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अलीगढ़ में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया गया अलग से ऑपरेशन थिएटर

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक दिशा निर्देश तैयार किये गए हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है.

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Published : Apr 20, 2020, 10:53 PM IST

अलीगढ़ में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया गया अलग से ऑपरेशन थिएटर
अलीगढ़ में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया गया अलग से ऑपरेशन थिएटर

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक दिशा निर्देश तैयार किये गए हैं. जो गर्भवती महिला, प्रसूति से सम्बन्धित चिकित्सकों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिये लाभप्रद होगा.

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अलीगढ़ में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया गया अलग से ऑपरेशन थिएटर

एक सप्ताह के भीतर लेबर रूम तथा ऑपरेशन थियेटर तैयार

गायनाकॉलोजी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर तमकीन खान ने बताया कि कोरोना वायरस से संबंधित दिशा निर्देशों को जेएन मेडीकल कॉलेज ने पहले ही अपना लिया है. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने रीजनल रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर को कोविड-19 के आईसोलेशन यूनिट में बदलने की मंजूरी प्रदान कर दी थी और कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद सिद्दीकी, मेडीकल सुप्रिंटेंडेंट प्रोफेसर हारिस खान तथा प्रोफेसर अफजाल अनीस की सहायता से एक सप्ताह के भीतर लेबर रूम तथा ऑपरेशन थियेटर तैयार किया जा चुका है.

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अलीगढ़ में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया गया अलग से ऑपरेशन थिएटर



गर्भवती महिलाओं की प्रसूति संक्रमणरहित क्यूबिकल्स में कराई जायेगी

प्रोफेसर खान ने बताया कि इन दिशा निर्देशों की सहायता से महिला रोग एवं प्रसूति से जुड़े स्वास्थ्यकर्मी अब आसानी से रोगियों, विशेष कर गर्भवती महिलाओं की कोविड जांच, उनकी यात्राओं तथा उनके आवासीय स्थान आदि का रिकार्ड रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रसूति संक्रमणरहित क्यूबिकल्स में कराई जायेगी ताकि एक रोगी से दूसरे रोगी को संक्रमण का खतरा न हो. उन्होंने कहा कि सीजेरियन मामलों में महिलाओं को कोविड संदिंग्ध मैटरनिटी ओटी में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. उनमें सांस लेने की कठिनाई आदि की समय-समय पर जांच की जायेगी.

प्रसूति के दौरान होने वाले संक्रमण का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता


प्रोफेसर खान ने बताया कि अब तक की निगरानी से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण की दर इस बीमारी से संक्रमित सामान्य महिलाओं के मुकाबले बहुत कम है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रसूति के दौरान होने वाले संक्रमण का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता. उक्त दिशा निर्देशों में रोगी की स्थिति के अनुरूप उन्हें ऐस्प्रिन, टोकोलाइसिस तथा मैग्नीशियम सलफैट कम डोज में प्रयोग करना सही बताया गया है जबकि आईब्रूफेन तथा इंडोमेथासिन के प्रयोग को सख्ती से मना किया गया है .



अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक दिशा निर्देश तैयार किये गए हैं. जो गर्भवती महिला, प्रसूति से सम्बन्धित चिकित्सकों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिये लाभप्रद होगा.

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अलीगढ़ में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया गया अलग से ऑपरेशन थिएटर

एक सप्ताह के भीतर लेबर रूम तथा ऑपरेशन थियेटर तैयार

गायनाकॉलोजी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर तमकीन खान ने बताया कि कोरोना वायरस से संबंधित दिशा निर्देशों को जेएन मेडीकल कॉलेज ने पहले ही अपना लिया है. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने रीजनल रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर को कोविड-19 के आईसोलेशन यूनिट में बदलने की मंजूरी प्रदान कर दी थी और कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद सिद्दीकी, मेडीकल सुप्रिंटेंडेंट प्रोफेसर हारिस खान तथा प्रोफेसर अफजाल अनीस की सहायता से एक सप्ताह के भीतर लेबर रूम तथा ऑपरेशन थियेटर तैयार किया जा चुका है.

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गर्भवती महिलाओं की प्रसूति संक्रमणरहित क्यूबिकल्स में कराई जायेगी

प्रोफेसर खान ने बताया कि इन दिशा निर्देशों की सहायता से महिला रोग एवं प्रसूति से जुड़े स्वास्थ्यकर्मी अब आसानी से रोगियों, विशेष कर गर्भवती महिलाओं की कोविड जांच, उनकी यात्राओं तथा उनके आवासीय स्थान आदि का रिकार्ड रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रसूति संक्रमणरहित क्यूबिकल्स में कराई जायेगी ताकि एक रोगी से दूसरे रोगी को संक्रमण का खतरा न हो. उन्होंने कहा कि सीजेरियन मामलों में महिलाओं को कोविड संदिंग्ध मैटरनिटी ओटी में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. उनमें सांस लेने की कठिनाई आदि की समय-समय पर जांच की जायेगी.

प्रसूति के दौरान होने वाले संक्रमण का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता


प्रोफेसर खान ने बताया कि अब तक की निगरानी से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण की दर इस बीमारी से संक्रमित सामान्य महिलाओं के मुकाबले बहुत कम है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रसूति के दौरान होने वाले संक्रमण का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता. उक्त दिशा निर्देशों में रोगी की स्थिति के अनुरूप उन्हें ऐस्प्रिन, टोकोलाइसिस तथा मैग्नीशियम सलफैट कम डोज में प्रयोग करना सही बताया गया है जबकि आईब्रूफेन तथा इंडोमेथासिन के प्रयोग को सख्ती से मना किया गया है .



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