अम्बेडकरनगर : यूपी की सियासत में वापसी की तैयारी में जुटी सपा अब पूर्वांचल के सियासत को साधने में जुट गई है. बसपा से अलग हुए दो विधायकों को आधार बनाकर सपा पूर्वांचल में अपना समीकरण मजबूत कर रही है. इसी सिलसिले में 7 नवम्बर को अखिलेश यादव अम्बेडकरनगर आ रहे हैं. सपा मुखिया के मंसूबों को पूरा करने के लिए अम्बेडकरनगर के दो विधायक अभी से जुट गए हैं. सपा अध्यक्ष के दौरे को लेकर होने वाले कार्यक्रम की तैयारी जोरों पर है. अखिलेश यादव अपनी इस रैली के बहाने पूर्वांचल के पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक का गठजोड़ बनाने पर जोर देंगे.
दरअसल, बसपा से अलग हुए दो नेताओं लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को लेकर चल रही सियासी उहा पोह पर अब विराम लग गया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव 7 नवम्बर को अम्बेडकरनगर के अकबरपुर में आ रहे हैं. इस दौरान बसपा से अलग हुए दो विधायक लालजी वर्मा और राम अचल राजभर सपा का दामन थामेंगे. अखिलेश के कार्यक्रम को लेकर ये दोनों विधायक अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. दोनों ही विधायक अपने समर्थकों के साथ बैठक कर इस रैली को ऐतिहासिक बनाने में लग गए हैं. अखिलेश के कार्यक्रम में ऐतिहासिक भीड़ जुटाने के लिए ये दोनों नेता हर बूथ से भीड़ निकालने की रणनीति बना रहे हैं. जानकारों का मानना है कि पूर्वांचल में पिछड़ों और अति पिछड़ों की बाहुल्यता है. इसमें कुर्मी और राजभर समाज का अहम स्थान है. ऐसे में लालजी वर्मा और रामअचल राजभर के सपा में शामिल होने के बाद, पूर्वांचल की सियासत में बढ़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
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विधायक राम अचल राजभर का कहना है कि हम दोनों नेताओं के सपा में शामिल होने के बाद पूर्वांचल की 110 सीटें सीधे तौर पर प्रभावित होंगी. इन सभी सीटों पर सपा की जीत तय है. सपा को जिताने के लिए हम दोनों नेता एक खास रणनीति पर काम कर रहे हैं. उनका कहना था कि हमारा लक्ष्य है कि 2022 में अखिलेश सीएम बनें. 7 नवम्बर को अखिलेश यादव अकबरपुर आ रहे हैं. इस कार्यक्रम से पूर्वांचल का समीकरण तय होगा.