अम्बेडकरनगर: जिला खाद्य विपणन अधिकारी पर धान खरीद में पारदर्शिता बरतने को लेकर शासन की सख्ती का चाबुक चला है. खरीद प्रक्रिया में अनियमितता और व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए मनमानी तरीके से किये गए कार्यों को लेकर शासन ने डिप्टी आरएमओ को निलंबित कर दिया है.
बता दें कि किसानों को धान की उचित कीमत देने के लिए सरकार सख्त है. इसीलिए सरकारी क्रय केंद्रों के अलावा पंजीकृत समितियों को भी क्रय केंद्र बनाया गया है. इन्हीं समितियों के निर्धारण में डिप्टी आरएमओ की भूमिका संदिग्ध थी. बताया जा रहा है कि कटेहरी क्षेत्र के एक मिलर मेसर्स अमित को लाभ पहुंचाने के लिए डिप्टी आरएमओ चामुंडा प्रसाद पांडे ने इस मिल को 13 क्रय केंद्रों से सम्बद्ध कर दिया, जबकि इस मिल पर सरकारी धनराशि हड़पने का आरोप है, लेकिन डिप्टी आरएमओ ने इन तथ्यों को छिपाते हुए सम्बद्धता कर दी.
डीएम राकेश कुमार की जांच रिपोर्ट में डिप्टी आरएमओ की भूमिका संदिग्ध आने पर शासन ने उन्हें निलंबित कर गोरखपुर मुख्यालय से सम्बद्ध किया है. डीएम राकेश कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी, जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई हुई है. एमओ अवधेश वर्मा को प्रभारी डिप्टी आरएमओ बनाया गया है.