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अपने क्रिकेट करियर में कुछ खास नहीं कर पाए यह खिलाड़ी, लेकिन कोच बनकर किया कमाल

क्रिकेट के इतिहास में कुछ क्रिकेटर उतने सफल नहीं हुए, लेकिन कोच के तौर वह खूब सफल हुए और टीमों के काफी सेवाएं दी.

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By ETV Bharat Sports Team

Published : 2 hours ago

Etv BharatPlayers who failed as cricketers but did wonders in coaching
ऐसे खिलाड़ी जो क्रिकेटर के तौर पर रहे नाकाम लेकिन कोचिंग में किया कमाल (IANS and ANI PHOTO)

नई दिल्ली : क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिस में हर खिलाड़ी सफल नहीं होता है. कुछ क्रिकेटर तो पूरी तरह से सफल हो जाते हैं, लेकिन कुछ समय के साथ फीके पड़ जाते हैं या वह इसी मैदान में कोई दूसरा रास्ता अपना लेते हैं. जैसे कि कोई कोच बन जाता है या फिर कोई अंपायर बन जाता है.

क्रिकेट के इतिहास में ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और कोच के तौर पर सफल रहे, लेकिन कुछ का करियर शानदार नहीं रहा, लेकिन उन्होंने कोच के तौर पर अपनी पहचान बनाई. आज हम ऐसे ही उन पांच खिलाड़ियों बारे में बताने वाले हैं जो आगे चलकर बेहतरीन कोच बने.

बॉब वूल्मर (इंग्लैंड)
इंग्लिश बल्लेबाज से कोच बने बॉब वूल्मर ने 19 टेस्ट मैच खेले. उन्होंने टेस्ट में 33 से अधिक की औसत से 1059 रन बनाए, लेकिन खिलाड़ी के रूप में वे ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए. हालांकि, वूल्मर कोच के रूप में सफल रहे. उन्हें पहली कोचिंग 1994 में दक्षिण अफ्रीका के साथ की. 2004 में, उन्हें पाकिस्तान का कोच नियुक्त किया गया. उनकी देखरेख में, पाकिस्तान ने घरेलू श्रृंखला में इंग्लैंड को हराया और भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला 1-1 से बराबर की.

जॉन बुकानन (ऑस्ट्रेलिया)
जॉन बुकानन एक खिलाड़ी के तौर पर बुरी तरह विफल रहे, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सात मैच खेले और 12.30 की औसत से 160 रन बनाए और 15 विकेट लिए. हालांकि, कोच के तौर पर वे सफल रहे. बुकानन को 1999 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और एक समय 15 मैचों में 15 जीत भी दर्ज कीं. उन्होंने 2003 में दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप जीताया.

डेव व्हाटमोर (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेव व्हाटमोर ने सात टेस्ट मैच खेले, लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर वे उतने सफल नहीं रहे. उन्होंने 22 से ज़्यादा की औसत से 293 रन बनाए, लेकिन कोच के तौर पर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. व्हाटमोर ने बांग्लादेश में क्रिकेट को बढ़ावा दिया. उनकी कोचिंग में बांग्लादेश ने 2007 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और भारत को हराया. आईपीएल की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) उनकी देखरेख में चौथे और पांचवें स्थान पर रही.

मिकी आर्थर (दक्षिण अफ़्रीकी)
दक्षिण अफ़्रीकी कोच मिकी आर्थर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेल पाए. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ग्रिक्वालैंड वेस्ट और ऑरेंज फ़्री स्टेट के लिए दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के रूप में खेला. उन्होंने फर्सट कलास क्रिकेट में 6600 से ज़्यादा रन बनाए, लेकिन वे कभी सफल नहीं हो पाए और अपनी राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए.

हालांकि, आर्थर ने रिटायरमेंट के बाद कोच के रूप में अपना नाम बनाया. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका टीम का कोच बनाया गया. उस वक्त दक्षिण अफ्रीका ने लगातार सीरीज में भारत और पाकिस्तान को हराया, और 2007 विश्व कप से पहले वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गया. आर्थर ने पाकिस्तान के लिए एक प्रमुख कार्यकाल से पहले ऑस्ट्रेलिया और PSL फ़्रैंचाइज़ी में घरेलू टीमों को कोचिंग दी. उनके ही दौर में पाकिस्तान ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी जीता और 2018 में टी20 की रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा.

ट्रेवर बेलिस (ऑस्ट्रेलिया)
इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने न्यू साउथ वेल्स के लिए 57 मैच खेले और 35.58 की औसत से 3060 रन बनाए. उन्होंने पांच शतक और 15 अर्धशतक भी लगाए, लेकिन उन्हें कभी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिली. वह श्रीलंका के कोच बने और 2007 विश्व कप, फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के कारण उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही. लेकिन फिर 2010 एशिया कप में उनकी देखरेख में श्रीलंका फाइनल में पहुंचा, लेकिन भारत से मैच हार गया. उन्होंने आईपीएल में केकेआर को भी कोचिंग दी, लेकिन उन्होने 2019 में इंग्लैंड के लिए विश्व कप जीत के साथ बड़ी सफलता हासिल की.

यह भी पढ़ें - न्यूजीलैंड के गेंदबाज ने एक ओवर में लुटाए 77 रन, 16 नो बॉल के साथ फेंका इतिहास का सबसे महंगा ओवर

नई दिल्ली : क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिस में हर खिलाड़ी सफल नहीं होता है. कुछ क्रिकेटर तो पूरी तरह से सफल हो जाते हैं, लेकिन कुछ समय के साथ फीके पड़ जाते हैं या वह इसी मैदान में कोई दूसरा रास्ता अपना लेते हैं. जैसे कि कोई कोच बन जाता है या फिर कोई अंपायर बन जाता है.

क्रिकेट के इतिहास में ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और कोच के तौर पर सफल रहे, लेकिन कुछ का करियर शानदार नहीं रहा, लेकिन उन्होंने कोच के तौर पर अपनी पहचान बनाई. आज हम ऐसे ही उन पांच खिलाड़ियों बारे में बताने वाले हैं जो आगे चलकर बेहतरीन कोच बने.

बॉब वूल्मर (इंग्लैंड)
इंग्लिश बल्लेबाज से कोच बने बॉब वूल्मर ने 19 टेस्ट मैच खेले. उन्होंने टेस्ट में 33 से अधिक की औसत से 1059 रन बनाए, लेकिन खिलाड़ी के रूप में वे ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए. हालांकि, वूल्मर कोच के रूप में सफल रहे. उन्हें पहली कोचिंग 1994 में दक्षिण अफ्रीका के साथ की. 2004 में, उन्हें पाकिस्तान का कोच नियुक्त किया गया. उनकी देखरेख में, पाकिस्तान ने घरेलू श्रृंखला में इंग्लैंड को हराया और भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला 1-1 से बराबर की.

जॉन बुकानन (ऑस्ट्रेलिया)
जॉन बुकानन एक खिलाड़ी के तौर पर बुरी तरह विफल रहे, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सात मैच खेले और 12.30 की औसत से 160 रन बनाए और 15 विकेट लिए. हालांकि, कोच के तौर पर वे सफल रहे. बुकानन को 1999 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और एक समय 15 मैचों में 15 जीत भी दर्ज कीं. उन्होंने 2003 में दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप जीताया.

डेव व्हाटमोर (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेव व्हाटमोर ने सात टेस्ट मैच खेले, लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर वे उतने सफल नहीं रहे. उन्होंने 22 से ज़्यादा की औसत से 293 रन बनाए, लेकिन कोच के तौर पर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. व्हाटमोर ने बांग्लादेश में क्रिकेट को बढ़ावा दिया. उनकी कोचिंग में बांग्लादेश ने 2007 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और भारत को हराया. आईपीएल की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) उनकी देखरेख में चौथे और पांचवें स्थान पर रही.

मिकी आर्थर (दक्षिण अफ़्रीकी)
दक्षिण अफ़्रीकी कोच मिकी आर्थर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेल पाए. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ग्रिक्वालैंड वेस्ट और ऑरेंज फ़्री स्टेट के लिए दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के रूप में खेला. उन्होंने फर्सट कलास क्रिकेट में 6600 से ज़्यादा रन बनाए, लेकिन वे कभी सफल नहीं हो पाए और अपनी राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए.

हालांकि, आर्थर ने रिटायरमेंट के बाद कोच के रूप में अपना नाम बनाया. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका टीम का कोच बनाया गया. उस वक्त दक्षिण अफ्रीका ने लगातार सीरीज में भारत और पाकिस्तान को हराया, और 2007 विश्व कप से पहले वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गया. आर्थर ने पाकिस्तान के लिए एक प्रमुख कार्यकाल से पहले ऑस्ट्रेलिया और PSL फ़्रैंचाइज़ी में घरेलू टीमों को कोचिंग दी. उनके ही दौर में पाकिस्तान ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी जीता और 2018 में टी20 की रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा.

ट्रेवर बेलिस (ऑस्ट्रेलिया)
इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने न्यू साउथ वेल्स के लिए 57 मैच खेले और 35.58 की औसत से 3060 रन बनाए. उन्होंने पांच शतक और 15 अर्धशतक भी लगाए, लेकिन उन्हें कभी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिली. वह श्रीलंका के कोच बने और 2007 विश्व कप, फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के कारण उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही. लेकिन फिर 2010 एशिया कप में उनकी देखरेख में श्रीलंका फाइनल में पहुंचा, लेकिन भारत से मैच हार गया. उन्होंने आईपीएल में केकेआर को भी कोचिंग दी, लेकिन उन्होने 2019 में इंग्लैंड के लिए विश्व कप जीत के साथ बड़ी सफलता हासिल की.

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