बरेली: आकांक्षा इनक्लेव निवासी पंडित विपिन शर्मा ने पूर्व जन्म एवं कुंडली विश्लेषण विषय पर शोध के लिए पीएचडी की उपाधि हासिल की है. इस उपलब्धि के लिए उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला है. पंडित विपिन शर्मा ने अपनी पीएचडी राजस्थान के उदयपुर स्थित श्री महर्षि वैदिक काॅलेज से पूरी की है.
बरेली के आकांक्षा इनक्लेव निवासी पं. विपिन शर्मा का ज्योतिष से जुड़ाव बचपन से ही रहा. पिता पूर्ण चंद्र शर्मा भी जाने माने ज्योतिषाचार्य थे. विपिन ने उन्हीं से ज्योतिष की प्रेरणा ली और प्राथमिक ज्ञान हासिल किया. कुंडली में ग्रह, नक्षत्रों को अधिक सटीकता से समझने और अंवेषण करने के लिए विपिन ने बरेली काॅलेज से बीकाम करने के बाद ज्योतिष की विधिवत शिक्षा लेने के लिए श्री महर्षि वैदिक काॅलेज उदयपुर में प्रवेश लिया. जहां वर्ष 2020 में पीजी डिप्लोमा कोर्स और ए प्लस ग्रेड के साथ शास्त्री बने. वर्ष 2021 में ज्योतिषाचार्य के रूप में ए प्लस ग्रेड लेते हुए पीजी डिग्री हासिल की. इसके बाद पूर्व जन्म एवं कुंडली विश्लेषण विषय पर शोध के लिए आवेदन किया. आवेदन स्वीकृत होने के बाद फैकेल्टी गाइड डाॅ. पवन परमार के निर्देशन में शोध पूरा किया और गोल्ड मेडल हासिल किया.
डाॅ. विपिन शर्मा का कहना है कि माता-पिता के आशीर्वाद और प्रोत्साहन से ज्योतिष जैसे गूढ़ विषय में उनकी रुचि हुई. इसके बाद डाॅ. पवन परमार के दिशा निर्देश में शोध पूरा किया. इसके अलावा भाई रचित और सुमित और पत्नी चारुल व बेटे सार्थक ने भी सहयोगी किया. डाॅ. विपिन शर्मा के अनुसार ज्यादातर लोग ज्योतिष को काल्पनिक मानते हुए अंधविश्वास की नजर से देखते हैं. जबकि यह पूरी तरह वैज्ञानिक और गणित का विषय है. गणनाएं जितनी सटीक होंगी, ज्योतिष में पूछे गए सवाल भी उतने ही सही होंगे. ज्योतिष में हमारे ऋषियों का काफी योगदान है. प्राचीन शास्त्रों में काफी कुछ उल्लिखित है. आज अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित आईएएमए इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ज्योतिष के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही है. देश में भी कई संस्थानों में ज्योतिष पर रिसर्च जारी है. इस विषय पर शोध होने के चलते उम्मीद है कि यह प्राचीन भारतीय विद्या फिर से स्वर्णिम शिखर पर पहुंचेगी.