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AMU के दृष्टिबाधित छात्र ने संस्कृत में की पैगंबर साहब की स्तुति, लोग कर रहे पसंद

एएमयू के हॉस्टल में होने वाले संगीत प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर इमरान कई बार विजेता भी बने हैं. इसके साथ ही देहरादून में सिंगिंग में ही नेशनल लेवल का अवार्ड भी पा चुके हैं. अलीगढ़ के रहने वाले रविंद्र जैन भी ब्लाइंड थे. इमरान बताते हैं कि रविन्द जैन से बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलती है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उर्दू के छात्र इमरान हुसैन
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उर्दू के छात्र इमरान हुसैन
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Published : Apr 5, 2021, 4:09 PM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उर्दू के छात्र इमरान हुसैन ने पैगंबर मोहम्मद साहब की स्तुति संस्कृत में कर देश में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उनके द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब को याद करते हुए संस्कृत में पढ़ा गया नात सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे पसंद भी किया जा रहा है. यह वीडियो एक सप्ताह पुराना बताया जा रहा है. इमरान हुसैन बचपन से ही ब्लाइंड हैं और उन्होंने कभी संस्कृत की शिक्षा नहीं ली.

AMU के दृष्टिबाधित छात्र ने संस्कृत में की पैगंबर साहब की स्तुति, लोग कर रहे पसंद

उर्दू से कर रहे एमए
पीलीभीत के रहने वाले इमरान उर्दू से एमए कर रहे हैं. लेकिन संस्कृत से भी उन्हें लगाव है. इमरान के कई वीडियो यू-ट्यूब पर हैं. इसमें उन्होंने रनिंग म्यूजिक के साथ अपनी आवाज दी है. इमरान बताते हैं कि वह एक बार भी जिस गीत को सुन लेते हैं (और यदि वह उन्हें पसंद आ जाए) तो उसे मन से याद कर लेते हैं.

यह भी पढ़ें : जिस घर में सर सैय्यद ने आखिरी पल बिताए, उन्ही के नाम पर बना संग्रहालय


मोबाइल व कंप्यूटर भी चलाते हैं
इमरान एसएस साउथ हास्टल के कमरा नंबर 20 में रह रहे हैं. उनके हॉस्टल के साथी उन्हें पूरा सहयोग करते हैं. उनके रूम पार्टनर कोई भी चीज या सॉन्ग रिकॉर्ड करके दे देते हैं. इसे इमरान सुनते हैं और याद कर लेते हैं. परीक्षा भी ऐसे ही देते हैं. इमरान ने बताया कि परीक्षा में राइटर मिलते हैं और जो हम बोलते हैं वह लिखते हैं. हालांकि गाना गाने की ट्रेनिंग कहीं से नहीं ली है. बचपन से ही इमरान को गाने का शौक था. इसी शौक को इमरान ने बरकरार रखा है. दृष्टिबाधित होना उनके लिए कभी बाधक नहीं रहा. वे मोबाइल और कंप्यूटर आसानी से चला लेते हैं.

यह भी पढ़ें : कहानी सुनना और कहना है एक कला: प्रोफेसर समीना खान

रविद्र जैन से मिलती है प्रेरणा
एएमयू के हॉस्टल में होने वाले संगीत प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर इमरान कई बार विजेता भी बने हैं. इसके साथ ही देहरादून में सिंगिंग में ही नेशनल लेवल का अवार्ड भी पा चुके हैं. अलीगढ़ के रहने वाले रविंद्र जैन भी ब्लाइंड थे. रामायण में दिया उनका गीत-संगीत आज भी लोग याद करते है. इमरान बताते हैं कि रविन्द जैन से बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलती है. उनके जैसे बहुत कम लोग हैं जिन्होंने मेहनत कर संगीत की दुनिया में अपना नाम कमाया.

संस्कृत में की पैगम्बर की स्तुति
इमरान ने संस्कृत कभी नहीं पढ़ी. वे बताते हैं कि एक बार उनके टीचर ने संस्कृत में रिकार्ड कर कुछ याद करने के लिए दिया था. तब वह याद नहीं कर सके थे. लेकिन अब वह संस्कृत में पैगंबर साहब की स्तुति कर रहे हैं जो कि सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है.

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उर्दू के छात्र इमरान हुसैन ने पैगंबर मोहम्मद साहब की स्तुति संस्कृत में कर देश में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उनके द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब को याद करते हुए संस्कृत में पढ़ा गया नात सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे पसंद भी किया जा रहा है. यह वीडियो एक सप्ताह पुराना बताया जा रहा है. इमरान हुसैन बचपन से ही ब्लाइंड हैं और उन्होंने कभी संस्कृत की शिक्षा नहीं ली.

AMU के दृष्टिबाधित छात्र ने संस्कृत में की पैगंबर साहब की स्तुति, लोग कर रहे पसंद

उर्दू से कर रहे एमए
पीलीभीत के रहने वाले इमरान उर्दू से एमए कर रहे हैं. लेकिन संस्कृत से भी उन्हें लगाव है. इमरान के कई वीडियो यू-ट्यूब पर हैं. इसमें उन्होंने रनिंग म्यूजिक के साथ अपनी आवाज दी है. इमरान बताते हैं कि वह एक बार भी जिस गीत को सुन लेते हैं (और यदि वह उन्हें पसंद आ जाए) तो उसे मन से याद कर लेते हैं.

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मोबाइल व कंप्यूटर भी चलाते हैं
इमरान एसएस साउथ हास्टल के कमरा नंबर 20 में रह रहे हैं. उनके हॉस्टल के साथी उन्हें पूरा सहयोग करते हैं. उनके रूम पार्टनर कोई भी चीज या सॉन्ग रिकॉर्ड करके दे देते हैं. इसे इमरान सुनते हैं और याद कर लेते हैं. परीक्षा भी ऐसे ही देते हैं. इमरान ने बताया कि परीक्षा में राइटर मिलते हैं और जो हम बोलते हैं वह लिखते हैं. हालांकि गाना गाने की ट्रेनिंग कहीं से नहीं ली है. बचपन से ही इमरान को गाने का शौक था. इसी शौक को इमरान ने बरकरार रखा है. दृष्टिबाधित होना उनके लिए कभी बाधक नहीं रहा. वे मोबाइल और कंप्यूटर आसानी से चला लेते हैं.

यह भी पढ़ें : कहानी सुनना और कहना है एक कला: प्रोफेसर समीना खान

रविद्र जैन से मिलती है प्रेरणा
एएमयू के हॉस्टल में होने वाले संगीत प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर इमरान कई बार विजेता भी बने हैं. इसके साथ ही देहरादून में सिंगिंग में ही नेशनल लेवल का अवार्ड भी पा चुके हैं. अलीगढ़ के रहने वाले रविंद्र जैन भी ब्लाइंड थे. रामायण में दिया उनका गीत-संगीत आज भी लोग याद करते है. इमरान बताते हैं कि रविन्द जैन से बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलती है. उनके जैसे बहुत कम लोग हैं जिन्होंने मेहनत कर संगीत की दुनिया में अपना नाम कमाया.

संस्कृत में की पैगम्बर की स्तुति
इमरान ने संस्कृत कभी नहीं पढ़ी. वे बताते हैं कि एक बार उनके टीचर ने संस्कृत में रिकार्ड कर कुछ याद करने के लिए दिया था. तब वह याद नहीं कर सके थे. लेकिन अब वह संस्कृत में पैगंबर साहब की स्तुति कर रहे हैं जो कि सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है.

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