अमेठी: दो दिन पहले प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हिन्दू नेता की हत्या हुई थी, जिसके बाद मृतक हिन्दू नेता के परिवार ने प्रदेश की योगी सरकार को यह कह कर कटघरे में खड़ा कर दिया कि अगर हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की सुरक्षा न कम की गई होती तो शायद कमलेश की हत्या न होती. हिन्दू नेता के मौत के बाद अब साधु-सन्तों को भी अपनी हत्या का भय सताने लगा है.
पीठाधीश्वर मौनी महाराज को सता रहा हत्या का भय
ताजा मामला वीवीआईपी क्षेत्र कहे जाने वाले अमेठी जनपद के गौरीगंज का है. दरअसल यहां के सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी महाराज को अपनी हत्या का भय सताने लगा है. भय सताना वाजिब भी है. राम मंदिर निर्माण आंदोलन से लेकर कई हिन्दू संगठनों की वकालत करने वाले मौनी महाराज की सुरक्षा में लगे जवानों को एकाएक जिला प्रशासन ने उनकी सुरक्षा से हटा दिया है.
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सुरक्षा व्यवस्था हटाने पर बोले पीठाधीश्वर मौनी महाराज
मौनी महाराज ने अपनी और आश्रम की सुरक्षा हटाए जाने पर जिलाप्रशासन के साथ-साथ प्रदेश सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ऊपर पहले भी कई बार हमले हुए हैं, जिसको देखते हुए पिछली सरकार ने उन्हें सुरक्षा व्यवस्था दी थी. वहीं मौजूदा सरकार ने उसे एकाएक हटा लिया है. इस दौरान उनके साथ कोई घटना घटित होती है तो इसका जिम्मेदार जिलाप्रशासन और प्रदेश की सरकार होगी.