अमरोहा: उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मोहर्रम के लिए प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने रविवार को गाइडलाइन जारी कर दी थी. इस गाइडलाइन के अनुसार यूपी में 19 अगस्त को प्रशासन ने किसी भी तरीके का जुलूस निकालने पर पाबंदी लगाई है. साथ ही सरकार द्वारा धर्मगुरुओं से संवाद कर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का भी ध्यान रखने को कहा गया है. वहीं अमरोहा जिले में शिया धर्मगुरु डॉ. शियादत नकवी ने मोहर्रम को लेकर जारी हुई गाइडलाइन का विरोध किया.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में मंगलवार को शिया धर्मगुरु व जामा मस्जिद के इमाम डॉ. शियादत नकवी ने शिया समुदाय के लोगों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि मोहर्रम को लेकर यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में कुछ बातें बेहद शर्मनाक हैं. इससे हिंदू-मुस्लिम की भावनाओं को भी ठेस पहुंचा है. जारी कई गई गाडइलाइन को लेकर डीजीपी मुकुल गोयल माफी मांगें.
शिया धर्मगुरु डॉ. शियादत नकवी ने जारी की गई गाइडलाइन को लेकर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि डीजीपी का पद एक जिम्मेदारी भरा पद है. मोहर्रम को लेकर उनके द्वारा जारी किया गया पत्र (गाइडलाइन) बेहद ही शर्मनाक है. शिया धर्मगुरु ने कहा कि मोहर्रम गम और शोक का महीना है, जिसमें शिया और सुन्नी समुदाय दोनों इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत मनाते हैं. हिंदू भी इसमें शामिल होते हैं. शिया धर्मगुरु ने कहा कि यूपी के डीजीपी द्वारा जारी किए गए पत्र में बेहद आपत्तिजनक बातें हैं. पत्र को पढ़कर ऐसा लगता है कि जैसे यह किसी पढ़े-लिखे अधिकारी के द्वारा जारी नहीं किया गया.
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शिया धर्मगुरु डॉ. शियादत नकवी ने कहा कि इससे पूरे प्रदेश में शिया और सुन्नी समुदाय में तनाव पैदा हो सकता था. हालांकि शिया धर्मगुरु ने कहा कि हिंदुस्तान की आवाम समझदार है, जो बहुत ही सलीके से रहना जानती है. शिया धर्मगुरु ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोहर्रम एक पवित्र महीना है, जिसमें बहुत ही शांतिपूर्ण और पवित्र कार्यक्रम होते हैं. पुलिस-प्रशासन ने जारी गाइडलाइन के माध्यम से शिया समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बेहद आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. डॉ. शियादत नकवी ने कहा कि डीजीपी ने मोहर्रम के महीने को बिना जाने और भावनाओं को बिना समझे गाइडलाइन जारी कर दी. इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं.