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औरैया में काव्य पाठ, 'जितने श्रीराम हमारे हैं, उतने श्रीराम तुम्हारे हैं' - कवि गौरव चौहान

उत्तर प्रदेश के औरेया में रविवार को नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कवि गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में कवि गौरव चौहान ने काव्य पाठ के रूप में राम मंदिर मुद्दे पर नसीहत दे डाली.

कवि गौरव चौहान.
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Published : Nov 3, 2019, 8:06 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

औरेयाः रविवार को दिबियापुर स्थित नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में जनपद भर के शिक्षक कवि, पत्रकारों एवं सामज सेवियों को सम्मानित करने का काम किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर जाने वाले कवियों ने एक के बाद एक काव्य पाठ किया. कवियों ने समाज में हो रही घटनाओं को काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया.

राम मंदिर मुद्दे पर कवि गौरव चौहान ने दी नसीहत.

कवि गोष्ठी का आयोजन
रविवार को नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कवि गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में जाने माने कवियों ने हिस्सा लेकर कई मुद्दों पर काव्य पाठ प्रस्तुत किया. काव्य पाठन के दौरान कवि गौरव चौहान ने काव्य पाठ के रूप में अपने तीखे अंदाज और तेवर से राम मंदिर मुद्दे पर नसीहत दे डाली. उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर जैसे ही बोलना शुरू किया वैसे ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा समूचा पंडाल गूंज उठा. उनकी एक पंक्ति पर तो जोरदार तालियां बजीं जब उन्होंने कहा कि 'जितने श्रीराम हमारे हैं, उतने श्रीराम तुम्हारे हैं'.

माननीय न्यायालय का आदेश सर्वोपरि
कवि ने कविता में उन लोगों को हिदायत दी जो लोग जाती धर्म के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है. हम उस राष्ट्र के बाशिंदे हैं, जहां का कानून भगवान के बाद अहम होता है और उस कानून यानी न्याय पालिका के निर्णय को हमें खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिए.

कमलेश तिवारी हत्याकांड पर भी कवि गौरव चौहान के काफी तीखे तेवर दिखाई दिए. वह कहते हैं कि कवि यदि कल्पनाओं के माध्यम से कविता का रूप देकर समाज मे कोई संदेश देता है तो निश्चित रूप से वह समाज हित में एक अलग भूमिका अदा करता है.

इसे भी पढ़ें- रबी गोष्ठी में पहुंचे प्रमुख सचिव कृषि, कहा- किसानों की समस्याओं का होगा निदान

औरेयाः रविवार को दिबियापुर स्थित नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में जनपद भर के शिक्षक कवि, पत्रकारों एवं सामज सेवियों को सम्मानित करने का काम किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर जाने वाले कवियों ने एक के बाद एक काव्य पाठ किया. कवियों ने समाज में हो रही घटनाओं को काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया.

राम मंदिर मुद्दे पर कवि गौरव चौहान ने दी नसीहत.

कवि गोष्ठी का आयोजन
रविवार को नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कवि गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में जाने माने कवियों ने हिस्सा लेकर कई मुद्दों पर काव्य पाठ प्रस्तुत किया. काव्य पाठन के दौरान कवि गौरव चौहान ने काव्य पाठ के रूप में अपने तीखे अंदाज और तेवर से राम मंदिर मुद्दे पर नसीहत दे डाली. उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर जैसे ही बोलना शुरू किया वैसे ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा समूचा पंडाल गूंज उठा. उनकी एक पंक्ति पर तो जोरदार तालियां बजीं जब उन्होंने कहा कि 'जितने श्रीराम हमारे हैं, उतने श्रीराम तुम्हारे हैं'.

माननीय न्यायालय का आदेश सर्वोपरि
कवि ने कविता में उन लोगों को हिदायत दी जो लोग जाती धर्म के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है. हम उस राष्ट्र के बाशिंदे हैं, जहां का कानून भगवान के बाद अहम होता है और उस कानून यानी न्याय पालिका के निर्णय को हमें खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिए.

कमलेश तिवारी हत्याकांड पर भी कवि गौरव चौहान के काफी तीखे तेवर दिखाई दिए. वह कहते हैं कि कवि यदि कल्पनाओं के माध्यम से कविता का रूप देकर समाज मे कोई संदेश देता है तो निश्चित रूप से वह समाज हित में एक अलग भूमिका अदा करता है.

इसे भी पढ़ें- रबी गोष्ठी में पहुंचे प्रमुख सचिव कृषि, कहा- किसानों की समस्याओं का होगा निदान

Intro:एंकर--जिले के दिबियापुर स्थित नारायणी मंडपम में सवर्ण सामज सेवा संस्थान द्वारा आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।जिस आयोजन में जनपद भर के शिक्षक कवि व पत्रकारों एवं सामज सेवियों को सम्मानित करने का काम किया गया।इसी श्रंखला में एक कवि गोष्ठी भी रखी गई जहां राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाने वाले कवियों ने एक के बाद एक काव्य पाठ किया काव्य के माध्यम से कवियों ने समाज में हो रही घटनाओं से वाखिब कराते हुए उन पर खूब तालियां बटोरी।कवियों द्वारा किये गए काव्य पाठ को सुनकर मौजूद श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पांडाल गुंजा दिया।


Body:वीओ--कार्यक्रम में जाने माने कवियों ने हिस्सा लेकर कई मुद्दों पर काव्य पाठ किया काव्य पाठन के दौरान एक मुद्दा राम मंदिर से जुड़ा हुआ tv चैनलों पर तीखी काव्य पाठ के रूप में जाने वाले कवि गौरव चौहान ने अपने तीखे अंदाज और तेवर से कई नसीहत और हिदायते दे डाली।कवि गौरव चौहान ने काव्य के माध्यम से राम मंदिर के मुद्दे पर जैसे ही बोलना शुरू किया वैसे ही पंडाल में बैठे श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा पंडाल गूंज उठा।कवि ने कविता में उन लोगों को हिदायत दी जो लोग जाती धर्म के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं।उन्होंने कहा कि माननी न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है हम उस राष्ट्र के बाशिंदे हैं जहां का कानून भगवान के बाद अहम होता है।और उस कानून यानी न्याय पालिका के निर्णय को हमे खुशी खुशी स्वीकार करना चाहिए।


Conclusion:उधर कमलेश तिवारी हत्याकांड पर भी कवि गौरव चौहान के काफी तीखे तेवर दिखाई दिए।कहते हैं कि कवि यदि कल्पनाओं के माध्यम से कविता का रूप देकर समाज मे कोई संदेश देता है तो निश्चित रूप से वह समाज हित में एक अलग भूमिका अदा करता है।फिलहाल कवियों का यह काव्य पाठ श्रोताओं ने खूब सराहा।
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST
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