अमेठी: सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के धरना प्रदर्शन और विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र देने को लेकर भाजपा ने उन पर हमला बोला है. उनके धरने को राजनीतिक ड्रॉमा बताते हुए विधायक निधि और पूर्वांचल विकास निधि में घपलेबाजी का आरोप लगाया है. वहीं, सपा पर हमला करते हुए कहा कि तत्कालीन सपा सरकार में बिना विधायक जी को कमीशन दिए कोई टेंडर नहीं पास होता था. खुलेआम गुंडागर्दी होती थी.
भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य विजय विक्रम सिंह ने कहा कि सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह कोई धरना नहीं दे रहे हैं. उनका धरना एक राजनीतिक ड्रॉमा है. उन्होंने कहा कि पूरे पांच साल विकास कार्य नहीं किए, अब उनके कार्यकाल का दो माह शेष बचा है तो ड्रॉमेबाजी कर रहे हैं. जिन दो सड़कों के नाम पर वो राजनीतिक ड्रॉमा कर रहे हैं, वह सड़क 2016 में सपा सरकार की थी और वे खुद विधायक थे.
विजय विक्रम सिंह ने कहा कि गुणवत्ताविहीन कार्य किसी से छिपा नहीं है. समाचार पत्रों में भी खूब खबरे छप रही थीं, जब स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में घपलेबाजी की आवाज उठाई. उन्हें मुकदमे में फंसाने तक की धमकी दी गई. सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के चलते सड़क छह माह भी नहीं चली. छह माह के अंदर ही सड़क उखड़ गई. इन्होंने पांच साल जनता के लिए आए विकास के पैसों को खूब लूटा. विधायक निधि में घपलेबाजी की.
अभी 3 मार्च को एक करोड़ तीन लाख रुपये नल के नाम पर पूर्वांचल विकास निधि से पैसा निकाला था. जब मैंने इस मुद्दे को उठाया तो नल लगने शुरू हुए. पांच साल विकास तो किया नहीं, अब जनता के सामने क्या मुंह लेके जाएंगे. जनता इनकी ड्रॉमेबाजी को समझ रही है. उन्होंने कहा कि जून में मैने खुद प्रस्ताव दिया था. वह सड़क पास हो गई है. सड़क का चौड़ीकरण होना है. इसमें वन विभाग की एनओसी बनती है. पोल हटाने के लिए विद्युत विभाग से एनओसी लेना पड़ता है. सभी प्रक्रिया पूर्ण होते ही काम शुरू हो जाएगा.
समाजवादी पार्टी से गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने विगत दो अक्टूबर को जिला अधिकारी अमेठी को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि विधानसभा क्षेत्र की दो प्रमुख सड़कों का पुर्निर्माण कार्य नहीं प्रारंभ होगा तो वे अपनी विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देकर लखनऊ में आमरण अनशन करेंगे.
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उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं. इनमें से एक कादुनाला से थौरी तक जिसकी लंबाई लगभग 9 किमी. है और दूसरी सड़क मुसाफिरखाना से पारा मार्ग जिसकी लंबाई लगभग 5 किमी. है. फिलहाल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत काम शुरू न होने पर उन्होंने पिछले रविवार को विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था. वे विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित को त्याग पत्र सौंपकर धरने पर बैठ गए थे.