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अम्बेडकरनगर: आवासीय मकानों पर चला बुलडोजर, बसपा ने की मुआवजे की मांग

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Published : Sep 5, 2020, 10:49 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले में एनटीपीसी विस्तारीकरण के लिए प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहित की जा रही है. इसके लिए प्रशासन ने आवासीय मकानों पर बुलडोजर चलवा दिया. वहीं बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने इसे भूमि अधिग्रहण अधिनियम का उल्लंघन बताया. साथ ही उन्होंने पीड़ितों को आवासीय मुआवजा दिए जाने की मांग की.

पुलिस बल का प्रयोग कर खाली कराए मकान.
पुलिस बल का प्रयोग कर खाली कराए मकान.

अम्बेडकरनगर: एनटीपीसी विस्तारीकरण के तहत प्रशासन की ओर से आवासीय मकानों पर बुलडोजर चलाने से कई परिवार बेघर हो गए हैं. ये परिवार अब अपने मासूम बच्चों और महिलाओं के साथ खुले आसमान में रहने को विवश हो गया हैं. बताया जा रहा है कि एनटीपीसी को भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन ने जिन घरों पर बुलडोजर चलवाया है, वहां लोग कई पुस्तों से रह रहे थे. प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग कर लोगों को बेघर तो कर दिया, लेकिन उनके रहने की व्यवस्था नहीं कर सका.

कई आवासीय मकानों को तोड़ा गया.

महत्तवपूर्ण बातें-

  • बिना मुआवजा दिए खाली कराई जमीन गई.
  • कई परिवारों के मकान तोड़े गए .
  • एनटीपीसी विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा.

एनटीपीसी विस्तारीकरण के तहत ग्राम सलारपुर रजौर में भूमि अधिग्रहण का कार्य हुआ है. यहां की कुछ जमीन पर पहले ही एनटीपीसी ने कब्जा कर लिया था, लेकिन कुछ जमीन पर अब कब्जा किया जा रहा है. शुक्रवार को अधिग्रहित जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन के लोग भारी सुरक्षा बल के साथ ग्राम सलारपुर रजौर में पहुंचे. यहां करीब छह मकानों पर बुलडोजर चलवा दिया गया, जिससे आवासीय छप्पर और मकान तहस-नहस हो गए. बुलडोजर चलने से घरों में रखा गृहस्थी का सामान भी उसी में नष्ट हो गया. आनन-फानन में लोग जो राशन और जरूरी सामान बचा सके वही बचा सके, बाकी सब मिट्टी में मिल गया.

इन घरों में रह रहे लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन इनकी बात न तो प्रशासन सुनने को तैयार हुआ और न ही एनटीपीसी. लोग बिलखते रहे वर्षों पुराने अपने आशियाने को उजड़ता देखते रहे, लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं था. पीड़ितों का आरोप है कि वह यहां पुस्तों से रह रहे थे, लेकिन एनटीपीसी ने जबरन उन्हें उजाड़ दिया. उनको घरों का मुआवजा भी नहीं मिला और रहने के लिए कोई ठिकाना भी नहीं है. उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. जो भूमि थी उसे एनटीपीसी ने ले लिया.

वहीं एनटीपीसी के अधिकारियों का कहना है कि इस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है. जमीन का अधिग्रहण करा रहे अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे. देर शाम पीड़ितों को किराए के मकान में रहने के लिए राजी करने मौके पर पहुंचे कानूनगो ने सिर्फ इतना कहा कि हम इन्हें रेंट पर कमरा दे रहे हैं और रेंट की व्यवस्था प्रशासन कराएगा. भविष्य में मुआवजे के लिए प्रयास किया जाएगा.

प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर बसपा विधान मंडल दल के नेता ने कहा कि शासन के इशारे पर प्रशासन जबरन भूमि अधिग्रहण कर रहा है. इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम का उलंघन किया जा रहा है. हमारी मांग है कि पीड़ितों को आवासीय मुआवजा दिया जाए.

इसे भी पढ़ें- मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी, कई दिग्गज जांच के घेरे में

अम्बेडकरनगर: एनटीपीसी विस्तारीकरण के तहत प्रशासन की ओर से आवासीय मकानों पर बुलडोजर चलाने से कई परिवार बेघर हो गए हैं. ये परिवार अब अपने मासूम बच्चों और महिलाओं के साथ खुले आसमान में रहने को विवश हो गया हैं. बताया जा रहा है कि एनटीपीसी को भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन ने जिन घरों पर बुलडोजर चलवाया है, वहां लोग कई पुस्तों से रह रहे थे. प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग कर लोगों को बेघर तो कर दिया, लेकिन उनके रहने की व्यवस्था नहीं कर सका.

कई आवासीय मकानों को तोड़ा गया.

महत्तवपूर्ण बातें-

  • बिना मुआवजा दिए खाली कराई जमीन गई.
  • कई परिवारों के मकान तोड़े गए .
  • एनटीपीसी विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा.

एनटीपीसी विस्तारीकरण के तहत ग्राम सलारपुर रजौर में भूमि अधिग्रहण का कार्य हुआ है. यहां की कुछ जमीन पर पहले ही एनटीपीसी ने कब्जा कर लिया था, लेकिन कुछ जमीन पर अब कब्जा किया जा रहा है. शुक्रवार को अधिग्रहित जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन के लोग भारी सुरक्षा बल के साथ ग्राम सलारपुर रजौर में पहुंचे. यहां करीब छह मकानों पर बुलडोजर चलवा दिया गया, जिससे आवासीय छप्पर और मकान तहस-नहस हो गए. बुलडोजर चलने से घरों में रखा गृहस्थी का सामान भी उसी में नष्ट हो गया. आनन-फानन में लोग जो राशन और जरूरी सामान बचा सके वही बचा सके, बाकी सब मिट्टी में मिल गया.

इन घरों में रह रहे लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन इनकी बात न तो प्रशासन सुनने को तैयार हुआ और न ही एनटीपीसी. लोग बिलखते रहे वर्षों पुराने अपने आशियाने को उजड़ता देखते रहे, लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं था. पीड़ितों का आरोप है कि वह यहां पुस्तों से रह रहे थे, लेकिन एनटीपीसी ने जबरन उन्हें उजाड़ दिया. उनको घरों का मुआवजा भी नहीं मिला और रहने के लिए कोई ठिकाना भी नहीं है. उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. जो भूमि थी उसे एनटीपीसी ने ले लिया.

वहीं एनटीपीसी के अधिकारियों का कहना है कि इस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है. जमीन का अधिग्रहण करा रहे अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे. देर शाम पीड़ितों को किराए के मकान में रहने के लिए राजी करने मौके पर पहुंचे कानूनगो ने सिर्फ इतना कहा कि हम इन्हें रेंट पर कमरा दे रहे हैं और रेंट की व्यवस्था प्रशासन कराएगा. भविष्य में मुआवजे के लिए प्रयास किया जाएगा.

प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर बसपा विधान मंडल दल के नेता ने कहा कि शासन के इशारे पर प्रशासन जबरन भूमि अधिग्रहण कर रहा है. इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम का उलंघन किया जा रहा है. हमारी मांग है कि पीड़ितों को आवासीय मुआवजा दिया जाए.

इसे भी पढ़ें- मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी, कई दिग्गज जांच के घेरे में

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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