अंबेडकरनगरः लॉकडाउन के कारण दो वक्त की रोटी को मजबूर गरीबों के लिए मुस्लिम युवाओं की टीम फरिश्ता बन कर सामने आई है. युवाओं की ये टीम न जाति देखती है और न ही धर्म. जो भी लाचार मिला उसे राशन का पैकेट दे रही है. युवाओं ने ये बीड़ा उठाया है, कि वो अपनी जानकारी में किसी भी इंसान को भूखा नहीं सोने देंगे. युवाओं की ये टीम अब तक करीब 500 गरीब परिवारों की मदद कर चुकी है.
राजनीति की चौसर पर हिन्दू और मुसलमान को भले ही अलग-अलग बांट दिया गया हो, लेकिन टाण्डा नगरी में मुस्लिम युवाओं की टीम इंसानियत की मिसाल पेश कर रही है. लॉकडाउन के बाद रोजगार बंद हो गए हैं. रोज कमाने-खाने वालों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. ऐसे में टाण्डा निवासी मुजीब अहमद सोनू और कसीम के नेतृत्व में युवाओं की टीम ने घर-घर राशन पहुंचाने का जिम्मा उठाया. साथ ही रोज गरीबों और असहाय लोगों को खाना खिला रहे हैं.
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मुजीब अहमद का कहना है, कि हमारा यह प्रयास है कि कोई भी भूखा न रहे. हमारी जानकारी में यदि एक भी व्यक्ति भूखा है तो उनका भोजन करना व्यर्थ है. युवाओं का कहना है,कि उनका इस्लाम भी यही सिखाता है कि पहले भूखे को खाना खिलाओ, यह सबसे बड़ा धर्म है.