अम्बेडकरनगर: जिले में बसपा सुप्रीमों मायावती की राजनीतिक विरासत को संभालने वाले पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त ने बसपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया है. त्रिभुवन दत्त ने मंगलवार को लखनऊ में सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी का झंडा थामा. त्रिभुवन दत्त के इस कदम से बसपा को करारा झटका लगा है.
बता दें कि बसपा के पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त दो दशक से अधिक समय से बसपा के साथ थे, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से उनके पार्टी बदलने की चर्चा चल रही थी. बताया जा रहा है कि त्रिभुवन दत्त आलापुर विधानसभा सीट से अपनी टिकट की गारंटी चाहते थे. इसी वजह से अभी कुछ माह पहले भी उनके सपा में शामिल होने की चर्चा तेज हुई थी, लेकिन किसी कारणवश बात बन नहीं पाई थी. खबर है कि बसपा के एक पुराने नेता (जो इन दिनों सपा में हैं) ने त्रिभुवन दत्त के सपा में शामिल होने का रास्ता साफ किया. इसके बाद त्रिभुवन दत्त हाथी से उतर कर साइकिल पर सवार हो गए.
बसपा के साथ लंबा राजनीतिक सफर
त्रिभुवन दत्त का बसपा के साथ राजनीति का सफर काफी लंबा रहा है. उन्होंने बसपा से ही राजनीति की शुरुआत की थी और पार्टी सुप्रीमों मायावती के अति करीबियों में शुमार थे. वर्ष 2000 में मायावती ने त्रिभुवन दत्त को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया. बसपा सुप्रीमों अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से सांसद थीं, लेकिन 2003 में जब उन्होंने त्यागपत्र दिया तो त्रिभुवन दत्त को अपनी इस सीट से सांसद बनाया. 2007 में मायावती ने अपनी विधानसभा सीट आलापुर से त्रिभुवन को टिकट दे कर विधानसभा भेजा था.