प्रयागराज : 'ॐ नमः शिवाय' और 'हर हर गंगे' जयकारा लगाकर कुंभ में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाडे़ ने गंगा में डुबकी लगाई. आगे आगे आराध्य की चौकी और उसके पीछे आचार्य महामंडलेश्वर की टोली स्नान के लिए जा रही थी. इसके बाद उत्साह से भरे नागाओं की टोली नजर आई. अखाड़े से निकलकर संतों का जुलूस सीधे संगम पहुंचा. तय किये गए समायानुसार महानिर्वाणी अखाड़ा दल ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई.
जोश और उमंग के साथ किया शाही स्नान
शाही स्नान में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाडे़ के आचार्य महामंडलेश्वर ने गंगा में विधि विधान से पूजा पाठ किया और गंगा में डुबकी लगाई. इसके तुरंत बाद नागाओं की टोली ने गंगा में झालंग लगाई. गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही साथ नागा साधु करतब भी दिखाते हुए नजर आए. कोई तलवार भंजता नजर आया तो कोई केशों को लहराते नजर आए. इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए लाखों की संख्या लोग में घाट जमा हुए.
पुलिस प्रशासन के बीच निकली शाही जुलूस
दूसरे प्रमुख शाही स्नान को लेकर सुबह से लेकर घाट में भारी संख्या पुलिस बल तैनात किया गया. कुंभ में स्पेशल फोर्स से लेकर जिला पुलिस फोर्स की बल तैनात की गई है. इसके साथ ही अखाड़ों के निकलने वाले रूट पर भी फोर्स तैनात किए गए हैं. पुलिस प्रशासन के बीच अखड़ों के साधू संतों ने शाही स्नान किया. मेला प्रशासन का अनुमान है कि मौनी अमावस्या के अवसर पर करीब तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर पूण्य की डुबकी लगाएंगे.