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Ambedkarnagar Medical Collage: 34 डॉक्टरों ने प्रिंसिपल पर लगाए गंभीर आरोप, कार्रवाई की मांग

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Published : Jan 19, 2023, 4:36 PM IST

अंबेडकरनगर महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पर चिकित्सकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कॉलेज के 34 चिकित्सकों ने शासन को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है. इससे पहले कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भी प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा था.

अंबेडकरनगर महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज
अंबेडकरनगर महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज

अंबेडकरनगरः महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और चिकित्सकों में रार छिड़ गई है. कॉलेज के प्रोफेसर, एसोसिएट और असिटेंट प्रोफेसरों ने कॉलेज के प्रधानाचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कॉलेज के 34 चिकित्सकों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ शासन को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है. चिकित्सकों ने प्रधानाचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाएं हैं.

ये है मामला: कॉलेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज में छात्र और कॉलेज प्रशासन आमने-सामने था. इस दौरान छात्रों ने जमकर विरोध किया था, जिसके बाद शासन ने डीजीएमई के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को जांच के लिए महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज भेजा था. जांच के दौरान टीम ने प्रधानाचार्य को दोषी पाया था. यह विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसरों और एसोसिएट व असिटेंट प्रोफेसरों ने प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग करते हुए शासन और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखा है.

चिकित्सकों का आरोपः चिकित्सकों द्वारा शासन को लिखे गए पत्र के मुताबिक 4 जनवरी को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक श्रुति सिंह ने दो अन्य अधिकारियों के साथ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. इस दौरान जांच टीम ने छात्रों के अलावा चिकित्सकों से भी अकेले में पूछताछ की थी. जिसके बाद से प्रधानाचार्य चिकित्सकों से नाराज हैं कि उन्होंने जांच टीम से मुलाकात क्यों की. प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक ने कॉलेज के कई चिकित्सकों को उनके पुराने मामले में नोटिस भेजा है. चिकित्सकों का आरोप है कि कालेज प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक उन्हें अपने कमरे में बुलाकर अपशब्दों का प्रयोग कर अपमानित करते हैं और धमकी भी देते हैं. चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांग कर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. डीजीएमई के जांच के बाद से ही प्रधानाचार्य और फैकल्टी अब आमने सामने हैं.

छात्रों ने लगाया आरोपः राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कुछ दिन पहले कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ शारीरिक और मानसिक शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. पूरे मामले की शिकायत डीएम से की गई थी. इसके बाद डीएम ने अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी की टीम बना कर पूरे मामले की जांच कराई थी. जांच टीम ने भी माना कि कॉलेज प्रशासन छात्र-छात्राओं का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहा है. उनके साथ अमर्यादित टिप्पणी किये जाने के साथ ही उन्हें कई तरह की धमकी दी जा रही है. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा था कि ऐसी स्थित में छात्र-छात्राओं के भविष्य और शांति व्यवस्था के मद्देनजर प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक का स्थानांतरण किया जाना उचित है. हालांकि इस मामले में प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक से किसी तरह का बयान सामने नहीं आया है.

ये भी पढ़ेंः Wrestlers Protest: जयंत चौधरी ने साधा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण पर निशाना, कहा इस बार नहीं रफा-दफा होगा मामला

अंबेडकरनगरः महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और चिकित्सकों में रार छिड़ गई है. कॉलेज के प्रोफेसर, एसोसिएट और असिटेंट प्रोफेसरों ने कॉलेज के प्रधानाचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कॉलेज के 34 चिकित्सकों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ शासन को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है. चिकित्सकों ने प्रधानाचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाएं हैं.

ये है मामला: कॉलेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज में छात्र और कॉलेज प्रशासन आमने-सामने था. इस दौरान छात्रों ने जमकर विरोध किया था, जिसके बाद शासन ने डीजीएमई के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को जांच के लिए महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज भेजा था. जांच के दौरान टीम ने प्रधानाचार्य को दोषी पाया था. यह विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसरों और एसोसिएट व असिटेंट प्रोफेसरों ने प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग करते हुए शासन और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखा है.

चिकित्सकों का आरोपः चिकित्सकों द्वारा शासन को लिखे गए पत्र के मुताबिक 4 जनवरी को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक श्रुति सिंह ने दो अन्य अधिकारियों के साथ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. इस दौरान जांच टीम ने छात्रों के अलावा चिकित्सकों से भी अकेले में पूछताछ की थी. जिसके बाद से प्रधानाचार्य चिकित्सकों से नाराज हैं कि उन्होंने जांच टीम से मुलाकात क्यों की. प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक ने कॉलेज के कई चिकित्सकों को उनके पुराने मामले में नोटिस भेजा है. चिकित्सकों का आरोप है कि कालेज प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक उन्हें अपने कमरे में बुलाकर अपशब्दों का प्रयोग कर अपमानित करते हैं और धमकी भी देते हैं. चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांग कर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. डीजीएमई के जांच के बाद से ही प्रधानाचार्य और फैकल्टी अब आमने सामने हैं.

छात्रों ने लगाया आरोपः राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कुछ दिन पहले कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ शारीरिक और मानसिक शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. पूरे मामले की शिकायत डीएम से की गई थी. इसके बाद डीएम ने अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी की टीम बना कर पूरे मामले की जांच कराई थी. जांच टीम ने भी माना कि कॉलेज प्रशासन छात्र-छात्राओं का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहा है. उनके साथ अमर्यादित टिप्पणी किये जाने के साथ ही उन्हें कई तरह की धमकी दी जा रही है. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा था कि ऐसी स्थित में छात्र-छात्राओं के भविष्य और शांति व्यवस्था के मद्देनजर प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक का स्थानांतरण किया जाना उचित है. हालांकि इस मामले में प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक से किसी तरह का बयान सामने नहीं आया है.

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