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अलीगढ़ः AMU कुलपति ने छात्रों के लिए लिखा पत्र

यूपी में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रों के नाम पत्र लिखा है. इसमें 15 दिसंबर को एएमयू में हुए बवाल पर अपनी बात लिखी है. उन्होंने लिखा कि कैंपस के अंदर असामाजिक लोगों की भीड़ की वजह से पुलिस बुलाई थी.

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर.
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Published : Dec 31, 2019, 9:37 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने छात्रों के नाम खुला पत्र लिखा है. उन्होंने छात्रों से कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से जो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है. एएमयू प्रशासन उसके खिलाफ नहीं है. वहीं 15 दिसंबर को एएमयू में हुए बवाल पर उन्होंने सफाई दी है कि कैंपस के अंदर असामाजिक लोगों की भीड़ थी. जिसे हटाने के लिए पुलिस बुलाई गई.

कुलपति ने छात्रों के नाम लिखा पत्र.

छात्रों के नाम लिखा कुलपति ने पत्र
वहीं पत्र में यह भी लिखा गया है कि पुलिस की अगर गलती है तो पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा है कि बेगुनाह छात्रों को नहीं फंसने दिया जाएगा. कुलपति ने 5 जनवरी के बाद एएमयू के चरणबद्ध तरीके से खोलने की बात कही है. कुलपति ने लिखा कि छात्रों के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती और विश्वविद्यालय प्रशासन जो भी निर्णय लेगा. वह छात्रों के हित में लेगा. कैंपस के अंदर छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई पर कुलपति ने दुख जताया है और जिन छात्रों को चोट लगी हैं. विश्वविद्यालय इंतजामिया उनके साथ खड़ा है.

स्वस्थ्य लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण
पत्र में लिखा गया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया के दो छात्रों की मृत्यु की अफवाह से छात्र उग्र हो गए. वहीं हॉस्टल खाली कराने पर कुलपति ने लिखा की परिस्थितियों के अनुसार सोच समझकर निर्णय लिया गया. इसमें कुछ छात्रों को परेशानी हुई, जिसके लिए उन्होंने खेद जताया है. कुलपति ने पत्र के अंतिम पैरा में कहा है कि छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के जज्बे का सम्मान करता हूं. लिखा है कि एएमयू प्रशासन छात्रों के अधिकारों को कुचलने का पक्षधर नहीं है. स्वस्थ लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है.

इसे भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: जाते-जाते अयोध्या विवाद सुलझा गया साल 2019

क्या लिखा है खत में
कुलपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि बहुत महत्वपूर्ण समय में पत्र लिख रहा हूं. छात्र विश्वविद्यालय जब लौटेंगे, इस बात को अवश्य याद रखें कि एक कुलपति के नाते मैंने इस विश्वविद्यालय की सुरक्षा और यहां के छात्रों की भलाई का वचन दिया है. विश्वविद्यालय परिसर में अराजकता के वातावरण से एएमयू की छवि धूमिल होगी और झूठी अफवाहों को बल मिलेगा. कुलपति ने पत्र में लिखा कि उन्हें विश्वविद्यालय के छात्रों के विवेक पर पूर्ण विश्वास है और यह आशा है कि वह स्वार्थी तथा अवसरवादी तत्व को अपनी समस्याओं का दुरुपयोग करने का अवसर नहीं देंगे.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने छात्रों के नाम खुला पत्र लिखा है. उन्होंने छात्रों से कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से जो नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है. एएमयू प्रशासन उसके खिलाफ नहीं है. वहीं 15 दिसंबर को एएमयू में हुए बवाल पर उन्होंने सफाई दी है कि कैंपस के अंदर असामाजिक लोगों की भीड़ थी. जिसे हटाने के लिए पुलिस बुलाई गई.

कुलपति ने छात्रों के नाम लिखा पत्र.

छात्रों के नाम लिखा कुलपति ने पत्र
वहीं पत्र में यह भी लिखा गया है कि पुलिस की अगर गलती है तो पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा है कि बेगुनाह छात्रों को नहीं फंसने दिया जाएगा. कुलपति ने 5 जनवरी के बाद एएमयू के चरणबद्ध तरीके से खोलने की बात कही है. कुलपति ने लिखा कि छात्रों के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती और विश्वविद्यालय प्रशासन जो भी निर्णय लेगा. वह छात्रों के हित में लेगा. कैंपस के अंदर छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई पर कुलपति ने दुख जताया है और जिन छात्रों को चोट लगी हैं. विश्वविद्यालय इंतजामिया उनके साथ खड़ा है.

स्वस्थ्य लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण
पत्र में लिखा गया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया के दो छात्रों की मृत्यु की अफवाह से छात्र उग्र हो गए. वहीं हॉस्टल खाली कराने पर कुलपति ने लिखा की परिस्थितियों के अनुसार सोच समझकर निर्णय लिया गया. इसमें कुछ छात्रों को परेशानी हुई, जिसके लिए उन्होंने खेद जताया है. कुलपति ने पत्र के अंतिम पैरा में कहा है कि छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के जज्बे का सम्मान करता हूं. लिखा है कि एएमयू प्रशासन छात्रों के अधिकारों को कुचलने का पक्षधर नहीं है. स्वस्थ लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है.

इसे भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: जाते-जाते अयोध्या विवाद सुलझा गया साल 2019

क्या लिखा है खत में
कुलपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि बहुत महत्वपूर्ण समय में पत्र लिख रहा हूं. छात्र विश्वविद्यालय जब लौटेंगे, इस बात को अवश्य याद रखें कि एक कुलपति के नाते मैंने इस विश्वविद्यालय की सुरक्षा और यहां के छात्रों की भलाई का वचन दिया है. विश्वविद्यालय परिसर में अराजकता के वातावरण से एएमयू की छवि धूमिल होगी और झूठी अफवाहों को बल मिलेगा. कुलपति ने पत्र में लिखा कि उन्हें विश्वविद्यालय के छात्रों के विवेक पर पूर्ण विश्वास है और यह आशा है कि वह स्वार्थी तथा अवसरवादी तत्व को अपनी समस्याओं का दुरुपयोग करने का अवसर नहीं देंगे.

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने छात्रों के नाम खुला पत्र लिखा है. उन्होंने छात्रों से कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से जो नागरिकता कानून का विरोध हो रहा है. उसके खिलाफ एएमयू प्रशासन नहीं है. वही 15 दिसंबर को एएमयू में हुए बवाल पर उन्होंने सफाई दी है कि कैंपस के अंदर असामाजिक लोगों की भीड़ थी. जिसे हटाने के लिए पुलिस बुलाई गई. पत्र में साफ कहा गया है कि पुलिस की अगर गलती है. तो पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी होगा. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा है कि बेगुनाह छात्रों को नहीं फंसने दिया जाएगा. एएमयू कुलपति ने नागरिकता कानून को लेकर एएमयू में चल रहे माहौल पर पत्र लिखा है. कुलपति ने 5 जनवरी के बाद एएमयू के चरणबद्ध तरीके से खोलने की बात कही है. कुलपति ने कहा है कि छात्रों के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती और विश्वविद्यालय प्रशासन जो भी निर्णय लेगा. वह छात्रों के हित में लेगा. कैंपस के अंदर छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई पर कुलपति ने दुख जताया है. और जिन छात्रों को चोट लगी है. विश्वविद्यालय इंतजामिया उनके साथ खड़ा है. कुलपति ने कहा है कि छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. विश्वविद्यालय में जो घटना अब तक हुई है. उसको लेकर एएमयू इंतजामियां ने कोई एफआईआर नहीं कराई है. 


 






Body:कुलपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि बहुत महत्वपूर्ण समय में पत्र लिख रहा हूं. छात्र विश्वविद्यालय जब लौटेंगे. इस बात को अवश्य याद रखें कि एक कुलपति के नाते मैंने इस विश्वविद्यालय की सुरक्षा और यहां के छात्रों की भलाई का वचन दिया है. प्रोफेसर तारिक मंसूर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि  विश्वविद्यालय परिसर में अराजकता के वातावरण से एएमयू की छवि धूमिल होगी और झूठी अफवाहों को बल मिलेगा. कुलपति ने पत्र में कहा है कि उन्हें विश्वविद्यालय के छात्रों के विवेक पर पूर्ण विश्वास है और यह आशा है कि वह स्वार्थी तथा अवसरवादी तत्व को अपनी समस्याओं का दुरुपयोग करने का अवसर नहीं देंगे. कुलपति ने कहा है कि छात्र ऐसे शरारती तत्वों को चिन्हित करने में प्रशासन की सहायता करें.


Conclusion:कुलपति ने कहा कि 15 दिसंबर की रात को जो निर्णय लिया गया था. वह विश्वविद्यालय की भलाई के लिये था . पत्र में बताया गया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया के दो छात्रों की मृत्यु की अफवाह से छात्र उग्र हो गए. जब हमने स्थिति को काबू से बाहर जाते देखा. तो हमें इसके अनुरूप निर्णय लेना पड़ी. उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णयों से हम सबक लेते हैं. और पूरी विनम्रता के साथ हम भविष्य में बेहतर करने का प्रयास करते हैं. वही हॉस्टल खाली कराने पर कुलपति ने कहा की परिस्थितियों के अनुसार सोच समझकर निर्णय लिया गया. इसमें कुछ छात्रों को परेशानी हुई. जिसके लिए खेद जताया है. एएमयू कुलपति ने पत्र में कहा है कि इस कठिन समय में हमें मिलजुल कर काम करना चाहिए. ताकि एएमयू वर्तमान तथा भविष्य की पीढ़ियों के सपनों को साकार करने में तत्पर रहें. कुलपति ने पत्र के अंतिम पैरा में कहा है कि छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के जज्बे का सम्मान करता हूं. छात्रों को शांतिपूर्वक एवं लोकतांत्रिक रूप से अपने विचार रखने का अधिकार है. कुलपति ने लिखा है कि एएमयू प्रशासन छात्रों के अधिकारों को कुचलने का पक्षधर नहीं है. स्वस्थ लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है. 

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