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अंबेडकरनगर: वेतन विसंगति को लेकर सड़क पर उतरी रसोइयां, चूल्हा बुझाने की दी धमकी

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में परिषदीय विद्यालयों में भोजन बनाने वाली रसोईया सड़क पर उतर आईं है. उनका कहना है कि उन्हें मानदेय नहीं मिल रहा है.

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रसोइयों का प्रदर्शन
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Published : Mar 7, 2020, 6:46 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर: शासन की उपेक्षा और वेतन विसंगति को लेकर परिषदीय विद्यालयों में भोजन बनाने वाली रसोईयां सड़क पर उतरने को मजबूर हो गई हैं. इसका खामियाजा अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. अपनी मांगों को लेकर जिले की रसोइयां मध्याह्न भोजन रसोइया मजदूर संघ बैनर तले कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रही हैं. वहीं मांगे पूरी न होने पर रसोईयों ने स्कूल के चूल्हों को बुझाने की धमकी दी है.

रसोइयों का प्रदर्शन
परिषदीय स्कूलों में भोजन बनाने के लिए जिले में तकरीबन 5 हजार रसोईयों को तैनात किया गया है. इन्हें पहले एक हजार रुपये मिलता था और अब 15 सौ रुपये मिल रहा है. इन्ही रसोइयों से आंगनबाणी केंद्रों पर भी भोजन बनवाया जाता है, लेकिन उसका अलग से मानदेय नहीं दिया जा रहा है, जिसको लेकर रसोइयों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. रसोइयों को पहले 11 माह का मानदेय मिल रहा था, लेकिन अब 10 महीने का ही मानदेय दिया जा रहा है. इसको लेकर यह आक्रोशित हैं.


हम लोगों से स्कूल के साथ आंगनबाड़ी में भी भोजन बनवाया जाता है, लेकिन उसका पैसा नही मिलता. हमारा वेतन बढ़ा तो प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से की 25 प्रतिशत धनराशि बढ़ा दी, लेकिन केंद्र ने अभी भी अपने हिस्से की 75 प्रतिसत धनराशि नहीं बढ़ाई. वर्ष 2014 में हमे 11 माह का मानदेय मिलता था, लेकिन अब 10 महीने का मानदेय मिल रहा है. हमें 3 हजार रुपये मिलना चाहिए. वहीं जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो हम स्कूलों में खाना-बनाना बन्द कर देंगे.
-कन्यावती, अध्यक्ष रसोइया संघ

इसे भी पढ़ें- बरेलीः बिहार ले जाई जा रही 95 लाख की अवैध शराब के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

अंबेडकरनगर: शासन की उपेक्षा और वेतन विसंगति को लेकर परिषदीय विद्यालयों में भोजन बनाने वाली रसोईयां सड़क पर उतरने को मजबूर हो गई हैं. इसका खामियाजा अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. अपनी मांगों को लेकर जिले की रसोइयां मध्याह्न भोजन रसोइया मजदूर संघ बैनर तले कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रही हैं. वहीं मांगे पूरी न होने पर रसोईयों ने स्कूल के चूल्हों को बुझाने की धमकी दी है.

रसोइयों का प्रदर्शन
परिषदीय स्कूलों में भोजन बनाने के लिए जिले में तकरीबन 5 हजार रसोईयों को तैनात किया गया है. इन्हें पहले एक हजार रुपये मिलता था और अब 15 सौ रुपये मिल रहा है. इन्ही रसोइयों से आंगनबाणी केंद्रों पर भी भोजन बनवाया जाता है, लेकिन उसका अलग से मानदेय नहीं दिया जा रहा है, जिसको लेकर रसोइयों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. रसोइयों को पहले 11 माह का मानदेय मिल रहा था, लेकिन अब 10 महीने का ही मानदेय दिया जा रहा है. इसको लेकर यह आक्रोशित हैं.


हम लोगों से स्कूल के साथ आंगनबाड़ी में भी भोजन बनवाया जाता है, लेकिन उसका पैसा नही मिलता. हमारा वेतन बढ़ा तो प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से की 25 प्रतिशत धनराशि बढ़ा दी, लेकिन केंद्र ने अभी भी अपने हिस्से की 75 प्रतिसत धनराशि नहीं बढ़ाई. वर्ष 2014 में हमे 11 माह का मानदेय मिलता था, लेकिन अब 10 महीने का मानदेय मिल रहा है. हमें 3 हजार रुपये मिलना चाहिए. वहीं जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो हम स्कूलों में खाना-बनाना बन्द कर देंगे.
-कन्यावती, अध्यक्ष रसोइया संघ

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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