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अंबेडकरनगर: आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा का दिखा असर, ग्रामीणों ने लिखी गांव के विकास की गाथा - टाण्डा विकासखण्ड

यूपी के अंबेडकरनगर में ग्रामीणों ने अपने दम का गांव का विकास किया है. ग्रामीणों ने गांव में नए मार्गों और नालियों का निर्माण किया है. प्रतिदिन सुबह ग्रामीण गांव को जोड़ने वाले मार्गों की सफाई करते हैं, जिससे उनका गांव स्वच्छ बन सके.

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सड़क निर्माण.
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Published : Sep 9, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर: जिले में गांव के विकास की बाट जोह रहे ग्रामीणों ने खुद ही अपनी मेहनत से विकास की एक लकीर खींच दी है. जन सहयोग से गांव वालों ने अपने गांव की सूरत बदल दी है. ग्रामीणों ने गांव में नए मार्गों और नालियों का निर्माण किया है.

ग्रामीणों ने लिखी गांव के विकास की गाथा.

मामला टाण्डा विकासखण्ड के ग्राम बरवा बीठलपुर का है. बताया जा रहा है कि उक्त गांव में आने-जाने के लिए रास्तों और नलियों की बहुत समस्या थी. मार्गों की मरम्मत न होने की वजह से हल्की सी बारिश में जलभराव हो जाता था. नालियां बजबजाने लगती थीं. गांव को जोड़ने वाले मार्ग के किनारे गंदगी की भरमार हो गई थी. पहले गांव वालों ने ग्राम पंचायत और अधिकारियों से गांव के विकास की बात कही. सार्थक निष्कर्ष न निकलने पर ग्रामीणों ने खुद ही गांव की सूरत बदलने का जिम्मा उठाया. आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर गांव वालों ने गांव में नए मार्ग का निर्माण किया. गांव में नालियों की मरम्मत की. अब प्रतिदिन सुबह ग्रामीण गांव को जोड़ने वाले मार्गों की सफाई करते हैं, जिससे उनका गांव स्वच्छ बन सके.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में गंदगी और रास्ते की बहुत दिक्कत थी. अधिकारियों और ग्राम पंचायत से कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम खुद आपसी सहयोग से गांव का विकास और सफाई का कार्य कर रहे हैं.

अंबेडकरनगर: जिले में गांव के विकास की बाट जोह रहे ग्रामीणों ने खुद ही अपनी मेहनत से विकास की एक लकीर खींच दी है. जन सहयोग से गांव वालों ने अपने गांव की सूरत बदल दी है. ग्रामीणों ने गांव में नए मार्गों और नालियों का निर्माण किया है.

ग्रामीणों ने लिखी गांव के विकास की गाथा.

मामला टाण्डा विकासखण्ड के ग्राम बरवा बीठलपुर का है. बताया जा रहा है कि उक्त गांव में आने-जाने के लिए रास्तों और नलियों की बहुत समस्या थी. मार्गों की मरम्मत न होने की वजह से हल्की सी बारिश में जलभराव हो जाता था. नालियां बजबजाने लगती थीं. गांव को जोड़ने वाले मार्ग के किनारे गंदगी की भरमार हो गई थी. पहले गांव वालों ने ग्राम पंचायत और अधिकारियों से गांव के विकास की बात कही. सार्थक निष्कर्ष न निकलने पर ग्रामीणों ने खुद ही गांव की सूरत बदलने का जिम्मा उठाया. आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर गांव वालों ने गांव में नए मार्ग का निर्माण किया. गांव में नालियों की मरम्मत की. अब प्रतिदिन सुबह ग्रामीण गांव को जोड़ने वाले मार्गों की सफाई करते हैं, जिससे उनका गांव स्वच्छ बन सके.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में गंदगी और रास्ते की बहुत दिक्कत थी. अधिकारियों और ग्राम पंचायत से कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम खुद आपसी सहयोग से गांव का विकास और सफाई का कार्य कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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