अलीगढ़: तालों की नगरी अलीगढ़ के रहने वाले सत्य प्रकाश शर्मा का सपना अधूरा रह गया. वे अयोध्या के राम मंदिर के लिए 400 किलो का ताला भेंट करना चाह रहे थे. इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की थी, लेकिन मंगलवार को हार्ट अटैक से ताला कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा का निधन हो गया. सत्य प्रकाश शर्मा को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार था, लेकिन उससे पहले ही उनका निधन हो गया.
400 किलो ताले की चाबी 30 किलो कीः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद के थाना क्वार्सी क्षेत्र के ज्वालापुरी की गली नंबर 5 में रहने वाले ताला कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणी शर्मा ने मिलकर 400 किलो ग्राम का ताला तैयार किया था. छह फीट दो इंच लंबे और दो फीट साढे़ नौ इंच चौड़े ताले को बनाने में 65 किलोग्राम पीतल लगाया गया. तीन फीट चार इंच लंबी इसकी चाबी करीब 30 किलोग्राम की है.
दो लाख रुपए में बनकर तैयार हुआ 400 किलो का तालाः इसको बनाने में सत्य प्रकाश शर्मा के दो लाख रुपये खर्च हो गए. यह ताला दो माह में बनकर तैयार हुआ था. सत्य प्रकाश ताले को राम मंदिर को भेंट करना चाह रहे थे. लेकिन, उसके पहले ही कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा को मंगलवार को दिल का दौरा पड़ा. जिससे उनकी मौत हो गई. जिसने भी उनकी मौत की खबर सुनी. शोक में डूब गया. सत्य प्रकाश शर्मा का सपना अधूरा रह गया. वह 400 किलो के ताले को राम मंदिर को देना चाह रहे थे, पर ऐसा नहीं हो सका.
सीएम योगी ने ताला अयोध्या मंगवाने का दिया था भरोसाः सत्य प्रकाश शर्मा अपने हुनर के बलबूते प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं. इसके साथ ही अयोध्या के श्री राम मंदिर के ट्रस्टी चंपत राय से भी बातचीत हुई थी. सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुकी हैं. मुख्यमंत्री के स्तर से ताले को अयोध्या मंगवाने का भरोसा भी दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर ताला कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणी शर्मा ने दिल्ली जाकर उन्हें ताला भी गिफ्ट किया था. प्रधानमंत्री ने उनके प्रयास को सराहा भी था.