लखनऊ: समाज में महिला उत्पीड़न और महिला अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. इसको लेकर न तो प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रही है और न ही सरकार. आए दिन छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं. जिस पर अंकुश नही लग पा रहा हैं. ऐसी स्थिति में लड़कियों के दिमाग पर छेड़छाड़ का गहरा असर पडता हैं. ईटीवी भारत की टीम ने उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम से इस मुद्दे पर खास बातचीत की. हाल ही में अलीगढ़ की एक छात्रा के साथ कुछ मनचलों ने छेड़छानी की, जिसके बाद महिला आयोग की अध्यक्ष से बातचीत के दौरान पूछे गए इस प्रश्न पर उन्होंने जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि "अलीगढ़ वाले मामले पर हमारे पास अभी कोई एप्लीकेशन नहीं दिया गया है. ईटीवी भारत के जरिए हमें इस मामले की जानकारी मिली है. इस पर हम बाकी की जानकारी जुटाकर जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे. इसके लिए सबसे पहले हम अलीगढ़ की डीएम-एसएसपी से इस मसले पर बातचीत कर कर जल्द से जल्द मामला निपटाएंगे.
जनसुनवाई केंद्र
विमला बाथम ने कहा, "75 जिलों में से 25 जिला महिला आयोग के सदस्य हैं. जहां सुनवाई केंद्र लगाए जाते हैं. इससे पहले अखबार में जनसुनवाई केंद्र कहां लगेगा इसकी सूचना दी जाती है, जिसके बाद अगले दिन जनसुनवाई होती हैं. जहां पीड़ित महिला अपनी शिकायत लेकर जनसुनवाई केंद्र आकर चांसलर के समक्ष अपनी बात रखती हैं. इस दौरान एसपी, एसएसपी और महिला थाने की इंचार्ज मौजूद होती हैं. क्योंकि, बात महिलाओं की होती है तो वहां पर प्रशासन का होना जरूरी है. जिसके लिए जब भी हम कोई सुनवाई करते हैं. अगर कहीं जाकर हमारी टीम कोई ठोस कदम उठाती है तो वहां पर प्रशासन जरूर साथ में होते हैं."
पीड़ित सबसे पहले एप्लीकेशन देती है
यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि महिला आयोग में सबसे पहले पीड़ित महिला एक एप्लीकेशन देती है, जिसके बाद पूरी प्रक्रिया शुरू होती है. इसके लिए हमारे यहां रोजाना जनसुनवाई होती है. यहां पर पीड़िता आती हैं. अपनी बात रखती हैं ऐसे में कुछ महिलाएं ऐसी भी आती हैं जो जनसुनवाई में अपनी बात न रख कर सीधे उनसे बात करना पसंद करती हैं. तो उनकी भी बात सुनी जाती हैं और उस पर कार्रवाई की जाती है.