अंबेडकरनगर: जब प्रशासन ने नहीं सुनी गुहार तो अंबेडकरनगर जिले के ग्रामीणों ने खुद ही सड़क बनवाने का फैसला कर लिया. नेपुरा गांव के लोगों ने जलभराव की समस्या से परेशान होकर कई बार प्रशासन से खड़ंजा बनवाने की मांग की लेकिन ग्रामीणों के इस मांग की किसी ने सुध नहीं ली. हार-थक के गांव के लोग खुद के खर्चे पर खड़ंजा बनवा रहे हैं.
मामला टाण्डा विकास खण्ड के ग्राम नेपुरा का है. बताया जा रहा है कि इस गांव में बहुत पहले खड़ंजे का निर्माण हुआ था. समय के साथ जैसे-जैसे गलियों के किनारे लोगों के नए मकान बने तो जल निकासी की समस्या हो गई. समय के साथ-साथ पूरा खड़ंजा मार्ग कीचड़ में तब्दील हो गया. हल्की सी बारिश होने के बाद ग्रामीणों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से लेकर अधिकारियों तक कई बार गलियों के मरम्मत कराए जाने की मांग की, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली. इसके बाद ग्रामीणों ने खुद गांव की तस्वीर बदलने का बीड़ा उठाया. ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित कर जन सहयोग से खड़ंजे को उखाड़कर उस पर मिट्टी डलवायी और मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया.
ग्रामीणों का कहना है कि रास्ता बहुत खराब था. इसकी शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई काम नहीं हुआ. इसलिए हम लोग आपसी सहयोग से ही खड़ंजा उखाड़ कर उस पर मिट्टी डालकर दोबारा मरम्मत कर रहे हैं. चंदे से ईंट भी खरीदी गई है.