहीं कराई जाती है. इससे तो वे लोग संक्रमित होने के बजाय अन्य बीमारियों के कारण काल के गाल में समा सकते हैं.

मामले को लेकर जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी सदर रमेश चंद्र यादव ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में रुके हुए लोग जिला प्रशासन पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि वे लोग अपने घरों को जाने के लिए झूठे बहाने बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि गत दिवस उन्होंने जनपद के नोडल अधिकारी के साथ क्वारंटाइन सेंटरों में पहुंचकर हकीकत परखी थी और नोडल अधिकारी द्वारा लोगों से अन्य व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली गई थी.

उपजिलाधिकारी ने बताया कि सेंटर पर रुके हुए कुछ लोग हमेशा एयर कंडीशन रूम में ही रहते थे, लेकिन यहां पर व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जो सुविधाएं सभी के लिए मुहैया कराई गई हैं, उन्हें भी उसके अनुसार ही रहना पड़ेगा. एसडीएम सदर ने सेंटरों पर रुके हुए लोगों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर महज इसे बहानेबाजी करार दिया है.

ये भी पढ़ें- औरैया: किसानों से उगाही करने वाला केंद्र प्रभारी हुआ निलंबित

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST
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