औरेयाः रविवार को दिबियापुर स्थित नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में जनपद भर के शिक्षक कवि, पत्रकारों एवं सामज सेवियों को सम्मानित करने का काम किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर जाने वाले कवियों ने एक के बाद एक काव्य पाठ किया. कवियों ने समाज में हो रही घटनाओं को काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया.
कवि गोष्ठी का आयोजन
रविवार को नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान ने एक कवि गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में जाने माने कवियों ने हिस्सा लेकर कई मुद्दों पर काव्य पाठ प्रस्तुत किया. काव्य पाठन के दौरान कवि गौरव चौहान ने काव्य पाठ के रूप में अपने तीखे अंदाज और तेवर से राम मंदिर मुद्दे पर नसीहत दे डाली. उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर जैसे ही बोलना शुरू किया वैसे ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा समूचा पंडाल गूंज उठा. उनकी एक पंक्ति पर तो जोरदार तालियां बजीं जब उन्होंने कहा कि 'जितने श्रीराम हमारे हैं, उतने श्रीराम तुम्हारे हैं'.
माननीय न्यायालय का आदेश सर्वोपरि
कवि ने कविता में उन लोगों को हिदायत दी जो लोग जाती धर्म के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है. हम उस राष्ट्र के बाशिंदे हैं, जहां का कानून भगवान के बाद अहम होता है और उस कानून यानी न्याय पालिका के निर्णय को हमें खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिए.
कमलेश तिवारी हत्याकांड पर भी कवि गौरव चौहान के काफी तीखे तेवर दिखाई दिए. वह कहते हैं कि कवि यदि कल्पनाओं के माध्यम से कविता का रूप देकर समाज मे कोई संदेश देता है तो निश्चित रूप से वह समाज हित में एक अलग भूमिका अदा करता है.
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